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अधिसूचनाएं

विदेशी मुद्रा प्रबंध (जमा) विनियमावली, 2000 अनिवासी (बाह्य) रुपया खाते [एनआर(ई)आरए] / विदेशी मुद्रा अनिवासी (बैंक) खाते [एफसीएनआर (बी)] की जमाराशियों की जमानत पर अनिवासियों/तीसरे पक्ष को ऋण

भारिबैंक/2012-13/247
ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 44

12 अक्तूबर 2012

सभी श्रेणी-I प्राधिकृत व्यापारी बैंक और प्राधिकृत बैंक

महोदया/ महोदय,

विदेशी मुद्रा प्रबंध (जमा) विनियमावली, 2000
अनिवासी (बाह्य) रुपया खाते [एनआर(ई)आरए] / विदेशी मुद्रा अनिवासी
(बैंक) खाते [एफसीएनआर (बी)] की जमाराशियों की जमानत पर अनिवासियों/तीसरे पक्ष को ऋण

प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंकों तथा प्राधिकृत बैंकों (बैंकों) का ध्यान जमा खाते में धारित निधियों की जमानत पर ऋण देने के संबंध में, समय-समय पर यथा संशोधित, 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 5/2000-आरबी के जरिये अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (जमा) विनियमावली, 2000 की अनुसूची 1 के पैराग्राफ 6 तथा अनुसूची 2 के पैराग्राफ 9 की ओर आकृष्ट किया जाता है। इसके अलावा, बैंकों का ध्यान 28 अप्रैल 2009 के ए.पी.(डीआईआर सीरीज़) परिपत्र सं. 66 की ओर भी आकृष्ट किया जाता है, जिसके अनुसार यह निर्णय लिया गया था कि अनिवासी (बाह्य) रुपया खाते और विदेशी मुद्रा अनिवासी (बैंक) खाते [एफसीएनआर (बी)] में धारित निधियों की जमानत पर जमाकर्ताओं अथवा तीसरे पक्षों को ऋणों के संबंध में मौजूदा 20 लाख रुपये की सीमा बढ़ा कर 100 लाख रुपये कर दी जाए ।

2. फेमा, 1999 के तहत व्यक्तियों को प्रदान की जाने वाली सुविधाओं की समीक्षा करने के लिए गठित समिति (अध्यक्ष: श्रीमती के.जे. उदेशी) ने सिफारिश की है कि बैंक, खाता धारक अथवा तीसरे पक्ष को मार्जिन अपेक्षाओं की शर्त के अधीन, अनिवासी (बाह्य) रुपया खाते / विदेशी मुद्रा अनिवासी (बैंक) खाते [एफसीएनआर (बी)] में शेष राशि की सीमा तक भारत में रुपये में ऋण अथवा भारत से बाहर विदेशी मुद्रा में ऋण मंजूर कर सकते हैं। इस बाबत मौजूदा स्थिति की समीक्षा की गयी है और विदेशी मुद्रा प्रबंध (जमा) विनियमावली, 2000 की अनुसूची-2 के पैराग्राफ 9(1) के साथ पठित अनुसूची-1 के पैराग्राफ 6 (डी) के तहत शक्तियों का प्रयोग करते हुए यह निर्णय लिया गया है कि बैंक अब जमाकर्ताओं अथवा तीसरे पक्षों को अनिवासी (बाह्य) रुपया खाते और विदेशी मुद्रा अनिवासी (बैंक) खाते [एफसीएनआर (बी)] पर निम्नानुसार ऋण प्रदान कर सकते हैं:-

 

मौजूदा प्रावधान

प्रस्तावित प्रावधान

भारत में रुपया ऋण *

अनिवासी (बाह्य) रुपया खाते और विदेशी मुद्रा अनिवासी (बैंक) खाते [एफसीएनआर (बी)] गत मीयादी जमाराशियों पर ऋण

लागू उच्चतम सीमा रु. 100 लाख

सामान्य मार्जिन अपेक्षाओं की शर्त के अधीन, किसी उच्चतम सीमा के बगैर, जमाकर्ता/तीसरे पक्ष को रुपया ऋण देने की अनुमति दी जा सकती है**

भारत में/भारत से बाहर विदेशी मुद्रा ऋण*

अनिवासी (बाह्य) रुपया खाते और विदेशी मुद्रा अनिवासी (बैंक) खाते [एफसीएनआर (बी)] गत मीयादी जमाराशियों पर ऋण

लागू उच्चतम सीमा रु. 100 लाख

सामान्य मार्जिन अपेक्षाओं की शर्त के अधीन, किसी उच्चतम सीमा के बगैर, जमाकर्ता/तीसरे पक्ष को विदेशी मुद्रा ऋण की अनुमति दी जा सकती है**

* 'ऋण' शब्द में सभी तरह की निधि आधारित/गैर-निधि आधारित सुविधाएं शामिल होंगी ।

** एफसीएनआर जमाराशियों के मामले में, मार्जिन अपेक्षा विदेशी मुद्रा प्रबंध (जमा) विनियमावली, 2000 की अनुसूची-2 के पैराग्राफ 9 (2) के अनुसार जमाराशियों के समतुल्य रुपये पर काल्पनिक रूप से आकलित की जाएगी ।

इसके अलावा, अनिवासी (बाह्य) रुपया खाते/विदेशी मुद्रा अनिवासी खाते की जमाराशियों के समय पूर्व आहरण की सुविधा ऐसे मामलों में उपलब्ध नहीं होगी जहाँ ऐसी जमाराशियों पर ऋण लिये जाने हैं। यह अपेक्षा ऋण की मंजूरी के समय जमाराशि के धारक के ध्यान में विशेष रूप से लायी जाए । मौजूदा ऋण, जो उल्लिखित अनुदेशों के अनुरूप नहीं हैं, मौजूदा अवधि तक जारी रहेंगे तथा उन्हें रोल-ओवर/पुनरीक्षित नहीं किया जाएगा । अनिवासी (बाह्य) रुपया खाते/विदेशी मुद्रा अनिवासी खाते की जमाराशियों पर ऋण प्रदान करने संबंधी अन्य शर्तें यथावत बनी रहेंगी ।

3. उल्लिखित अनुदेश तत्काल प्रभाव से लागू होंगे । बैंक इस परिपत्र की विषय वस्तु से अपने संबंधित घटकों और ग्राहकों को अवगत कराने का कष्ट करें।

4. इस परिपत्र में निहित निर्देश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10 (4) और धारा 11 (1) के अधीन और अन्य किसी कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बगैर जारी किए गए हैं।

भवदीय,

(रुद्र नारायण कर)
मुख्य महाप्रबंधक


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