भारिबैं/2012-13/328
गैबैंपवि.नीप्र.कंपरि.सं:314 /03.10.042 / 2012-13
13 दिसम्बर 2012
जमा राशि नहीं स्वीकार करने वाली
सभी एनबीएफसी –एनडी-एसआई
महोदय/महोदया,
धोखा धड़ी पर प्रगति रिपोर्ट
गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएससी) में धोखाधड़ी की निगरानी के लिए भावी दृष्टिकोण पर 2 जुलाई 2012 के मास्टर परिपत्र गैबैंपवि(नीप्र) कंपरि सं: 283/03.10.042/2012-13 का कृपया संदर्भ लें।
2. उक्त परिपत्र के पैरा 3.1.4 के अनुसार, एनबीएफसी द्वारा रू पच्चीस लाख या उससे अधिक की धोखाधड़ी का पता चलने के तीन सप्ताह के अंदर धोखाधड़ी की रिपोर्टे एफएमआर -1 में दिए गए फार्मेट में भारतीय रिज़र्व बैंक, बैंकिंग पर्यवेक्षण विभाग, केंद्रीय कार्यालय, धोखाधड़ी निरोधक निगरानी कक्ष करें तथा रू पच्चीस लाख से कम की धोखाधड़ी होने पर गैर बैंकिंग पर्यवेक्षण विभाग के उस क्षेत्रीय कार्यालय को भेजी जाए जिसके अधिकार क्षेत्र में गैर बैंकिग वित्तीय कंपनी का पंजीकृत कार्यालय आता है। जहाँ धोखाधड़ीगत राशि रू 25 लाख रुपए या अधिक हो, एफएमआर-1 विवरणी की एक प्रति गैर बैंकिंग पर्यवेक्षण विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक के उस क्षेत्रीय कार्यालय को भी प्रस्तुत की जाए जिसके अधिकार क्षेत्र में गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी का पंजीकृत कार्यालय आता हो।
3. यह पाया गया है कि कुछ मामलों में पात्र एनबीएफसी रू 25.00 लाख तथा उससे अधिक राशि वाले व्यक्तिगत धोखाधड़ी के मामलो की रिपोर्टिंग एफएमआर -1 में धोखाधड़ी निगरानी कक्ष (एफआरएमसी) बैंकिंग पर्यवेक्षण विभाग, केन्द्रीय कार्यालय को कभी नहीं करती तथा धोखाधड़ी की घटनाएं प्रासंगैक तिमाही के अंत में प्राप्त संबंधित तिमाही के एफएमआर –II तथा एफएमआर –III विवरणी की संविक्षा/जांच पर पता चला है। चुंकि रू 25.00 लाख तथा उससे अधिक की राशि से संबंधित मामले में एमआरएम 1 का उपयोग एफआरएमसी, डीबीएस, केंद्रीय कार्यालय द्वारा उधारकर्ताओं के विरूद्ध सावधानी सूचना जारी करने के लिए किया जाता है अत: सभी एनबीएफसी रू 25.00 लाख तथा उससे अधिक की राशि से संबंधित धोखाधड़ी के व्यक्तिगत मामलो में धोखाधड़ी की घटना से 21 दिन के अंदर आवश्यक रूप से एफएमआर -1 धोखाधड़ी नियंत्रण कक्ष ( एफएमआरसी), डीबीएस, केन्द्रीय कार्यालय को प्रस्तुत करें। इसकी एक प्रति गैर बैंकिंग पर्यवेक्षण विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक के उस क्षेत्रीय कार्यालय को भी प्रस्तुत की जाए जिसके अधिकार क्षेत्र में एनबीएफसी का पंजीकृत कार्यालय आता हो।
