भारिबैं / 2012-13 / 354
ग्राआऋवि.एमएसएमई एण्ड एनएफएस. बीसी. सं. 54/06.02.31/2012-13
31 दिसंबर 2012
अध्यक्ष / प्रबंध निदेशक / मुख्य कार्यपालक अधिकारी
सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक
(क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)
महोदय / महोदया,
40 : 20 के अनुपात में माइक्रो उद्यमों को उधार हेतु संयंत्र
और मशीन / उपस्कर में वर्तमान निवेश सीमाओं का संशोधन
दिनांक 20 जुलाई 2012 के प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र परिपत्र ग्राआऋवि.केका.प्लान.बीसी. 13/ 04.09.01/2012-13 के पैराग्राफ II (i) के अनुसार माइक्रो और लघु उद्यम क्षेत्र का कुल अग्रिम का 40 प्रतिशत 5 लाख रूपए तक के प्लांट और मशीनरी में निवेश वाले माइक्रो (विनिर्माण) उद्यम में और 2 लाख रूपए तक उपकरण में निवेश वाले माइक्रो (सेवा) उद्यम में जाएगा; तथा माइक्रो और लघु उद्यम क्षेत्र का कुल अग्रिम का 20 प्रतिशत 5 लाख रूपए से ऊपर और 25 लाख रुपए तक के प्लांट और मशीनरी में निवेश वाले माइक्रो (विनिर्माण) उद्यम में और 2 लाख रूपए के ऊपर और 10 लाख रूपए तक के उपकरण में निवेश वाले माइक्रो (सेवा) उद्यम में जाएगा।
2. हमें बैंकों से अभ्यावेदन प्राप्त हो रहे हैं कि कीमत सूचकांक तथा लागत निविष्टि में हुई वृद्धि के मद्देनजर एमएसएमईडी अधिनियम में परिभाषितानुसार माइक्रो उद्यमों के लिए 25 लाख रुपए की समग्र उच्चतम सीमा के भीतर मौजूद सीमाओं को पुनर्निर्धारित करने की आवश्यकता है। 21 नवंबर 2012 को आयोजित 14वीं स्थायी परामर्शदात्री समिति की बैठक में इस विषय पर चर्चा की गई जिसमें यह निर्णय लिया गया कि वर्तमान दिशा-निर्देश संशोधित किए जाएं। इसके फलस्वरूप, 40:20 अनुपात में माइक्रो उद्यमों को उधार की वर्तमान उच्चतम सीमा तत्काल प्रभाव से संशोधित की जाती है जिसे अनुबंध में विस्तार से दिया गया है ।
3. कृपया आप इसके कड़ाई से अनुपालन किए जाने के संबंध में अपनी शाखाओं / नियंत्रक कार्यालयों को उचित अनुदेश जारी करें ।
4. कृपया प्राप्ति सूचना दें ।
भवदीय
( सी. डी. श्रीनिवासन )
मुख्य महाप्रबंधक
अनुबंध
क्षेत्र |
एमएसई क्षेत्र को उधार हेतु वर्तमान उप-लक्ष्य |
एमएसई क्षेत्र को उधार हेतु संशोधित उप-लक्ष्य |
माइक्रो और लघु उद्यम(एमएसई) |
(ii) माइक्रो और लघु उद्यम क्षेत्र का कुल अग्रिम का 40 प्रतिशत 5 लाख रूपए तक के प्लांट और मशीनरी में निवेश वाले माइक्रो (विनिर्माण) उद्यम में और 2 लाख रूपए तक उपकरण में निवेश वाले माइक्रो (सेवा) उद्यम में जाएगा;
(ii) माइक्रो और लघु उद्यम क्षेत्र का कुल अग्रिम का 20 प्रतिशत 5 लाख रूपए से ऊपर और 25 लाख रुपए तक के प्लांट और मशीनरी में निवेश वाले माइक्रो (विनिर्माण) उद्यम में और 2 लाख रूपए के ऊपर और 10 लाख रूपए तक के उपकरण में निवेश वाले माइक्रो (सेवा) उद्यम में जाएगा।
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(ii) माइक्रो और लघु उद्यम क्षेत्र का कुल अग्रिम का 40 प्रतिशत 10 लाख रूपए तक के प्लांट और मशीनरी में निवेश वाले माइक्रो (विनिर्माण) उद्यम में और 4 लाख रुपए तक उपकरण में निवेश वाले माइक्रो (सेवा) उद्यम में जाएगा;
(ii) माइक्रो और लघु उद्यम क्षेत्र का कुल अग्रिम का 20 प्रतिशत 10 लाख रूपए से ऊपर और 25 लाख रुपए तक के प्लांट और मशीनरी में निवेश वाले माइक्रो (विनिर्माण) उद्यम में और 4 लाख रूपए के ऊपर और 10 लाख रूपए तक के उपकरण में निवेश वाले माइक्रो (सेवा) उद्यम में जाएगा।
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