आरबीआई/2013-14/476
बैंपविवि. डीआईआर. बीसी. सं. 90/13.03.00/2013-14
31 जनवरी 2014
सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक
(क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)
महोदय /महोदया
अनिवासी (बाह्य) रुपया (एनआरई) जमाराशियों पर ब्याज दरों का अविनियमन
कृपया 29 नवंबर 2013 का हमारा परिपत्र बैंपविवि. डीआईआर. बीसी. 71/13.03.00/2013-14 देखें, जिसके द्वारा बैंकों को सूचित किया गया था कि वृद्धिशील एनआरई जमाराशियों को सीआरआर/एसएलआर अपेक्षाओं से मुक्त रखने का लाभ प्रदान करने के लिए 3 वर्ष या उससे अधिक परिपक्वता वाली वृद्धिशील एनआरई जमाराशियों पर बिना किसी अधिकतम सीमा के ब्याज दर प्रदान करने की स्वतंत्रता 31 जनवरी 2014 तक, समीक्षा होने के अधीन, अपरिवर्तित रहेंगी।
2. समीक्षा के उपरांत और बैंकों को कुछ समय प्रदान करने के लिए उक्त व्यवस्था को 28 फरवरी 2014 तक जारी रखने का निर्णय लिया गया है। 1 मार्च 2014 से ब्याज दर की अधिकतम सीमा वापस 14 अगस्त 2013 की स्थिति के अनुसार हो जाएगी अर्थात् बैंकों द्वारा एनआरई जमाराशियों पर दी जा रही ब्याज दरें तुलनीय घरेलू रुपया जमाराशियों पर उनके द्वारा दी जाने वाली ब्याज दरों से अधिक नहीं हो सकेंगी।
3. इस संबंध में समय-समय पर यथासंशोधित अन्य सभी अनुदेश अपरिवर्तित रहेंगे।
5. 31 जनवरी 2014 का संशोधनकारी निदेश बैंपविवि. सं. डीआईआर. बीसी. 89/13.03.00/2013-14 संलग्न है।
भवदीय
(प्रकाश चंद्र साहू)
मुख्य महाप्रबंधक
अनुलग्नकः यथोक्त
बैंपविवि. डीआईआर. बीसी. सं. 89/13.03.00/2013-14
31 जनवरी 2014
अनिवासी (बाह्य) रुपया (एनआरई) जमाराशियों पर ब्याज दरों का अविनियमन
बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35 क द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए और अनिवासी (बाह्य) (एनआरई) जमाराशियों तथा साधारण अनिवासी (एनआरओ) खातों पर ब्याज दरों के अविनियमन से संबंधित 29 नवंबर 2013 के निदेश बैंपविवि. डीआईआर. बीसी. 70/13.03.00/2013-14 में संशोधन करते हुए, भारतीय रिज़र्व बैंक, इस बात से संतुष्ट होकर कि ऐसा करना जनहित में आवश्यक तथा समयोचित है, एतदद्वारा निदेश देता है कि 14 अगस्त 2013 के निदेश बैंपविवि. डीआईआर. बीसी. 39/13.03.00/2013-14 द्वारा जारी अनुदेश 28 फरवरी 2014 तक जारी रहेंगे। 1 मार्च 2014 से ब्याज दर की अधिकतम सीमा वापस 14 अगस्त 2013 की स्थिति के अनुसार हो जाएगी अर्थात् बैंकों द्वारा एनआरई जमाराशियों पर दी जा रही ब्याज दरें तुलनीय घरेलू रुपया जमाराशियों पर उनके द्वारा दी जाने वाली ब्याज दरों से अधिक नहीं हो सकेंगी।
(बी. महापात्र)
कार्यपालक निदेशक
|