आरबीआई/2013-14/478
संदर्भ: बैंपविवि. सं. आरईटी. बीसी. 93/12.01.001/2013-14
31 जनवरी 2014
सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक
(क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)
महोदय
भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम 1934 की धारा 42(1) और बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 24 – एफसीएनआर(बी) / एनआरई जमाराशियां – सीआरआर/एसएलआर बनाए रखने से छूट तथा प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्रों को प्रदान किए गए ऋण को एएनबीसी में शामिल न करना
कृपया उक्त विषय पर 14 अगस्त 2013 का हमारा परिपत्र बैंपविवि. सं. आरईटी. बीसी. 36/12.01.001/2013-14 देखें जिसमें बैंकों को सूचित किया गया था कि 24 अगस्त 2013 से शुरू होने वाले पखवाड़े से बैंकों द्वारा जुटाई गई 26 जुलाई 2013 संदर्भ आधार तारीख वाली तथा 3 वर्ष या अधिक की परिपक्वता वाली वृद्धिशील एफसीएनआर (बी) जमाराशियों तथा एनआरई जमाराशियों को सीआरआर तथा एसएलआर बनाए रखने से छूट प्राप्त होगी। साथ ही, सीआरआर/एसएलआर अपेक्षाओं से छूट के लिए पात्र ऐसी वृद्धिशील एफसीएनआर (बी)/एनआरई जमाराशियों की जमानत पर प्रदान किए गए अग्रिमों को प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्रों को ऋण प्रदान करने के लक्ष्यों की गणना के लिए समायोजित निवल बैंक ऋण (एएनबीसी) में शामिल नहीं किया जाएगा।
2. समीक्षा के उपरांत और बैंकों को कुछ समय प्रदान करने के लिए यह निर्णय लिया गया है कि वृद्धिशील एफसीएनआर (बी)/एनआरई जमाराशियों को सीआरआर/एसएलआर बनाए रखने से प्रदत्त छूट को 8 मार्च 2014 से शुरू होने वाले रिपोर्टिंग पखवाड़े से वापस ले लिया जाएगा, अर्थात 26 जुलाई 2013 के आधार तिथि से 3 वर्ष या अधिक की परिपक्वता वाली तथा 7 मार्च 2014 को बकाया वृद्धिशील एफसीएनआर (बी) और एनआरई जमाराशियों की केवल पात्र राशियां, परिपक्वता/अवधिपूर्व आहरण होने तक, सीआरआर/एसएलआर छूट के लिए पात्र होंगी।
3. साथ ही, वृद्धिशील एफसीएनआर(बी)/एनआरई जमाराशियों पर भारत में प्रदत्त अग्रिमों को भी, जो उक्त के अनुसार सीआरआर/एसएलआर अपेक्षाओं से छूट के लिए पात्र हैं, प्राथमिकता-प्राप्त क्षेत्र के लिए ऋण के लक्ष्यों की गणना के लिए समायोजित निवल बैंक ऋण में शामिल नहीं किए जाने के लिए पात्र होंगी ।
भवदीया
(सुधा दामोदर)
मुख्य महाप्रबंधक
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