भारिबैंक/2012-13/245
ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 42
12 अक्तूबर 2012
सभी प्राधिकृत व्यक्ति
महोदया/महोदय,
फिन-नेट (FINnet) गेटवे पर 'टेस्ट मोड' में रिपोर्टों को अपलोड करना
कृपया 27 नवंबर 2009 के ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं.17 [ए.पी.(एफएल/आरएल सीरीज) परिपत्र सं. 04] के संलग्नक का एफ-भाग-III देखें, जिसमें प्राधिकृत व्यक्तियों के लिए धन शोधन निवारण (पीएमएल) नियम 2005 के तहत यथा अपेक्षित रिपोर्टिंग फार्मेट विनिर्दिष्ट किए गए थे। इस संबंध में, हम आपका ध्यान वित्तीय आसूचना एकक-भारत के 31 मार्च 2011 के पत्र एफ.सं. 9-29/2011-एफआईयु-आईएनडी की ओर आकर्षित करते हैं, जिसमें प्राधिकृत व्यक्तियों को सूचित किया गया था कि वे रिपोर्टिंग फार्मेटों अर्थात नकदी लेनदेन रिपोर्टों (सीटीआरएस) तथा संदेहास्पद लेनदेन रिपोर्टों (एसटीआरएस) का अध्ययन करें और एक्सएमएल फार्मेट विशेषताओं से युक्त रिपोर्टें जेनरेट करने की क्षमता विकसित करने के लिए तत्काल कार्रवाई शुरू करने और वित्तीय आसूचना एकक-भारत द्वारा सूचित किए जाने पर नए फार्मेट लागू करने के लिए तैयार रहें।
2. वित्तीय आसूचना एकक-भारत ने अब अपने 28 अगस्त 2012 के पत्र एफ.सं.9-29/2011- एफआईयु-आईएनडी (पत्र की विषय वस्तु संलग्नक में दी गयी है) द्वारा सूचित किया है कि सभी प्राधिकृत व्यक्तियों को ईलेक्ट्रानिक पद्धति से रिपोर्ट अपलोड करने की अपनी क्षमता की परख करने के लिए 31 अगस्त 2012 से फिन-नेट गेटवे पर 'टेस्ट मोड' में रिपोर्टें प्रस्तुत करना आरंभ करना चाहिए । प्राधिकृत व्यक्तियों को वित्तीय आसूचना एकक-भारत द्वारा परियोजना के 'गो-लाइव' होने के बारे में सूचित करने तक, 'टेस्ट मोड' में इस प्रकार की प्रस्तुति जारी रहेगी । प्राधिकृत व्यक्तियों से यह भी अपेक्षित है कि वे अगली सूचना प्राप्त होने तक वर्तमान अपेक्षा के अनुसार सीडी में मौजूदा रिपोर्टें प्रस्तुत करना जारी रखेंगे । सभी प्राधिकृत व्यक्तियों को तदनुसार सूचित किया जाता है कि वे वित्तीय आसूचना एकक-भारत की अपेक्षा के अनुसार कार्रवाई करें ।
3. 27 नवंबर 2009 के ए.पी. (डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं.17 [ए.पी.(एफएल/आरएल सीरीज) परिपत्र सं. 04] के जरिये जारी सभी अन्य अनुदेश, समय-समय पर यथा संशोधित, यथावत बने रहेंगे ।
4. कृपया आप अपने प्रधान अधिकारी को इस परिपत्र की प्राप्ति सूचना देने के लिए सूचित करें ।
5. इस परिपत्र में निहित निर्देश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10 (4) और धारा 11 (1) और धन शोधन निवारण (संशोधन) अधिनियम, 2009 द्वारा यथा संशोधित धन शोधन निवारण अधिनियम, (पीएमएलए), 2002 और समय समय पर यथा संशोधित धन शोधन निवारण (लेनदेनों के स्वरूप और मूल्य संबंधी अभिलेखों के रखरखाव, रखरखाव की प्रक्रिया और पद्धति तथा जानकारी प्रस्तुत करने के लिए समय और बैंकिंग कंपनियों, वित्तीय संस्थानों और मध्यवर्ती संस्थाओं के ग्राहकों की पहचान के अभिलेखों का सत्यापन और रखरखाव) नियम, 2005 के अंतर्गत और किसी अन्य विधि के अंतर्गत अपेक्षित किसी अनुमति/अनुमोदन पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना जारी किये गये हैं ।
भवदीय,
(रुद्र नारायण कर)
मुख्य महाप्रबंधक |