भारिबैंक/2012-13/394
ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं.81
24 जनवरी 2013
सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-। बैंक
महोदया/महोदय,
अनिवासी विनिमय गृहों के रुपया/विदेशी मुद्रा वास्ट्रो खाते
खोलने और उसे बनाये रखने के लिए अनुदेशों का ज्ञापन
प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-। बैंकों का ध्यान उल्लिखित विषय पर, समय-समय पर यथा संशोधित, 6 फरवरी 2008 के ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 28 [ए.पी.(एफएल/आरएल सीरीज़) परिपत्र सं.02] के संलग्नक-। के भाग (बी) की ओर आकृष्ट किया जाता है।
2. उल्लिखित परिपत्र के संलग्नक-। के भाग (बी) अनुमत लेनदेन के अंतर्गत मद सं. 7 और 8 में संशोधन किया गया है और संशोधित मदें निम्नानुसार पढ़ी जाएं:
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अनिवासी भारतीयों/उनके आश्रितों और खाड़ी देशों, हांगकांग, सिंगापुर तथा मलेशिया के राष्ट्रिकों के इलाज के लिए भारत में चिकित्सा संस्थाओं और अस्पतालों को भुगतान ।
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खाड़ी देशों, हांगकांग, सिंगापुर तथा मलेशिया के राष्ट्रिकों /अनिवासी भारतीयों द्वारा उनके ठहरने के लिए होटलों को भुगतान।
3. समय-समय पर यथा संशोधित, 6 फरवरी 2008 के ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 28 [ए.पी.(एफएल/आरएल सीरीज़) परिपत्र सं.02] के जरिये जारी सभी अन्य अनुदेश यथावत बने रहेंगे।
4. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-। बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने संबंधित ग्राहकों को अवगत करायें।
5. इस परिपत्र में निहित निर्देश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम,1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अंतर्गत और किसी अन्य कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बगैर जारी किये गये हैं।
भवदीय,
(रुद्र नारायण कर)
मुख्य महाप्रबंधक |