आरबीआई/डीसीएम/2025-26/131
डीसीएम (सीसी) सं. G-1/03.44.01/2025-26
01 अप्रैल, 2025
अध्यक्ष / प्रबंध निदेशक / मुख्य कार्यपालक अधिकारी
समस्त बैंक
महोदया/प्रिय महोदय,
मास्टर निदेश - आम जनता को ग्राहक सेवा प्रदान करने में कमी के लिए मुद्रा तिजोरियों एवं बैंक शाखाओं हेतु अर्थ दण्ड योजना
आरबीआई अधिनियम, 1934 की प्रस्तावना एवं धारा 45 और बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35 ए के अनुसार भारतीय रिज़र्व बैंक, स्वच्छ नोट नीति के उद्देश्यों को साकार करने और परिचालन दक्षता बढ़ाने के लिए दिशानिर्देश / अनुदेश जारी करता है। बैंक शाखाओं द्वारा उचित ग्राहक सेवा सुनिश्चित करने के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक ने एक दण्ड योजना भी तैयार की है।
2. अद्यतन दिशा-निर्देश/परिपत्रों को शामिल करते हुए इस विषय से संबंधित मास्टर निदेश अनुलग्नक-I में हैं। अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs) और संबंधित दृष्टांत क्रमशः अनुलग्नक-II और अनुलग्नक-III में हैं।
भवदीय
(संजीव प्रकाश)
प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक
संलग्न – यथोक्त
अनुलग्नक-I
मास्टर निदेश - आम जनता को ग्राहक सेवा प्रदान करने में कमी के लिए मुद्रा तिजोरियों एवं बैंक शाखाओं हेतु अर्थ दण्ड योजना
1. मुद्रा तिजोरियों सहित सभी बैंक शाखाओं के लिए दण्ड की योजना तैयार की गई है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सभी बैंक शाखाएं/मुद्रा तिजोरियाँ स्वच्छ नोट नीति के उद्देश्यों को ध्यान में रखते हुए तथा परिचालन दक्षता में वृद्धि करने के लिए आम जनता/संबद्ध बैंक शाखाओं को बेहतर ग्राहक सेवा प्रदान कर रहीं हैं।
2. दण्ड
भारतीय रिज़र्व बैंक को भेजे गये विप्रेषण, मुद्रा तिजोरियों के परिचालन संबंधित दिशानिर्देशों के अनुपालन, समझौता ज्ञापन, नोटों के विनिमय, एटीएम में नकदी की गैर-आपूर्ति आदि में पायी गयी कमियों के लिए बैंकों पर लगाये जाने वाले दण्ड निम्नानुसार होंगे:
क्रम संख्या |
अनियमितता का प्रकार |
दण्ड |
i. |
गंदे नोटों के विप्रेषणों में नोटों की कमी और मुद्रा तिजोरी शेषों में नोटों और सिक्कों की कमी |
₹50 तक के मूल्यवर्ग के नोटों के लिए हानि की राशि के अतिरिक्त प्रति नोट ₹50/-।
₹100 तथा इससे ऊपर के मूल्यवर्ग के नोटों के लिए हानि के अतिरिक्त प्रति नोट के मूल्यवर्ग के मूल्य के बराबर।
सारे मूल्यवर्ग के सिक्कों के लिए हानि के अतिरिक्त प्रति सिक्के के मूल्यवर्ग के मूल्य के बराबर।
हानि की वसूली तथा दण्ड का काम, कमी का पता लगते ही, नोटों की संख्या को ध्यान में रखे बिना, तुरंत किया जाएगा। |
ii. |
गंदे नोट विप्रेषणों और मुद्रा तिजोरी शेषों में पाए गये जाली नोट |
