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अधिसूचनाएं

नामित बैंकों/एजेंसियों/एंटिटीज़ द्वारा स्वर्ण का आयात

भारिबैंक/2013-14/423
ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 82

31 दिसंबर 2013

सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक जो विदेशी मुद्रा के प्राधिकृत व्यापारी हैं/
स्वर्ण के आयात के लिए नामित सभी एजेंसियाँ

महोदया/महोदय,

नामित बैंकों/एजेंसियों/एंटिटीज़ द्वारा स्वर्ण का आयात

प्राधिकृत व्यक्तियों का ध्यान उल्लिखित विषय पर रिज़र्व बैंक के 14 अगस्त 2013 के ए.पी. (डीआईआर सीरीज़) परिपत्र सं. 25 और 11 नवंबर 2013 के ए.पी. (डीआईआर सीरीज़) परिपत्र सं. 73 की ओर आकृष्ट किया जाता है।

2. भारत सरकार और भारतीय रिज़र्व बैंक को अपरिष्कृत स्वर्ण (Gold dore) के आयात के संबंध में अभ्यावेदन प्राप्त होते रहे हैं। इन अभ्यावेदनों पर विचार करते हुए और भारत सरकार के परामर्श से, यह निर्णय लिया गया है कि निम्नलिखित स्पष्टीकरण जारी किए जाएं जो तत्काल प्रभाव से लागू होंगे:

ए) रिफाइनरियों को लाइसेंस की पात्रता के आधार पर उनकी सकल औसत सक्षमता मात्रा के 15% तक पहले दो माह के दौरान, पहले लायी गयी पहले भेजी गयी खेप के आधार पर, अपरिष्कृत स्वर्ण (Gold dore) के आयात की अनुमति दी जाएगी। उसके बाद, निर्यात निष्पादन के आधार पर अपरिष्कृत स्वर्ण (Gold dore) का आयात खेप के अनुसार निर्धारित किया जाएगा।

बी) अगले आयात से पहले, उपर्युक्त में से 80% तक की ही घरेलू बिक्री की अनुमति होगी।

सी) इस प्रकार आयातित अपरिष्कृत स्वर्ण (Gold dore) परिष्कृत किया जाएगा और पहले आयी खेप पहले गई के आधार पर, 20:80 के सिद्धांत के अनुसार, भेजी (release) जाएगी।

डी) उसके उपरांत, किए गए निर्यात के संबंध में प्रस्तुत साक्ष्य/क्ष्यों के आधार पर उसकी 5 गुनी मात्रा तक आयात की अनुमति दी जाएगी। यह प्रक्रिया उपचय के आधार पर होगी।

3. प्राधिकृत व्यापारी इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने संबंधित घटकों को अवगत कराएं।

4. इस परिपत्र में निहित निर्देश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अधीन और अन्य किसी कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बगैर जारी किए गए हैं।

भवदीय,

(सी.डी.श्रीनिवासन)
मुख्य महाप्रबंधक


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