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अधिसूचनाएं

कॉरपोरेट ऋण प्रतिभूतियों में तैयार वायदा संविदा

आरबीआई/2012-2013/525
शबैंवि.बीपीडी.(एससीबी)परिपत्र सं.4/16.20.000/2012-13

10 जून 2013

मुख्‍य कार्यपालक अधिकारी
सभी अनुसूचित प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक

महोदया/महोदय,

कॉरपोरेट ऋण प्रतिभूतियों में तैयार वायदा संविदा

कृपया वर्ष 2012-13 से संबंधित मौद्रिक नीति की दूसरी तिमाही समीक्षा (उद्धरण संलग्‍न) के अनुच्‍छेद 77 और 30 अक्‍तूबर 2012 का परिपत्र सं.आईडीएमडी.पीसीडी.1423/14.03.02/2012-13 देखें, जिसमें ऐसे अनुसूचित शहरी सहकारी बैंकों को कॉरपोरेट ऋण प्रतिभूतियों में तैयार वायदा संविदाओं का कार्य करने के लिए सहभागियों के रूप में शामिल करने की अनुमति देने का निर्णय लिया गया है जो वित्‍तीय रूप से सुदृढ हों और जोखिम प्रबंध की मज़बूत प्रथाएं अपनाते हों। तदनुसार, निम्‍नलिखित शर्तों को पूरा करने वाले अनुसूचित शहरी सहकारी बैंकों को ही उपर्युक्‍त लेनदेन करने की अनुमति दी जाएगी:

  1. 10 % या उससे अधिक सीआरएआर और 5% से कम सकल एनपीए तथा पिछले तीन वर्षों में लाभ अर्जित करने का सतत रिकार्ड
  2. जोखिम प्रबंध की मज़बूत प्रथाएं और निवेश पोर्टफोलियो की अनिवार्य समवर्ती लेखापरीक्षा।

2. इसके अलावा, कॉरपोरेट बांडों में किए जाने वाले रिपो लेनदेन केवल अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों/ प्राथमिक व्‍यापारियों के साथ किए जाएं और इसके लिए अन्‍य बाज़ार सहभागियों का प्रयोग न किया जाए। रिपो लेनदेन में उधारकर्ता के रूप में कार्य करने वाले शहरी सहकारी बैंक, ऋण जोखिम के अनुरूप प्रति-पार्टी ऋण जोखिम के लिए इस प्रकार प्रावधान करें जिस प्रकार ऋण/निवेश एक्‍सपोजर पर किया जाता हो। शहरी सहकारी बैंक यह सुनिश्चित करें कि तुलन-पत्र में पहले शामिल अन्‍य गैर-एसएलआर निवेश सहित रिपो के अंतर्गत अर्जित प्रतिभूतियां, गैर एसएलआर निवेश हेतु विनिर्दिष्‍ट उच्‍चतम सीमा के अंदर हों(पिछले वर्ष के 31 मार्च की स्थिति‍ के अनुसार बैंक की कुल जमा राशि का 10 %)। रिपो के अंतर्गत लिया गया उधार, निधि मांग मुद्रा उधार हेतु विनिर्दिष्‍ट सीमा के अंदर हो (अर्थात् पिछले वर्ष की जमा – राशि का 2%) ।

3 बैंक द्वारा रिपो के माध्‍यम से ली गई राशि को बैंक की मांग और मीयादी देयताओं के एक भाग के रूप में हिसाब में लिया जाएगा और उस पर सीआरआर / एसएलआर लागू होगा।

4 शहरी सहकारी बैंकों को सूचित किया जाता है कि भारतीय रिज़र्व बैंक के आंतरिक ऋण प्रबंध विभाग द्वारा समय-समय पर कॉरपोरेट बांडों में रिपो संबंधी जारी किए जाने वाले निदेशों का पालन किया जाए।

भवदीय

(ए.के.बेरा)
मुख्‍य महाप्रबंधक

संलग्‍नक: यथोक्‍त


मौद्रिक नीति 2012-13 से संबंधित दूसरी तिमाही की समीक्षा के अनुच्‍छेद 77 का उद्धरण

शहरी सहकारी बैंक (यूसीबी) – कॉरपोरेट बॉण्डों में रिपो

77. अक्टूबर 2009 की दूसरी तिमाही समीक्षा (एसक्यूआर) में रिज़र्व बैंक ने कॉरपोरेट बॉण्डों में रिपो की घोषणा की थी और जनवरी 2010 में कॉरपोरेट ऋण प्रतिभूतियों में रिपो (रिज़र्व बैंक) दिशा-निर्देश जारी किए गए थे। शहरी सहकारी बैंको (यूसीबीज़) के परिसंघों (फेडरेशन्स)/ संघों (एसोशिएन्स) से प्राप्त अनुरोध के आधार पर, यह निर्णय लिया गया है कि:

  • जिन शहरी सहकारी बैंको (यूसीबीज़)की वित्तीय स्थिति मज़बूत है एवं जो जोखिम प्रबंधन के अच्छे तौर-तरीके अपनाते हैं, उनको कॉरपोरेट बॉण्डों में रिपो लेन-देन करने योग्य सहभागी के रूप में शामिल किया जाए।

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