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अधिसूचनाएं

कच्चे हीरों के आयात के लिए अग्रिम विप्रेषण

भारिबैं/2013-14/548
ए.पी.(डीआईआर सीरीज़) परिपत्र सं. 116

1 अप्रैल 2014

सभी श्रेणी I प्राधिकृत व्यापारी बैंक

महोदया/महोदय,

कच्चे हीरों के आयात के लिए अग्रिम विप्रेषण

प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंकों का ध्यान 2 मार्च 2007 के ए.पी.(डीआईआर सीरीज़) परिपत्र सं.34 की ओर आकृष्ट किया जाता है जिसके अनुसार हमने, रत्न और जवाहरात निर्यात संवर्धन परिषद (GJEPC) की संस्तुतियों के आधार पर, 5 खनन कंपनियों (समय के साथ-साथ जिनकी संख्या बढ़कर 9 हो गई) को अधिसूचित किया था, जिसमें किसी आयातक को (सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी अथवा भारत सरकार/राज्य सरकार के विभाग/उपक्रम से भिन्न) भारत में कच्चे हीरों के आयात के लिए बगैर किसी सीमा और बगैर बैंक गारंटी अथवा स्टैंडबाई लेटर ऑफ क्रेडिट के उन्हें अग्रिम विप्रेषित करने की अनुमति दी गई थी।

2. कच्चे हीरों के आयात को और सुगम बनाने की प्रक्रिया को उदार बनाने हेतु यह निर्णय लिया गया है कि अब से भारतीय रिज़र्व बैंक समुद्रपारीय खनन कंपनियों के नामों को अधिसूचित नहीं करेगा जिन्हें आयातक (सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी अथवा भारत सरकार/राज्य सरकार के विभाग/उपक्रम से भिन्न) भारत में कच्चे हीरों का आयात करने के लिए बगैर किसी सीमा और बगैर बैंक गारंटी अथवा स्टैंडबाई लेटर ऑफ क्रेडिट के अग्रिम विप्रेषित कर सकते हैं।

3. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंकों को अब से यह अनुमति दी जाती है कि वे उन खनन कंपनियों के संबंध में निर्णय ले सकते हैं जिन्हें आयातक (सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी अथवा भारत सरकार/राज्य सरकार का विभाग/उपक्रम से भिन्न) बगैर किसी सीमा/बगैर बैंक गारंटी/स्टैंडबाई लेटर ऑफ क्रेडिट के अग्रिम विप्रेषित कर सकते हैं।

4. कच्चे हीरों के आयात के लिए बगैर बैंक गारंटी के अग्रिम विप्रेषण की अनुमति देते समय, प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंक निम्नलिखित बातें अवश्य सुनिश्चति करें:

  1. रत्न और जवाहरात निर्यात संवर्धन परिषद (GJEPC) ने समुद्रपारीय खनन कंपनी की संस्तुति की हो।

  2. आयातक कच्चे हीरों का मान्यता प्राप्त संसाधक (प्रोसेसर) हो और उसका अच्छा ट्रैक रेकार्ड हो।

  3. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंक अपने वाणिज्यिक निर्णय के आधार पर और लेनदेन की सदाशयता (bonafides) से संतुष्ट होने पर लेनदेन करें।

  4. अग्रिम का भुगतान बिक्रीगत संविदा शर्तों के आधार पर ही किया जाना चाहिए और उसे संबंधित कंपनी अर्थात अंतिम लाभार्थी के खाते में ही क्रेडिट किया जाना चाहिए, न कि दिए गए अन्य खाता नंबर अथवा अन्यथा के जरिए।

  5. इसके अलावा, यह सुनिश्चित करने के लिए सावधानी बरती जाए कि कनफ्लिक्ट हीरों (किम्बरली प्रमाणित हीरों) के आयात के लिए विप्रेषण की अनुमति न दी जाए।

  6. मौजूदा दिशानिर्देशों के अनुसार प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंक द्वारा अपने ग्राहक को जानने (केवासी)/समुचित सावधानी (due diligence) बरतने की प्रक्रिया का पालन किया जाए।

  7. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंक को इस संबंध में जारी अधिनियम/नियमावलियों/ विनियमावलियों/निर्देशों के अनुसार आयातक द्वारा देश में कच्चे हीरों के आयात के साक्ष्य के रूप में बिल आफ एंट्री/दस्तावेजों की प्रस्तुति हेतु अनुवर्ती कार्रवाई करनी चाहिए।

  8. यदि आयातक एंटिटी सार्वजनिक क्षेत्र से हो अथवा भारत सरकार/राज्य सरकार का कोई विभाग/उपक्रम हो, तो जहां अग्रिम के रूप में भुगतान राशि 1,00,000 अमरीकी डालर (एक सौ हजार अमरीकी डालर मात्र) के समतुल्य अथवा अधिक हो, प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंक अग्रिम विप्रेषण की अनुमति उल्लिखित शर्तों के पूरी होने और वित्त मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा बैंक गारंटी देने से दी गई छूट पर अग्रिम विप्रेषण की अनुमति दे सकता है।

5. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंकों से अपेक्षा है कि वे बगैर बैंक गारंटी अथवा स्टैंडबाई लेटर आफ क्रेडिट के, जहां अग्रिम भुगतान राशि 5,00,000 अमरीकी डालर (पांच मिलियन अमरीकी डालर मात्र) के समुतल्य अथवा अधिक हो, किए गए ऐसे सभी विप्रेषणों के संबंध में भारतीय रिज़र्व बैंक के संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय को प्रत्येक अर्ध वर्ष की समाप्ति से 15 दिनों के भीतर संलग्न फार्मेट में रिपोर्ट प्रस्तुत करें।

6. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने संबंधित ग्राहकों को अवगत कराएं।

7. इस परिपत्र में समाहित निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अंतर्गत जारी किए गए हैं और अन्य किसी कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बगैर है।

भवदीय,

(सी.डी.श्रीनिवासन)
मुख्य महाप्रबंधक


संलग्नक

[ए.पी.(डीआइआर सीरीज़) परिपत्र सं.116 दिनांक 1 अप्रैल 2014]

. . . . . . . को समाप्त अवधि के लिए कच्चे हीरों के आयात के लिए बैंक गारंटी
अथवा स्टैंडबाई लेटर ऑफ क्रेडिट के बिना अग्रिम विप्रेषण, जहां अग्रिम की राशि
                 5 मिलियन अमरीकी डॉलर के समतुल्य अथवा उससे अधिक हो, का विवरण 

प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंक का नाम :
प्राधिकृत व्यापारी कूट (14 अंकों का):

क्रम सं.

खनन कंपनी का नाम

आयातक कंपनी का नाम और आईईसी सं.

बैंक गारंटी/स्टैंडबाई लेटर ऑफ क्रेडिट के बिना अग्रिम भुगतान की राशि

क्या आयात के साक्ष्य के रूप में दस्तावेज प्रस्तुत किए गए हैं

1.

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

2.

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

3.

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

बैंक के प्राधिकृत अधिकारी का नाम, पदनाम और हस्ताक्षर   :
दिनांक :
मुहर   
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