काउंटर पर प्रस्तुत किए गए नोटों की प्रामाणिकता की जांच मशीनों द्वारा परीक्षण किया जाएगा। इसी प्रकार से, बैक ऑफिस / मुद्रा तिजोरी में थोक निविदा के माध्यम से सीधे ही प्राप्त बैंक नोट मशीनों के माध्यम से प्रामाणीकृत किए जाएंगे। बैंकों के स्तर पर पता लगाये गये जाली नोटों की जब्ती में असफलता को संबंधित बैंक की जाली नोटों के संचलन में इरादतन संलिप्तता मानी जाएगी और उन पर दण्ड लगाया जायेगा।
दिनांक 01 अप्रैल, 2025 के परिपत्र संख्या डीसीएम (एफएनवीडी) सं.जी-4/16.01.05/2025-26 के माध्यम से जारी अनुदेशों के अनुसार दण्ड लगाया जाएगा। |
iii. |
गंदे नोट विप्रेषणों और मुद्रा तिजोरी शेषों में पाए गये कटे-फटे नोट (जानबूझ कर काटे गए तथा बनाए गए नोटों सहित) |
हानि के अतिरिक्त मूल्यवर्ग को ध्यान में रखे बिना निरपेक्ष रूप से प्रति नोट ₹50/-।
हानि की वसूली तथा दण्ड का आरोपण, पता लगते ही, नोटों की संख्या को ध्यान में रखे बिना, तुरंत किया जाएगा। |
iv. |
आरबीआई के अधिकारियों द्वारा मुद्रा तिजोरियों में परिचालनात्मक अनुदेशों का गैर-अनुपालन का पाया जाना, जैसे -
क. सीसीटीवी कार्यरत न होना, सीसीटीवी से संबन्धित नियमों / दिशानिर्देशों, रिकॉर्डिंग परिरक्षण अवधि तथा संबन्धित मामलों का पालन न करना।
ख. सुरक्षा कक्ष (मुद्रा तिजोरी वॉल्ट) में रखी शाखा की नकदी/दस्तावेज़।
ग. नोटों की छंटाई के लिए नोट सॉर्टिंग मशीन (एनएसएम) का उपयोग न करना (उच्च मूल्यवर्ग के नोटों की छंटाई के लिए एनएसएम का उपयोग नहीं करना अर्थात ₹100 तथा इससे अधिक मूल्यवर्ग के नोट जो काउंटर से प्राप्त किए गए हैं अथवा मुद्रा तिजोरी/आरबीआई को विप्रेषित किए गए नोटों की छंटाई के लिए उपयोग नहीं करना), निर्धारित मानदंड के अनुसार नोट सॉर्टिंग मशीन को अद्यतित न करना या एनएसएम का अवरुद्ध रहना, इत्यादि
घ. मुद्रा तिजोरी शेषों का, (i) उसकी अभिरक्षा से असंबद्ध अधिकारियों द्वारा द्विमासिक अंतराल पर और (ii) नियंत्रक कार्यालय के अधिकारियों द्वारा छ: माह के अंतराल पर, आकस्मिक सत्यापन न किया जाना। |
प्रत्येक अनियमितता के लिए ₹5000 का दण्ड।
आगामी निरीक्षण अवधि या उससे पहले अनियमितता की पुनरावृत्ति होने पर दंड ₹10,000 तक बढ़ाया जायेगा।
दण्ड तत्काल रूप से प्रभावी होगा। |
v. |
भारतीय रिज़र्व बैंक के साथ किये गये करार (मुद्रा तिजोरियां खोलने और उनके रखरखाव के लिए) की किसी भी शर्त का उल्लंघन या विनिमय सुविधाएं प्रदान करने से संबंधित सेवा में भारतीय रिज़र्व बैंक के अधिकारियों द्वारा पायी गयी कमी जैसे कि:
क. सिक्कों का स्टॉक होने के बावजूद, किसी भी व्यक्ति को काउंटर पर सिक्कों का वितरण न करना।
ख. किसी भी व्यक्ति द्वारा प्रस्तुत गंदे नोटों के विनिमय के लिए / कटे-फटे / अपूर्ण नोटों के अधिनिर्णयन के लिए, किसी बैंक शाखा द्वारा मना करना।
ग. अन्य बैंकों की संबद्ध शाखाओं को सुविधाएं/सेवाएं देने से इनकार करना।
घ. आम जनता और संबद्ध शाखाओं द्वारा विनिमय/जमा हेतू प्रस्तुत कम मूल्यवर्ग (अर्थात ₹50 और उससे कम मूल्यवर्ग) के नोटों को अस्वीकृत करना।
ङ. मुद्रा तिजोरी शाखाओं द्वारा तैयार किये गये पुन: जारी करने योग्य नोटों के पैकेटों में आरबीआई द्वारा कटे-फटे, निर्मित, जाली नोट पाया जाना। |
