आरबीआई/2013-14/582
बैंपविवि. डीआईआर. बीसी. सं. 110/13.03.00/2013-14
7 मई 2014
सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक
(क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)
महोदय /महोदया
अस्थिर दर वाले मीयादी ऋणों पर फोरक्लोजर प्रभार की वसूली/अवधिपूर्व भुगतान अर्थदंड का लगाया जाना
कृपया 'आवास ऋण – फोरक्लोजर प्रभार/अवधिपूर्व भुगतान अर्थदंड का लगाया जाना' विषय पर 05 जून 2012 का हमारा परिपत्र बैंपविवि. सं. डीआईआर. बीसी. 107/13.03.00/2011-12 देखें।
2. दिनांक 01 अप्रैल 2014 को घोषित पहले द्विमासिक मौद्रिक नीति वक्तव्य, 2014-15 के भाग 'ख' की ओर आपका ध्यान आकृष्ट किया जाता है, जिसमें उपभोक्ता संरक्षण के लिए कतिपय उपायों का प्रस्ताव किया गया था। यह कहा गया था कि अपने उपभोक्ताओं के हित को ध्यान में रखकर बैंकों को अपने उधारकर्ताओं को बिना किसी अर्थदंड के अपने अस्थिर दर वाले मीयादी ऋणों की अवधिपूर्व चुकौती की अनुमति देने की संभावना पर विचार करना चाहिए। तदनुसार, यह सूचित किया जाता है कि बैंकों को वैयक्तिक उधारकर्ताओं को मंजूर सभी अस्थिर दर वाले मीयादी ऋणों पर फोरक्लोजर प्रभार/अवधिपूर्व चुकौती अर्थदंड लगाने की अनुमति नहीं दी जाएगी, जो तत्काल प्रभाव से लागू होगी।
भवदीय
(प्रकाश चंद्र साहू)
मुख्य महाप्रबंधक
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