आरबीआई/2011-12/323
शबैंवि.बीपीडी.(पीसीबी)परि.सं. 16/13.01.000/2011-12
28 दिसंबर 2011
मुख्य कार्यपालक अधिकारी
सभी प्रथमिक (शहरी) सहकारी बैंक
महोदय /महोदया
अनिवासी (बाह्य) रुपया (एनआरई) जमाराशियों तथा
साधारण अनिवासी (एनआरओ) खातों पर ब्याज दरों का विनियंत्रण
कृपया 24 नवंबर 2011 का अनिवासी (बाह्य) रुपया (एनआरई) जमाराशियों पर ब्याज दरे पर हमारा परिपत्र शबैंवि.बीपीडी.(पीसीबी)परि.सं. 12/13.01.000/2011-12 तथा 25 नवंबर 2011 का बचत बैंक जमाराशि ब्याज दर के विनियंत्रण पर हमारा परिपत्र शबैंवि. बीपीडी (पीसीबी) परि.सं. 13/13.01.000/2011-12 का पैराग्राफ 4 देखें ।
2. अनिवासी जमाराशियां जुटाने में बैंकों को अधिक लचीलापन प्रदान करने के लिए तथा बाजार की मौजूदा स्थितियों को भी ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है कि अनिवासी (बाह्य) रुपया (एनआरई) जमाराशियों तथा साधारण अनिवासी (एनआरओ) जमाराशि खातों [साधारण अनिवासी (एनआरओ) खातों के अंतर्गत मीयादी जमाराशियों पर ब्याज दरों को पहले ही विनियंत्रित कर दिया गया है] पर ब्याज दरों को विनियंत्रित किया जाए । तदनुसार, बैंक अनिवासी (बाह्य) रुपया (एनआरई) जमाराशि खातों के अंतर्गत बचत जमाराशियों तथा एक वर्ष और उससे अधिक परिपक्वता अवधि की मीयादी जमाराशियों तथा साधारण अनिवासी (एनआरओ) खातों के अंतर्गत बचत जमाराशियों पर अपनी ब्याज दरें तत्काल प्रभाव से निर्धारित करने के लिए स्वतंत्र हैं । तथापि, बैंकों द्वारा एनआरई तथा एनआरओ जमाराशियों पर दी जाने वाली ब्याज दरें उन ब्याज दरों से अधिक नहीं हो सकतीं जो उनके द्वारा तुलनीय घरेलू रुपया जमाराशियों पर दी जाती हैं ।
3. ऐसी जमाराशियों पर ब्याज दरें निर्धारित करते समय बैंकों द्वारा बोर्ड/आस्ति प्रबंधन समिति (यदि बोर्ड द्वारा शक्तियां प्रत्यायोजित की गई हों) का पूर्वानुमोदन प्राप्त किया जाए । किसी समय विशेष पर सभी बैंकों द्वारा अपनी सभी शाखाओं पर एक समान दरें दी जानी चाहिए ।
4. संशोधित जमाराशि दरें केवल नई जमाराशियों तथा परिपक्व होने वाली जमाराशियों के नवीकरण पर लागू होंगी । इसके अतिरिक्त, बैंकों को विनियंत्रण के कारण उत्पन्न होने वाली अपनी बाह्य देयता की सघन निगरानी करनी चाहिए तथा प्रणालीगत जोखिम के दृष्टिकोण से आस्ति-देयता अनुकूलता को सुनिश्चित करना चाहिए ।
5. इस संबंध में 28 दिसंबर 2011 का संशोधनकारी निदेश शबैंवि.बीपीडी. डीआईआर.सं 5/ 13.01.000/ 2011-12 संलग्न है ।
भवदीय
(ए.उदगाता)
प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक
अनु : यथोक्त
शबैंवि बीपीडी. डीआईआर.सं. 5/13.01.000/2011-12
28 दिसंबर 2011
अनिवासी (बाह्य) रुपया (एनआरई) जमाराशियों तथा
साधारण अनिवासी (एनआरओ) खातों पर ब्याज दरों का विनियंत्रण
बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35क के साथ पठित धारा 56 के द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए अनिवासी (बाह्य) (एनआरई) जमाराशियों पर ब्याज दरों पर 23 नवंबर 2011 के निदेश शबैंवि. बीपीडी. डीआईआर. सं 2/13.01.000/2011-12 में संशोधन करते हुए तथा बचत बैंक जमाराशि ब्याज दरों का विनियंत्रण पर 25 नवंबर 2011 के निदेश शबैंवि. बीपीडी. डीआईआर.सं. 4/13.01.000/2011-12 के अनुक्रम में इस बात से संतुष्ट होकर कि ऐसा करना जनहित में आवश्यक तथा समयोचित है, भारतीय रिज़र्व बैंक एतदद्वारा निदेश देता है कि बैंक अनिवासी (बाह्य) रुपया (एनआरई) जमाराशि खातों के अंतर्गत बचत जमाराशियों तथा एक वर्ष और उससे अधिक परिपक्वता अवधि की मीयादी जमाराशियों तथा साधारण अनिवासी (एनआरओ) खातों के अंतर्गत बचत जमाराशियों पर अपनी ब्याज दरें तत्काल प्रभाव से निर्धारित करने के लिए स्वतंत्र हैं । तथापि, बैंकों द्वारा एनआरई तथा एनआरओ जमाराशियों पर दी जाने वाली ब्याज दरें उन ब्याज दरों से अधिक नहीं हो सकतीं जो उनके द्वारा तुलनीय घरेलू रुपया जमाराशियों पर दी जाती हैं ।
(एस.करुप्पसामी)
कार्यपालक निदेशक |