करार के उल्लंघन/सेवा में कमी के लिए ₹10,000।
एक वित्तीय वर्ष में क्रमिक निरीक्षण चक्र में या उससे पूर्व मुद्रा तिजोरी / शाखा द्वारा करार के उल्लंघन / सेवा में कमी की 5 से अधिक घटनाओं के लिए ₹5 लाख। इस प्रकार लगाये गये दंड को सार्वजनिक वेबसाइट (पब्लिक डोमेन) पर सूचित किया जायेगा।
दण्ड तत्काल रूप से प्रभावी होगा। |
vi |
एटीएम में नकदी की गैर-आपूर्ति |
एटीएम में नकदी की गैर-आपूर्ति पर जुर्माने की योजना यह सुनिश्चित करने के लिए तैयार की गई है कि एटीएम के माध्यम से जनता को पर्याप्त नकदी उपलब्ध हो।
दिनांक 10 अगस्त, 2021 के परिपत्र डीसीएम (आरएमएमटी) संख्या एस153/11.01.01/2021-22 के प्रावधानों और उसके बाद जारी निर्देशों के अनुसार दंड लगाया जाएगा। |
3. दण्ड आरोपण से संबंधित परिचालनगत दिशानिर्देश –
3.1 सक्षम प्राधिकारी
विसंगतियों का स्वरूप निर्धारित करने के लिए, उस क्षेत्रीय कार्यालय के निर्गम विभाग के प्रभारी अधिकारी ही सक्षम प्राधिकारी होंगें जिनके क्षेत्राधिकार में चूककर्ता मुद्रा तिजोरी/ बैंक शाखा स्थित है।
3.2 अपीलीय प्राधिकारी
(i) सक्षम प्राधिकारी के निर्णय के खिलाफ की जानेवाली अपील, डेबिट करने के एक माह के भीतर संबंधित मुद्रा तिजोरी/शाखा के नियंत्रक कार्यालय द्वारा संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय के क्षेत्रीय निदेशक / मुख्य महाप्रबंधक/ कार्यालय प्रभारी को की जाए, जो ऐसी अपील को स्वीकार(आंशिक तौर पर/या पूर्ण)/अस्वीकार करने का निर्णय लेंगे। दंड से छूट के अनुरोध पर तभी विचार किया जाएगा जब इसके लिए निर्धारित समय सीमा के भीतर सीवाईएम-सीसी पोर्टल में आवेदन किया गया हो। किसी अन्य प्रणाली द्वारा किये गये छूट के अनुरोधों पर विचार नहीं किया जाएगा। अपील नियमित रूप से या सामान्य कारणों के आधार पर नहीं की जानी चाहिए।
(ii) स्टाफ नया होना/अप्रशिक्षित होना, स्टाफ में जानकारी का अभाव, सुधारात्मक उपाय किये गये हैं/ किये जाएंगे, आदि के आधार पर दण्ड से छूट के लिए किये गये अपीलों पर विचार नहीं किया जाएगा।
अनुलग्नक-II
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
मास्टर निदेश - आम जनता को ग्राहक सेवा प्रदान करने में कमी के लिए मुद्रा तिजोरियों एवं बैंक शाखाओं हेतु अर्थ दण्ड योजना
1. स्वच्छ नोट नीति क्या है?
यह आरबीआई द्वारा जनता के सदस्यों को अच्छी गुणवत्ता वाले बैंक नोटों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए अपनाई गई नीति है।
2. समझौता ज्ञापन (एमओए) क्या है?
मुद्रा तिजोरी की स्थापना को लेकर दिए गए आवेदन पर विचार करने के पूर्व, भारतीय रिजर्व बैंक और संबंधित बैंक के बीच एक सामान्य समझौता ज्ञापन दर्ज किया जाता है, जिसमें बैंक को मुद्रा तिजोरियों की ज़िम्मेदारियाँ सौंपने के लिए नियम और शर्तें निर्धारित की जाती हैं।
3. संबंधित शाखाएँ (linked branches) क्या हैं?
