भारिबैं/2012-13/498
ग्राआऋवि.केका.एलबीएस.बीसी.सं. 75/02.01.001/2012-13
10 मई 2013
अध्य्क्ष एवं प्रबंध निदेशक
सभी संयोजक बैंक और अग्रणी बैंक
महोदय,
प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) योजना – कार्यान्वयन
कृपया आप 3 मई 2013 को घोषित वर्ष 2013-14 के मौद्रिक नीति वक्तव्य का पैरा 67 देखें। डीबीटी को प्रथम चरण में 1 जनवरी 2013 से एक चरण्बद्ध रूप में 43 जिलों में लागू किया जा रहा है और इसे 1 जुलाई 2013 से 78 जिलों में लागू किया जाएगा। अंत्तोग्त्वा, देश के सभी जिलों को डीबीटी योजना में शामिल किया जाएगा।
2. लाभार्थियों के खातों में सामाजिक कल्याण के लाभ का सीधे जमा देते हुए डीबीटी को सुविधाजनक बनाने की दृष्टि से बैंकों को सूचित किया जाता है कि वे :
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कैम्पों के माध्यम से स्थानीय सरकारी प्राधिकारियों के समर्थन के साथ सभी पात्र व्यक्तियों के खाते खुलवा लें।
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विद्यमान खातों और खोले गए नए खातों में आधार नंबर जोड़ लें।
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डीबीटी के कार्यान्वयन में होनेवाली प्रगति की निगरानी एवं समीक्षा करने के लिए एक कारगर तंत्र स्थापित करें।
3. जैसा कि ऊपर कहा गया है, एसएलबीसी संयोजक बैंक और अग्रणी बैंकों को चाहिए कि वे बैंकों द्वारा आवधिक रूप से डीबीटी के कार्यान्वयन में की गई प्रगति के निर्धारण एवं मूल्यांकन हेतु एक निगरानी और समीक्षा तंत्र स्थापित करें। डीबीटी के कार्यान्वयन में की गई प्रगति की समीक्षा को एसएलबीसी और डीसीसी बैठकों में चर्चा के नियमित मुद्दे के रूप में शामिल किया जाए।
4. एसएलबीसी संयोजक बैंक डीबीटी के कार्यान्वयन में की गई जिलावार प्रगति का 30 अप्रैल 2013 में समाप्त माह से एक्सेल में संलग्न फार्मेट में एक मासिक विवरण अगले माह की 10 तारीख तक रिज़र्व बैंक के संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय को प्रस्तुत करें।
भवदीय
(ए. उदगाता)
प्रधान मुख्य महाप्रबंधक
अनुलग्नक : फार्मेट
मौद्रिक नीति वक्तव्य 2013-14
3 मई 2013
वित्तीय समावेश
डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर 67. हिताधिकारियों (बेनिफिशियरी) के बैंक खाते में सीधे क्रेडिट करके समाज कल्याण लाभ हेतु डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के लिए बैंकों को सूचित किया जाता है कि:
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स्थानीय सरकारी प्राधिकारियों की मदद से कैंप लगाकर सभी पात्र व्यक्तियों के लिए बैंक खाता खोलें;
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वर्तमान खातों या नए खोले गए खातों में आधार नंबर जोड़ दें; और
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डीबीटी के कार्यान्वयन में प्रगति की निगरानी और समीक्षा के लिए एक कारगर व्यवस्था लागू करें।
दिशानिर्देश अलग से जारी किए जा रहे हैं।
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