आरबीआइ/2012-13/141
ग्राआऋवि.केंका.आरसीबी.बीसी.डीआइआर 15/07.38.01/2012-13
23 जुलाई 2012
सभी राज्य और केन्द्रीय सहकारी बैंक
महोदय
सामान्य अनिवासी (एनआरओ) और अनिवासी (बाह्य)
(एनआरई) खातों में रहनेवाली जमाराशियों पर ब्याज दर
कृपया आप 2 नवंबर 1987 के हमारे परिपत्र ग्राआऋवि. सं.आरएफ.डीआइआर. बीसी.54/डी.1-87/88 के साथ संलग्न हमारे निदेश ग्राआऋवि. सं.आरएफ.डीआइआर. बीसी.53/डी.1-87/88 का पैराग्राफ 4 देखें जिसके अंतर्गत यह स्पष्ट किया गया था कि विद्यमान अथवा सेवानिवृत्त स्टाफ सदस्यों के नाम में खोले गए बचत या मीयादी जमा खातों के मामलो में, स्टाफ सदस्य होने के कारण उन्हें भुगतान किए गए किसी भी अतिरिक्त ब्याज सहित ब्याज दर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा समय-समय पर निर्धारित उच्चतम सीमा से अधिक नहीं होना चाहिए ।
2. समीक्षा करने पर अब यह निर्णय लिया गया है कि बैंकों को अनिवासियों की किसी भी प्रकार की जमाराशियों पर अतिरिक्त ब्याज दर का लाभ नहीं देना चाहिए । तदनुसार एनआरई/एनआरओ खातों के अंतर्गत जमाराशियों पर बैंक के अपने स्टाफ को उपलब्ध एक प्रतिशत प्रतिवर्ष की अतिरिक्त ब्याज दर का लाभ देने के संबंध में बैंकों को प्रदान किया गया विवेकाधिकार हटाया गया है ।
3. इससे संबंधित समय-समय पर संशोधित, अन्य सभी अनुदेश अपरिवर्तनीय रहेंगे ।
भवदीय
(सी.डी.श्रीनिवासन)
मुख्य महाप्रबंधक |