ये वे बैंक शाखाएं हैं जो लिंकेज योजना के तहत आस-पास की मुद्रा तिजोरियों से जुड़ी हुई हैं। यह योजना मुख्य रूप से भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा इस उद्देश्य से तैयार की गई है कि जहां तक संभव हो सके, सभी गैर- मुद्रा तिजोरी बैंक शाखाओं को एक ही केन्द्र पर तिजोरी संबंधी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सकें।
4. ‘गंदे’, ‘कटे-फटे’ और ‘अपूर्ण’ नोट क्या हैं?
"गंदे नोट" से अभिप्राय ऐसे नोट से है, जो प्रयोग के कारण गंदा हुआ हो और इसमें आपस में जुडे दो टुकडे नोट भी शामिल है जहाँ प्रस्तुत किये गये दोनो टुकड़े एक ही नोट के हो और इस तरह पूर्ण नोट बनाते हों; “कटे-फटे नोट" से अभिप्राय ऐसा नोट से है जिसका एक भाग न हो या जो दो टुकडों से अधिक टुकड़ों को जोडकर बनाया गया हो; और “अपूर्ण नोट” से अभिप्राय ऐसे किसी नोट से है, जो पूर्णतः या अंशत: विरूपित, सिकुड़ा हुआ, गीले होने के कारण फीका हुआ, परिवर्तित या अस्पष्ट हो, परंतु इसमें कटा-फटा नोट सम्मिलित नहीं है।
अनुलग्नक-III
दृष्टांत
मास्टर निदेश - आम जनता को ग्राहक सेवा प्रदान करने में कमी के लिए मुद्रा तिजोरियों एवं बैंक शाखाओं हेतु अर्थ दण्ड योजना
1. गंदे नोट विप्रेषण (एसएनआर) में नोटों की कोताही और मुद्रा तिजोरी शेष में नोटों और सिक्कों की कमी के लिए जुर्माना:
उदाहरण:
कमी पाई गई (संख्यावार) |
मूल्यवर्ग |
जुर्माना राशि और वसूली गई हानि (₹)
(₹50 तक - नुकसान के अलावा प्रति पीस ₹50)
(₹100 और उससे अधिक - नुकसान के अलावा प्रति पीस मूल्य के बराबर) |
100 |
20 |
जुर्माना राशि ₹5,000/- (50*100) और नुकसान ₹2,000/- (20*100) |
50 |
100 |
जुर्माना राशि ₹5,000/- (100*50) और नुकसान ₹5,000/- + (100*50) |
2. गंदे नोट विप्रेषण और मुद्रा तिजोरी शेष में पाए गए कटे-फटे नोटों (जानबूझकर काटे गए नोट और निर्मित नोट सहित) के लिए जुर्माना
उदाहरण:
पाए गए कटे-फटे नोट (संख्यावार) |
मूल्यवर्ग |
जुर्माना राशि और वसूली गई हानि (₹)
सभी मूल्यवर्ग - नुकसान के अलावा ₹50/- प्रति पीस |
200 |
200 |
जुर्माना राशि ₹10,000/- (50*200) एवं नुकसान ₹40,000/- (200*200) |
3. आरबीआई के अधिकारियों द्वारा मुद्रा तिजोरियों में परिचालनात्मक अनुदेशों का गैर-अनुपालन का पाया जाना
सीसीटीवी का काम न करना, सीसीटीवी से संबंधित नियमों/दिशा-निर्देशों जैसे रिकॉर्डिंग, संरक्षण अवधि, और संबंधित मुद्दों के मामले में, प्रत्येक अनियमितता के लिए ₹5,000/- का जुर्माना लगाया जाएगा। लगातार निरीक्षण चक्रों या उससे पहले अनियमितता की पुनरावृत्ति/पुनरावृत्ति के मामले में जुर्माना बढ़ाकर ₹10,000/- कर दिया जाएगा।
उदाहरण: यदि निरीक्षण/लेखा परीक्षा के दौरान मुद्रा तिजोरियों में सीसीटीवी निष्क्रिय पाया जाता है, तो ₹5,000/- का जुर्माना लगाया जाएगा। यदि अगले निरीक्षण चक्र या उससे पहले यही समस्या फिर से सामने आती है, तो ₹10,000/- का जुर्माना लगाया जाएगा। |