भारिबैंक/2011-12/484
ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 103
03 अप्रैल 2012
सभी श्रेणी - । प्राधिकृत व्यापारी बैंक
महेदया/महोदय,
स्वर्ण के आयात से संबंधित डाटा - विवरण - संशोधन
प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी - । बैंकों का ध्यान 9 जुलाई 2004 के ए.पी.(डीआईआर सीरीज़) परिपत्र सं. 2 के पैरा 4 (v) की ओर आकृष्ट किया जाता है, जिसके अनुसार प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी - । बैंकों से अपेक्षित है कि वे (i) निर्यात उन्मुख ईकाईयों (EOUs) (ii) एसईजेड / ईपीजेड की ईकाईयों और (iii) नामित एजेंसियों / बैंकों द्वारा आयात किए गए स्वर्ण संबंधी लेनदेनों की संख्या और मूल्य को मिलियन अमरीकी डॉलर और करोड़ रुपये में दर्शाने वाला मासिक विवरण प्रस्तुत करें ।
2. यह निर्णय लिया गया है कि स्वर्ण के आयात से संबंधित संपूर्ण रिपोर्टिंग प्रणाली को और तर्कसंगत बनाया जाए । तदनुसार, प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी - । बैंक अब से निम्नलिखित विवरण मुख्य महाप्रबंधक, भारतीय रिज़र्व बैंक, विदेशी मुद्रा विभाग, केंद्रीय कार्यालय, व्यापार प्रभाग, अमर भवन, फोर्ट, मुंबई 400001 को प्रस्तुत करेंगे:
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नामित बैंको / एजेंसियों / रत्न और जवाहरात क्षेत्रगत निर्यात उन्मुख ईकाईयों (EOUs)/ एसईजेड द्वारा आयातित स्वर्ण की मात्रा, मूल्य और भुगतान-वार तरीके को दर्शाने वाला अर्ध वार्षिक विवरण (मार्च / सितंबर को समाप्त) संलग्नक `ए' के अनुसार प्रस्तुत किया जाए;
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नामित एजेंसियों (नामित बैंकों को छोड़कर) / रत्न और जवाहरात क्षेत्रगत निर्यात उन्मुख ईकाईयों (EOUs)/ एसईजेड द्वारा रिपोर्ट किए जाने वाले माह के दौरान आयातित स्वर्ण की मात्रा और मूल्य के साथ-साथ रिपोर्ट किए जाने वाले माह के अंत में उनकी संचयी स्थिति को दर्शाने वाला मासिक विवरण संलग्नक `बी' के अनुसार वित्तीय वर्ष के प्रथम माह से प्रस्तुत किया जाना प्रारंभ किया जाए।
उल्लिखित दोनों विवरण प्रस्तुत किए जाएंगे भले ही आँकड़ों की स्थिति `शून्य' हो और संबंधित माह/अर्ध वर्ष के अनुवर्ती माह की दस तारीख तक भारतीय रिज़र्व बैंक के उल्लिखित कार्यालय को पहुँच जाने चाहिए । ये विवरण ई-मेल से भी प्रस्तुत किए जाएं ।
3. 09 जुलाई 2004 के ए.पी.(डीआईआर सीरीज़) परिपत्र सं. 02 में निहित सभी अन्य अनुदेश यथावत बने रहेंगे ।
4. इस परिपत्र में निहित निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम (फेमा), 1999 की धारा 10(4) और 11(1) के अंतर्गत और किसी अन्य विधि के अधीन वांछित किसी अन्य अनुमति/अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना जारी किए गए हैं।
भवदीया,
(डॉ सुजाता एलिज़ाबेथ प्रसाद)
प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक
संलग्नक – 'ए'
---------- को समाप्त अर्ध वर्ष के लिए आयातित स्वर्ण संबंधी विवरण
बैंक का नाम:
भुगतान का तरीका |
आयातित स्वर्ण की मात्रा (कि.ग्रा.में) |
आयातित स्वर्ण का मूल्य |
नामित बैंक/ एजेंसी |
ईओयु/ एसईजेड |
मिलियन अमरीकी डॉलर में |
मिलियन रुपये में |
नामित बैंक/ एजेंसी |
ईओयु/
एसईजेड |
नामित बैंक/ एजेंसी |
ईओयु/
एसईजेड |
(i )किए गए भुगतान के आधार पर सुपुर्दगी |
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(ii) आपूर्तिकर्ता द्वारा दिए गए उधार के आधार पर |
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(iii) परेषण के आधार पर |
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(iv) अनियत मूल्य आधार पर |
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नोट: एकल आयातक के संबंध में लेनदेन के पूर्ण ब्योरे उन मामलों में प्रस्तुत किए जाएं जहाँ समग्र निर्यात मूल्य 50 मिलियन अमरीकी डॉलर से अधिक हो ।
संलग्नक – 'बी'
प्राधिकृत व्यापारी बैंक का नाम:-----------------------------------------------------------
वित्तीय वर्ष-------- के दौरान -------- माह के लिए गैर-बैंक नामित(Non-bank nominated)/ अन्य एजेंसियों द्वारा स्वर्ण के आयात से संबंधित आँकड़े
क्रम सं. |
नामित एजेंससियों का नाम |
चालू माह के लिए |
वित्तीय वर्ष के चालू माह तक |
टिप्पणी,
यदि कोई हो |
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मात्रा
कि.ग्रा. में |
अमरीकी डॉलर में मूल्य |
मात्रा
कि.ग्रा. में |
अमरीकी डॉलर में मूल्य |
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I.गैर-बैंक नामित एजेंसियों द्वारा स्वर्ण का आयात |
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2 |
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3 |
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4 |
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5 |
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उप-जोड़ |
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II.रत्न और जवाहरात क्षेत्रगत ईओयूएस द्वारा स्वर्ण का आयात |
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2 |
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3 |
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उप-जोड़ |
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III.रत्न और जवाहरात क्षेत्रगत एसईजेडएस द्वारा स्वर्ण का आयात |
1 |
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2 |
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3 |
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उप-जोड़ |
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कुल-जोड़ |
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