आरबीआई/2012-13/396
संदर्भ : आंऋप्रवि.पीसीडी.सं.2191/14.03.01/2012-13
28 जनवरी 2013
सभी बाजार सहभागी
महोदय/महोदया
ब्याज दर स्वैप (आईआरएस) संविदाओं का मानकीकरण
कृपया 7 जुलाई 1999 का भारिबैं परिपत्र संदर्भ सं.एमपीडी.बीसी.187/07.01.279/ 1999-2000 देखें ।
2. आईआरएस संविदाओं के व्यापार को बढ़ाने और उनका केंद्रीकृत समाशोधन और निपटान सुविधाजनक बनाने हेतु यह निर्णय लिया गया है कि आईआरएस संविदाओं को मानकीकृत किया जाए ।
3. आईआरएस संविदाओं के मानकीकरण को न्यूनतम अनुमानित मूल धन राशि, परिपक्वता काल, व्यापार के घंटे, निपटान की गणना आदि के माध्यम से प्राप्त किया जा सकेगा जो बाज़ार सहभागियों के साथ परामर्श करके फिमडा द्वारा निर्धारित किया जाएगा । प्रारंभ में, मानकीकरण आईएनआर मुंबई अंतर बैंक प्रस्तावित दर (माइबोर)-ओवरनाइट इंडेक्स स्वैप (ओआइएस) संविदाओं के लिए बाध्यकारी होगा । मानकीकरण आवश्यकता क्लायंट व्यापारों को छोड़कर सभी आईआरएस संविदाओं के लिए बाध्यकारी होगा ।
4. 1 अप्रैल 2013 से निष्पादित सभी नयी आईएनआर-माइबोर ओआइएस संविदाएँ मानकीकृत होंगी ।
भवदीय
(के. के. वोहरा)
मुख्य महाप्रबंधक |