भारिबैं/2024-25/128
विवि.सीएपी.आरईसी.सं.68/21.01.002/2024-25
21 मार्च 2025
महोदय/महोदया,
विनियामकीय पूंजी प्रयोजन के लिए उपयोग-का-अधिकार (आरओयू) वाली आस्ति का निष्पादन
कृपया देखें:
क) मास्टर निदेश के पैरा 5.1.25 और 107.2 - भारतीय रिज़र्व बैंक (गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) - स्केल आधारित विनियमन निदेश, 2023 - (स्वाधिकृत निधि और सामान्य इक्विटी टियर 1 (सीईटी 1) पूंजी की परिभाषा)
ख) मास्टर निदेश का पैरा 4.1.28 - गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी – आवास वित्त कंपनी (एचएफसी) (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2021 - (स्वामित्व वाली निधि की परिभाषा)
ग) कोर निवेश कंपनियां (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2016 का पैरा 3.(1)(xxii) – (स्वाधिकृत निधि की परिभाषा)
घ) बंधक गारंटी कंपनियां (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2016 का पैरा 3(ए)(xxv) – (स्वाधिकृत निधि की परिभाषा)
ङ) मास्टर निदेश का पैरा 3.1(xi) – भारतीय रिज़र्व बैंक (आस्ति पुनर्निर्माण कंपनियां) निदेश, 2024 – (स्वाधिकृत निधि की परिभाषा)
च) मास्टर निदेश – एकल प्राथमिक व्यापारी (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2016 का पैरा 3(iv) - (टियर 1 पूंजी की परिभाषा)
ऊपर उल्लिखित अनुदेशों के अनुसार स्वाधिकृत निधि/सीईटी 1 पूंजी/टियर 1 पूंजी की गणना करते समय अमूर्त आस्तियों के बही मूल्य को घटाया जाना आवश्यक है।
2. भारतीय लेखांकन मानक (इंड एएस) 116 - पट्टे के संदर्भ में, अधिकांश पट्टे, पट्टेदार की तुलन पत्र पर पट्टा भुगतान करने के दायित्व (देयता) और संबंधित आरओयू आस्ति (आस्ति) के रूप में दर्शाए जाएंगे। हमें विनियामक पूंजी/स्वाधिकृत निधि की गणना के लिए आरओयू आस्तियों के निष्पादन पर विभिन्न एनबीएफसी (पट्टेदार के रूप में उनकी क्षमता में) से संदर्भ प्राप्त हुए हैं।
3. इस संबंध में, यह स्पष्ट किया जाता है कि विनियमित संस्थाओं को स्वाधिकृत निधि/सीईटी 1 पूंजी/टियर 1 पूंजी (जैसा भी मामला हो) से आरओयू आस्ति (इंड एएस 116-पट्टे के अनुसार सृजित) को घटाए जाने की आवश्यकता नहीं होगी, बशर्ते कि पट्टे पर ली जा रही अंतर्निहित आस्ति एक मूर्त आस्ति हो। आरओयू आस्ति 100 प्रतिशत जोखिम-भारित होगी, जो स्वाधिकृत मूर्त आस्तियों पर ऐतिहासिक रूप से लागू जोखिम भार के अनुरूप होगी।
4. उपर्युक्त संशोधन/परिवर्तन संबंधित मास्टर निदेशों में शामिल कर लिए गए हैं, जिनका विवरण नीचे अनुबंध 1 से अनुबंध 6 में दिया गया है।
प्रयोज्यता
5. यह परिपत्र तत्काल प्रभाव से सभी एनबीएफसी (एचएफसी सहित) और कंपनी (भारतीय लेखांकन मानक) नियम, 2015 को लागू करने वाली आस्ति पुनर्निर्माण कंपनियों पर लागू है।
भवदीया
(उषा जानकीरामन)
प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक |