भारिबैंक/2013-14/438
ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं.88
9 जनवरी 2014
सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-। बैंक
महोदया/महोदय
अनिवासी विनिमय गृहों के रुपया/विदेशी मुद्रा वास्ट्रो खाते
खोलने और उन्हें बनाये रखने के लिए अनुदेशों का ज्ञापन
प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-। बैंकों का ध्यान, उल्लिखित विषय पर, समय-समय पर यथा संशोधित, 6 फरवरी 2008 के ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं.28[ए.पी.(एफएल/आरएल सीरीज़) परिपत्र सं.02] के संलग्नक-। के भाग (बी) की ओर आकृष्ट किया जाता है।
2. रुपया आहरण व्यवस्था (RDAs) को विस्तारित करने के दृष्टिकोण से यह निर्णय लिया गया है कि रुपया आहरण व्यवस्था (RDAs) के अंतर्गत अनुमत लेनदेनों में अतिरिक्त मदों को शामिल किया जाए। उल्लिखित परिपत्र के संलग्नक-। के भाग (बी) के अंतर्गत दिये गए अनुदेश इसके सलग्नक में संशोधित रूप मे दिये गए हैं।
3. समय-समय पर यथा संशोधित, 6 फरवरी 2008 के ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं.28 [ए.पी. (एफएल/आरएल सीरीज़) परिपत्र सं.02] के जरिये जारी सभी अन्य अनुदेश अपरिवर्तित बने रहेंगे।
4. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-। बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने संबंधित ग्राहकों को अवगत कराएं।
5. इस परिपत्र में निहित निर्देश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अंतर्गत और किसी अन्य कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बगैर जारी किये गये हैं।
भवदीय
(रुद्र नारायण कर)
प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक
संलग्नक
[ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 28
{ए.पी.(एफएल/आरएल सीरीज) परिपत्र सं.02} का संलग्नक-I]
संलग्नक-I के भाग (बी) में अनुमत लेनदेनों संबंधी पूर्व दिशानिर्देश |
संलग्नक-I के भाग (बी) में अनुमत लेनदेनों संबंधी संशोधित दिशानिर्देश |
विनिमयगृहों के साथ आहरण व्यवस्था की रूपरेखा मुख्यत: आवक व्यक्तिगत विप्रेषणों को लाने के लिए तैयार की गई है। किसी भी परिस्थिति में,चौरिटेबुल संस्थाओं को दान /चंदा विनिमयगृहों के माध्यम से न भेजें जाएं। विनिमयगृहों के साथ आहरण व्यवस्था के तहत अनुमत लेनदेनों की सूची निम्नलिखित है।
1. भारतीय रुपए में अनिवासी भारतीयों द्वारा रखे गए अनिवासी (बाह्य) रुपया खाते में जमा।
2. अनिवासी भारतीयों के परिवारों को भुगतान।
3. प्रीमियम / निवेश के लिए बीमा कंपनियों, म्युचुअल फंडों और पोस्ट मास्टर के पक्ष में भुगतान।
4. शेयरों, डिबेंचरों में निवेश के लिए बैंकरों के पक्ष में भुगतान ।
5. अनिवासी भारतीयों द्वारा व्यक्ति के नाम में भारत में आवासीय फ्लैट के अधिग्रहण के लिए को-ऑप. हाऊसिंग सोसाइटियों, सरकारी आवास योजनाओं अथवा इस्टेट डेवेलपर्स को भुगतान बशर्ते तत्संबंध में विनियमों का अनुपालन होता हो।
6. स्कूलों, कॉलेजों और अन्य शैक्षणिक संस्थाओं को ट्यूशन / बोर्डिग, परीक्षा फीस, आदि के लिए भुगतान ।
7. अनिवासी भारतीयों / उनके आश्रितों और खाड़ी देशों के राष्ट्रिकों की चिकित्सा के लिए भारत में चिकित्सा संस्थाओं और अस्पतालों को भुगतान ।
8. खाड़ी देशों के राष्ट्रिकों / अनिवासी भारतीयों द्वारा उनके ठहरने के लिए होटलों को किए गए भुगतान ।
9. अनिवासी भारतीयों और भारत में निवास करनेवाले उनके परिवारों की भारत में घरेलू एयरलाईन/रेल, आदि से यात्रा की बुकिंग के लिए ट्रेवेल एजेंटों को भुगतान ।
10. प्रति लेनदेन 2 लाख रुपए तक के व्यापार लेनदेन । |
विनिमयगृहों के साथ आहरण व्यवस्था की रूपरेखा मुख्यत: आवक व्यक्तिगत विप्रेषणों को लाने के लिए तैयार की गई है। किसी भी परिस्थिति में,चौरिटेबुल संस्थाओं को दान /चंदा विनिमयगृहों के माध्यम से न भेजें जाएं। विनिमयगृहों के साथ आहरण व्यवस्था के तहत अनुमत लेनदेनों की सूची निम्नलिखित है।
1. भारतीय रुपए में अनिवासी भारतीयों द्वारा रखे गए अनिवासी (बाह्य) रुपया खाते में जमा।
2. अनिवासी भारतीयों के परिवारों को भुगतान।
3. प्रीमियम / निवेश के लिए बीमा कंपनियों, म्युचुअल फंडों और पोस्ट मास्टर के पक्ष में भुगतान।
4. शेयरों, डिबेंचरों में निवेश के लिए बैंकरों के पक्ष में भुगतान ।
5. अनिवासी भारतीयों द्वारा व्यक्ति के नाम में भारत में आवासीय फ्लैट के अधिग्रहण के लिए को-ऑप. हाऊसिंग सोसाइटियों, सरकारी आवास योजनाओं अथवा इस्टेट डेवेलपर्स को भुगतान बशर्ते तत्संबंध में विनियमों का अनुपालन होता हो।
6. स्कूलों, कॉलेजों और अन्य शैक्षणिक संस्थाओं को ट्यूशन / बोर्डिग, परीक्षा फीस, आदि के लिए भुगतान ।
7. अनिवासी भारतीयों / उनके आश्रितों और खाड़ी देशों के राष्ट्रिकों की चिकित्सा के लिए भारत में चिकित्सा संस्थाओं और अस्पतालों को भुगतान ।
8. खाड़ी देशों के राष्ट्रिकों / अनिवासी भारतीयों द्वारा उनके ठहरने के लिए होटलों को किए गए भुगतान ।
9. अनिवासी भारतीयों और भारत में निवास करनेवाले उनके परिवारों की भारत में घरेलू एयरलाईन/रेल, आदि से यात्रा की बुकिंग के लिए ट्रेवेल एजेंटों को भुगतान ।
10. प्रति लेनदेन 2 लाख रुपए तक के व्यापार लेनदेन ।
11॰ भारत में यूटिलिटि सेवा प्रदाताओं की सेवाओं, अर्थात पानी की आपूर्ति, बिजली की आपूर्ति, टेलीफोन (मोबाइल टॉप-अप, आदि को छोड़कर), इंटरनेट, टेलीविज़न आदि के लिए भुगतान।
12. भारत में करों का भुगतान।
13. ऋणों की चुकौती के लिए भारत में बैंकों एवं एनबीएफसी को ईएमआई के भुगतान।
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