आरबीआई/2013-14/313
ग्राआऋवि.आरसीबी.बीसी.सं.42/07.51.014/2013-14
07 अक्तूबर 2013
अध्यक्ष / मुख्य कार्यपालक अधिकारी
सभी राज्य और के न्द्रीय सहकारी बैंक
महोदय / महोदया
बैंकों में अदावी जमाराशियां / निष्क्रिय खाते - छात्रवृत्ति की राशि तथा सरकारी योजनाओं के अंतर्गत प्रत्यक्ष लाभ अंतरण को क्रेडिट करने के लिए खोले गए कतिपय बचत बैंक खातों का ट्रीटमेंट
कृपया बैंकों में अदावी जमाराशियों / निष्क्रिय खातों पर 18 फरवरी 2009 का हमारा परिपत्र ग्राआऋवि.केंका. आरएफ.बीसी सं.89/07.38.01/2008-09 देखें, जिसमें राज्य और केन्द्रीय सहकारी बैंकों को किसी बचत अथवा चालू खाते में अगर दो वर्ष से अधिक अवधि के लिए कोई लेन-देन नहीं हो रहा है तो उन्हें निष्क्रिय खाता माना जाने और ऐसे खातों के संबंध में अपनाई जाने वाली सावधानी के संबंध में सूचित किया गया था।
2. राज्य और केंद्र सरकारों ने शून्य शेष खातों में तथा केंद्र / राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों के लिए खोले गए उन खातों में चेक/प्रत्यक्ष लाभ अंतरण / इलेक्ट्रॉनिक लाभ अंतरण / विद्यार्थियों के लिए छात्रवृत्ति आदि क्रेडिट करने में कठिनाई व्यक्त की है जो खाते दो वर्षों से अधिक अवधि के लिए परिचालन न होने के कारण निष्क्रिय खाते के रूप में वर्गीकृत कर दिये गये हैं।
3. उपर्युक्त को ध्यान में रखते हुए राज्य और केन्द्रीय सहकारी बैंकों को सूचित किया जाता है कि वे उनके द्वारा खोले गए ऐसे सभी खातों के लिए सीबीएस में एक अलग "उत्पाद कोड" दें ताकि उपर्युक्त पैरा 2 में उल्लिखित राशि क्रेडिट करते समय गैर-परिचालन के कारण निष्क्रिय खाते की शर्त लागू न हो।
4. ऐसे खातों में धोखाधड़ी आदि का जोखिम कम करने के लिए, इन खातों में परिचालन के लिए अनुमति देते समय लेन-देन की प्रामाणिकता, हस्ताक्षर का सत्यापन तथा पहचान आदि सुनिश्चित करते हुए उचित सावधानी बरती जानी चाहिए। तथापि, यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि ग्राहक को किसी भी प्रकार से कोई असुविधा नहीं हो रही है।
भवदीय,
(ए. उदगाता)
प्रधान मुख्य महाप्रबंधक |