आरबीआई/2013-14/430
बैंपविवि. सं.बीपी. बीसी. 82/21.06.217/2013-14
7 जनवरी 2014
अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक
मुख्य कार्यपालक अधिकारी
सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक
(क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)
महोदय/महोदया
केंद्रीय प्रतिपक्षकारों के लिए (सीसीपी) बैंक का एक्सपोजर – अंतरिम व्यवस्था
एक्सपोजर मानदंडों पर 1 जुलाई 2013 के मास्टर परिपत्र के पैरा 2.1.1.1 के अनुसार बैंक के एकल प्रतिपक्षकार पर लागू एक्सपोजर सीमा बैंक की पूंजीगत निधियों का 15 प्रतिशत है।
2. हाल ही के वित्तीय संकट ने मानकीकृत ओवर द काउंटर (ओटीसी) डेरिवेटिव उत्पाद के केंद्रीय समाशोधन को केंद्रीय प्रतिपक्षकारों (सीसीपी) के माध्यम से करने को बढ़ावा देने के महत्व को उजागर किया है। अतः यह निर्णय लिया गया है कि अंतरिम उपाय के रूप में एकल प्रतिपक्षकार के लिए लागू पूंजीगत निधि के 15 प्रतिशत की एक्सपोजर सीमा से क्वालिफाइंग सीसीपी (क्यूसीसीपी) के लिए बैंकों के समाशोधन एक्सपोजर को बाहर रखा जाए। सीसीपी के लिए बैंकों के एक्सपोजर के लिए पूंजीगत अपेक्षाओं पर 2 जुलाई 2013 के परिपत्र बैंपविवि. सं. बीसी. 28/21.06.201/2013-14 द्वारा जारी दिशानिर्देशों में परिभाषित किए गए अनुसार समाशोधन एक्सपोजर में ट्रेड एक्सपोजर और डिफॉल्ट फंड एक्सपोजर शामिल होगा। क्यूसीसीपी के प्रति अन्य एक्सपोजर जैसे ऋण, क्रेडिट लाइन्स, सीसीपी के पूंजी में निवेश, चलनिधि सुविधा आदि का एकल प्रतिपक्षकार के लिए लागू पूंजीगत निधियों के 15 प्रतिशत की विद्यमान एक्सपोजर सीमा में रहना जारी रहेगा।
3. वर्तमान में चार सीसीपी हैं, जैसे क्लिअरिंग कारपोरेशन ऑफ इंडिया लि. (सीसीआईएल), राष्ट्रीय प्रतिभूति समाशोधन निगम लि. (एनएससीसीएल), भारतीय समाशोधन निगम लि. (आईसीसीएल) तथा एमसीएक्स-एसएक्स समाशोधन निगम लि. (एमसीएक्स-सीएक्ससीसीएल) जो निरंतर आधार पर वित्तीय बाजार ढांचे के लिए सीसीएसएस-आईओएससीओ के सिद्धांतों से सुसंगत नियमों और विनियमों के अधीन है। भारतीय रिज़र्व बैंक ने सीसीआईएल को क्यूसीसीपी का दर्जा दिया है, जबकि अन्य तीन सीसीपी को सेबी द्वारा क्यूसीसीपी का दर्जा दिया गया है। दोनों विनियामकों ने इस आशय का प्रेस वक्तव्य क्रमशः 1 जनवरी 2014 तथा 3 जनवरी 2014 को जारी किया है।
यह भी उल्लेखनीय है कि, यदि सीसीपी का विनियामक/पर्यवेक्षक क्यूसीसीपी का दर्जा वापस लेता है तो भविष्य में क्यूसीसीपी के रूप में सीसीपी का दर्जा बदल सकता है। क्यूसीसीपी का दर्जा वापस लेने के बाद, सीसीपी को नॉन-क्यूसीसीपी माना जाएगा तथा उस पर नॉन क्यूसीसीपी पर लागू एक्सपोजर मानदंड लागू होंगे।
4. भारतीय रिज़र्व बैंक, बैंकों के क्यूसीसीपी के समाशोधन एक्सपोजर की निगरानी करेगा। इस प्रयोजन के लिए बैंक प्रत्येक क्यूसीसीपी के लिए अपने समाशोधन एक्सपोजर भारतीय रिज़र्व बैंक तथा प्रधान मुख्य महाप्रबंधक, पर्यवेक्षण विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक, सेंटर 1, तीसरी मंजिल, विश्व व्यापार केंद्र, कफ परेड, कोलाबा, मुंबई – 400 005 को प्रत्येक बाद वाले महीने के सात दिनों के अंदर ई-मेल के माध्यम से रिपोर्ट करेंगे। समाशोधन एक्सपोजर के आंकड़े महीनों के सभी दिनों के लिए प्रतिदिन के अंत में प्रत्येक क्यूसीसीपी के लिए अलग-अलग समाशोधन एक्सपोजर के आंकड़े होने चाहिए। इससे संबंधित रिपोर्टिंग फॉर्मेट अनुबंध में दिया गया है। क्यूसीसीपी के लिए बैंकों का एक्सपोजर अत्यधिक होने के मामलों में भारतीय रिज़र्व बैंक उचित उपाय करेगा जिसमें बैंकों से आवश्यक जोखिम कम करने के लिए योजना शुरू करना, जैसे उचित अवधि में एक्सपोजर को कम करना या ऐसे एक्सपोजर के लिए पूंजी का उच्च स्तर बनाए रखना, अपेक्षितहै।
5. क्यूसीसीपी के लिए बैंकों के एक्सपोजर के लिए संशोधित फ्रेमवर्क पर भारतीय रिज़र्व बैंक तब विचार करेगा, जब इस संदर्भ में बैंकिंग पर्यवेक्षण पर बासल समिति (बीसीबीएस) अपने प्रस्तावों को अंतिम रूप दे देगी।
भवदीय,
(प्रकाश चंद्र साहू)
मुख्य महाप्रबंधक
अनुबंध
क्यूसीसीपी एक्सपोजर रिपोर्ट करने का फॉर्मेट
बैंक का नामः
रिपोर्टिंग महीनाः
क्यूसीसीपी का नाम1............ |
दिनांक2 |
ट्रेड एक्सपोजर3 |
डिफॉल्ट फंड एक्सपोजर |
अन्य एक्सपोजर4 |
टियर 1 पूंजी के प्रतिशत के रूप में कुल एक्सपोजर |
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