4. इसके अतिरिक्त कुछ एनबीएफसी-एनडी-एसआई द्वारा रू 25 लाख से कम राशि के मामलो डीबीएस, केन्द्रीय कार्यालय के समक्ष एफएमआर -3 में फाइल करना प्रारंभ किया गया है जिससे बिना किसी भौतिक लाभ के अपरिहार्य डुप्लिसिटी बढता है। एनबीएफसी रू 1 लाख तथा उससे अधिक राशि की धोखाधड़ी मामलो का मामला के अनुसार तिमाही प्रगति रिपोर्ट केवल एफएमआर -3 में संबंधित तिमाही की समाप्ति के 15 दिन के अंदर गैर बैंकिंग पर्यवेक्षण विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक के उस क्षेत्रीय कार्यालय को प्रस्तुत करें, जिसके अधिकार क्षेत्र में एनबीएफसी का पंजीकृत कार्यालय आता हो। एनबीएफसी को सूचित किया जाता है कि केवल व्यक्तिगत खातो में रू 25.00 लाख तथा उससे अधिक राशि हेतु धोखाधड़ी के मामलो की रिपोर्टिंग एफएमआर -3 में डीबीएस, केन्द्रीय कार्यालय के एफएमआर कक्ष को किया जाए।
5. कुछ एनबीएफसी द्वारा प्रस्तुत धोखाधड़ी रिपोर्ट में यह भी पाया गया है कि धोखाधड़ी मामला में पुलिस शिकायत के लंबित होने या कभी फाइल नहीं किए जाने/ या संबंधित एनबीएफसी के स्टॉफ की तरफ से कार्रवाई पूर्ण/प्रारंभ किये जाने के पूर्व ही वे धोखाधडी मामलो को समाप्त कर देते है। तदनुसार एनबीएफसी को सूचित किया जाता है कि केवल निम्न कार्यवाई के पूरा होने पर तथा संबंधित गैर बैंकिंग पर्यवेक्षण विभाग, क्षेत्रीय कार्यालय से पूर्वानुमति प्राप्त करने के पश्चात ही एनबीएफसी को धोखाधड़ी मामले को बन्द करने की अनुमति है।
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सीबीआई/पुलिस/न्यायलय द्वारा लंबित धोखाधड़ी मामले का अंतिम रूप से निपटान
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स्टॉफ के उत्तरदायित्व की जांच पूर्ण रूप से करने के बाद
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धाखाधड़ी मामले में शामिल राशि की वसूली या बट्टे खाते में डालने के बाद
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बीमा दावा जहां लागू हो, उसके निपटान होने पर
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उपयुक्त प्राधिकारी (बोर्ड /लेखा परीक्षा समिति) द्वारा यह प्रमाणित किया गया हो कि एनबीएफसी द्वारा प्रणालियों और प्रक्रियाओं की समीक्षा की गई है, धोखाधड़ी के उत्पादक कारक की पहचान कर तथ्य और कमियों को दूर किया गया है।
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एनबीएफसी को लंबित धोखाधड़ी मामले, विशेषकर जहां उन्होंने स्टॉफ के तरफ की कार्रवाई पूरी कर ली है, के अंतिम निपटान के लिए सीबीआई के साथ प्रबलता से अनुवर्तन करना चाहिए। इसी प्रकार एनबीएफसी को धोखाधड़ी के मामलो के अंतिम निपटान के लिए पुलिस प्राधिकारी तथा / या न्यायलय से भी प्रबलता से अनुवर्तन करना चाहिए।
6. एनबीएफसी को सीमित सांख्यिकीय/रिपोर्टिंग उद्देश्य के लिए, रू 25.00 लाख तक की राशि वाली धोखाधड़ी मामलो को समाप्त करने की अनुमति है जहां:
ए. जांच पड़ताल जारी है तथा पुलिस /सीबीआई द्वारा प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दायर करने की तारीख से तीन वर्ष से अधिक समय के बाद भी न्यायलय में चालान/आरोप पत्र दायर नहीं किया गया हो;
बी. सीबीआई/पुलिस द्वारा चालान/आरोप पत्र दायर करने के बाद न्यायलय में मुकदमा शुरू नहीं किया गया या प्रगति पर है।
भवदीया,
(उमा सुब्रमणियम)
प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक |