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अधिसूचनाएं

नामित बैंकों/एजेंसियों/एंटिटीज़ द्वारा स्वर्ण का आयात

भारिबैंक/2013-14/600
ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 133

21 मई 2014

सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक जो विदेशी मुद्रा के प्राधिकृत व्यापारी हैं/
स्वर्ण के आयात के लिए नामित सभी एजेंसियाँ

महोदया/महोदय,

नामित बैंकों/एजेंसियों/एंटिटीज़ द्वारा स्वर्ण का आयात

प्राधिकृत व्यक्तियों का ध्यान, उल्लिखित विषय पर रिज़र्व बैंक के 14 अगस्त 2013 के ए.पी. (डीआईआर सीरीज़) परिपत्र सं. 25 तथा अनुवर्ती परिपत्रों की ओर आकृष्ट किया जाता है।

2. भारत सरकार और भारतीय रिज़र्व बैंक को स्वर्ण के आयात संबंधी दिशानिर्देशों को और युक्तियुक्त बनाने के लिए आभूषण निर्माताओं, बुलियन डीलरों, प्राधिकृत व्यापारी बैंकों तथा ट्रेड निकायों (trade bodies) से अनुरोध प्राप्त होते रहे हैं। इन अभिवेदनों को ध्यान में रखते हुए और भारत सरकार के परामर्श से, यह निर्णय लिया गया है कि नामित बैंकों/एजेंसियों/एंटिटीज़ द्वारा स्वर्ण का आयात करने संबंधी दिशानिर्देशों को संशोधित किया जाए। ये संशोधित दिशानिर्देश तत्काल प्रभाव से निम्नानुसार लागू होंगे:

3. विदेशी व्यापार महानिदेशक के पास नामित एजेंसियों के रूप में पंजीकृत स्टार ट्रेडिंग गृह/ प्रीमियर ट्रेडिंग गृह (एसटीएच/पीटीएच) अब 20/80 योजना के तहत स्वर्ण का आयात निम्नलिखित शर्तों के तहत कर सकते हैं:

ए) एसटीएच/पीटीएच ने 20/80 योजना लागू होने से पूर्व स्वर्ण का आयात किया हो। एसटीएच/पीटीएच ने स्वर्ण का आयात पहले जिस पोर्ट से किया हो, उसके सीमा-शुल्क (customs) अधिकारियों से आयातित परेषण (consignment) का अपेक्षित सत्यापन करा लें।

बी) अधिकतम 2000 किलो की शर्त के अधीन इस योजना के तहत स्वर्ण की पहली खेप भारतीय रिजर्व बैंक की 14 अगस्त 2013 की अधिसूचना से पूर्व के 24 माह में से किसी भी माह में किए गए उच्चतम आयात पर आधारित होगी।

सी) अन्य नामित एजेंसियों की भांति, एसटीएच/पीटीएच किसी भी पोर्ट से पात्र मात्रा में स्वर्ण का आयात कर सकते हैं, बशर्ते वह मात्रा उनके लिए अनुमत पात्रता सीमा/उन्हें अनुमत अधिकतम मात्रा के अंतर्गत आती हो।

डी) जिस सीमा-शुल्क (customs) कार्यालय द्वारा उनके पिछले निष्पादन के आंकड़ों का सत्यापन किया गया था, उसे वे आयात से पूर्व, उचित अनुपालन के लिए, पोर्ट-वार तथा मात्रा-वार, आयात प्लान अवश्य प्रस्तुत करें। यह जानकारी अन्य सभी पोर्टों को भेजी जाएगी जहां से आयात की अनुमति दी जाती है। आगामी परेषण (consignment) का आयात करने से पहले प्रत्येक परेषण (consignment) का 20% निर्यात करने का समग्र अनुशासन ऐसे एसटीएच/पीटीएच आयातकों पर भी समान रूप से लागू होगा।

4. इसके अलावा, यह निर्णय लिया गया है कि घरेलू आयात कोटे के 80% में से नामित बैंकों को अपने बही खाते में 31 मार्च 2013 को शेष स्वर्ण धातु ऋण (जीएमएल) की सीमा तक स्वर्ण धातु ऋण (जीएमएल) देने की अनुमति दी जाए।

5. संशोधित अनुदेशों के अनुसार परिकल्पित 20/80 योजना के संशोधित काम करने के स्वरूप (working) का उदाहरण अनुबंध में दिया गया है।

6. सभी अन्य अनुदेश अपरिवर्तित बने रहेंगे।

7. प्राधिकृत व्यापारी इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने संबंधित घटकों और ग्राहकों को अवगत कराएं।

8. इस परिपत्र में निहित निर्देश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अधीन और अन्य किसी कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बगैर जारी किए गए हैं।

भवदीय

(सी.डी.श्रीनिवासन)
मुख्य महाप्रबंधक


अनुबंध

स्वर्ण के आयात के लिए 20/80 योजना के काम करने के स्वरूप (working) का उदाहरण:

  1. एबीसी नामक नामित बैंक/एजेंसी/कोई अन्य एंटिटी 100 किलो स्वर्ण का आयात करती है जो केवल सीमा-शुल्क बांडेड माल गोदाम (bonded warehouses) के माध्यम से आएगा। यदि आवश्यक समझा जाएगा तो खेप दो बीजकों (इनवासों) में अर्थात एक निर्यातकों (अर्थात 20%) और दूसरी घरेलू उपयोगकर्ताओं (80%) के लिए मंगायी जा सकती है।

  2. उल्लिखित 100 किलो स्वर्ण में से, बांडेड वेयरहाउस में रखा 20 किलो स्वर्ण, सीमा-शुल्क (कस्टम) अधिकारियों को वचनपत्र दे कर स्वर्ण के निर्यातकों को बेचने के लिए अंशत: अथवा पूर्णत: जारी कराया जा सकता है, जैसाकि अभी किया जा रहा है।

  3. आभूषण कारोबार में संलग्न घरेलू एंटिटीज़/बुलियन ट्रेडर्स और स्वर्ण जमा योजना तथा स्वर्ण धातु ऋण (जीएमएल) के कार्य करने वाले बैंको को शेष 80 किलो बेचा/उधार दिया जा सकता है। जीएमएल के अलावा, आयातित स्वर्ण की बिक्री पूर्णत: अग्रिम भुगतान के बदले में होगी, जहां नामित बैंक उनके 31 मार्च 2013 को बहीखातों में शेष जीएमएल की सीमा तक घरेलू आभूषण उत्पादकों को स्वर्ण धातु ऋण (जीएमएल) दे सकते हैं। दूसरे शब्दों में जीएमएल को छोड़कर, स्वर्ण को घरेलू उपयोग के लिए किसी भी रूप में उधार देने की अनुमति नहीं होगी। यदि नामित बैंक स्वयं स्वर्ण जमा योजना का परिचालन करता है और उसने स्वर्ण जमा योजना के अंतर्गत एकत्रित स्वर्ण में से स्वर्ण धातु ऋण (जीएमएल) दिया है, तो बैंक को इस बात की अनुमति होगी कि वह 80 किलो में से एक अंश दिए गए स्वर्ण धातु ऋण (जीएमएल) के पुनर्भरण (replenish) के लिए इस्तेमाल कर सकता है।

  4. एबीसी द्वारा 100 कि.ग्रा. स्वर्ण के आयात की दूसरी खेप के लिए सीमा-शुल्क अधिकारियों द्वारा केवल तभी अनुमति दी जाएगी जब निर्यात (अर्थात आयातित खेप का 20%) का प्रमाण प्रस्तुत किया जाएगा।

  5. स्वर्ण की तीसरी और आगे की खेपों के लिए आयात पहली दो खेपों से कम होगा।

  1. निर्यात का पांच गुना जिनके संबंध में प्रमाण प्रस्तुत किया गया है;अथवा

  2. नामित एजेंसी को पहली अथवा दूसरी खेप के लिए अनुमत स्वर्ण की मात्रा।

नोट: किसी भी रूप में/शुद्धता में स्वर्ण का आयात करने वाली और स्वर्ण डोर (dore) के मामले में भी रिफाइनरियों और किसी अन्य स्वर्ण आयातक एंटिटी द्वारा इसी प्रक्रिया का पालन किया जाएगा।

* स्वर्ण की पहली खेप का आयात ठीक पूर्ववर्ती वित्तीय वर्ष की समाप्ति से पिछले तीन वित्तीय वर्षों में से किसी भी वित्तीय वर्ष में किए गए अधिकतम आयात के 20% से अधिक नहीं होगा।


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