आरबीआई/2013-2014/531
शबैंवि.बीपीडी.(पीसीबी).परि.सं.52/12.05.001/2013-14
25 मार्च 2014
मुख्य कार्यपालक अधिकारी
सभी प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक
महोदय / महोदया,
बैंकों का तुलन-पत्र – सूचना का प्रकटीकरण
कृपया उपर्युक्त विषय पर 30 अक्तूबर 2002 का हमारा परिपत्र शबैंवि.केंका.बीपीडी.(पीसीबी) सं. 20/16.45.00/2002-03 देखें।
2. उपर्युक्त परिपत्र के अनुसार, `100 करोड़ जमाराशि रखने वाले शहरी सहकारी बैंकों को सूचित किया गया था कि 31 मार्च 2003 को समाप्त वर्ष से बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथालागू) की धारा 29 के अनुसार बनाए गये अपने तुलन पत्र में ' लेखे पर टिप्पणियां ' के अंतर्गत कतिपय सूचना प्रकट करनी होंगी। तदपश्यात परिशिष्ट में दर्शाए गए अन्य परिपत्रों में भी अतिरिक्त प्रकटीकरण के बारे में सूचित किया गया था।
3. अब यह निर्णय लिया गया है कि इन प्रकटीकरण संबंधी अपेक्षाओं को सभी शहरी सहकारी बैंक जिनमें टीयर- । श.स.बैंक भी शामिल हैं, के लिए लागू किया जाए। तदनुसार, सभी शहरी सहकारी बैंकों द्वारा अनुबंध में बताए अनुसार 31 मार्च 2014 को समाप्त वर्ष से अपने तुलन-पत्र में 'लेखों पर टिप्पणियां ' के अंतर्गत सूचना को प्रकट करना होगा।
भवदीय,
(ए.के.बेरा)
प्रधान मुख्य महाप्रबंधक
संलग्नक: अनुबंध
अनुबंध
शहरी सहकारी बैंकों के लिए निर्धारित किए गए प्रकटीकरण संबंधी मानदंड़
i)
जोखिम भारित आस्तियों की तुलना में पूंजी का अनुपात (सीआरएआर)
ii) सीआरएआर में उतार-चढ़ाव अर्थात्, पिछले वर्ष की तुलना में तुलन-पत्र के अनुसार चालू वर्ष के सीआरएआर की स्थिति
iii) निवेश:
a) निवेशों का बही मूल्य और अंकित मूल्य
b) निवेशों का बाज़ार मूल्य
c) गैर-एसएलआर निवेश और गैर अनर्जक गैर-एसएलआर निवेश के संबंध में जारीकर्ता संगठन का विवरण (15 अप्रैल 2004 का शबैंवि.केंका.बीपीडी.(पीसीबी)परि.सं.45/16.20.00/2007-08 तथा 18 सितंबर 2007 का शबैंवि.केंका.बीपीडी.(पीसीबी)परि.सं.45/16.20.00/2007-08)
- गैर एसएलआर प्रतिभूतियों में निवेशों का जारीकर्ता संगठनो की संरचना
सं. |
जारीकर्ता |
राशि |
निवेश ग्रेड से नीचे' की प्रतिभूतियों की राशि |
रेटिंग रहित(अनरेटेड) प्रतिभूतियों की राशि |
असूचीबद्ध प्रतिभूतियों में निवेश की राशि |
(1) |
(2) |
(3) |
(4) |
(5) |
(6) |
1 |
सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (PSUs) |
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2 |
वित्तीय संस्थाएं |
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3 |
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक |
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4 |
म्युचुअल फंड |
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5 |
अन्य |
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6 |
मूल्य-ह्रास के लिए धारित प्रावधान |
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ब्यौरे |
राशि (रुपये करोड़ में) |
प्रारंभिक शेष राशि |
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1 अप्रैल के बाद वर्ष के दौरान किए गए अन्य निवेश |
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उपर्युक्त अवधि के दौरान घटाव |
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अंतिम शेष राशि |
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प्रावधान के लिए धारित कुल राशि |
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iv) स्थावर संपदा, कारोबार, आवास के निर्माण के लिए दिए गए अग्रिम
v) शेयर व डिबेंचर्स के प्रति अग्रिम
vi) निदेशकों, उनके रिश्तेदारों को दिए गए अग्रिम तथा उन कंपनियों/ फर्मों को दिए गए अग्रिम जिनमें इन निदेशकों व उनके रिश्तेदारों का हित निहित है :
- निधिक संबंधी अग्रिम
- गैर निधिक संबंधी अग्रिम (गारंटियां, साख-पत्र (LC), आदि)
vii) जमाराशि की लागत : जमाराशि का औसतन लागत
viii) अनर्जक आस्तियां (एनपीए) :
- सकल एनपीए
- निवल एनपीए
ix) तुलन-पत्र की तारीख के अनुसार पिछले वर्ष की तुलना में चालू वर्ष में सकल व निवल एनपीए की स्थिति। निवल एनपीए की गणना प्रावधान के लिए रखी गई राशि और उचंत खाता में रखी गई ब्याज राशि को घटाकर की जाए।
x) लाभप्रदता :
- कार्यकारी निधि के प्रतिशत के रूप में ब्याज जन्य आय
- कार्यकारी निधि के प्रतिशत के रूप में गैर ब्याज जन्य आय
- कार्यकारी निधि के प्रतिशत के रूप में परिचालन लाभ
- आस्तियों से प्राप्त राशि
- कारोबार (जमाराशि + अग्रिम) प्रति कर्मचारी के हिसाब से
- प्रति कर्मचारी के हिसाब से लाभ
xi) एनपीए, निवेश में मूल्यह्रास, मानक अस्तियों के प्रति किए गए प्रावधान
xii) प्रावधान में उतार–चढ़ाव (अर्थात., चालू वर्ष के लिए तुलन-पत्र की तारीख के अनुसार प्रावधान)
उदा: पिछले वर्ष (उदा.31 मार्च 2013) की तुलना में 31 मार्च 2014 की स्थिति
- एनपीए के प्रति
- निवेश में हुए मूल्यह्रास के प्रति
- मानक अस्तियों के प्रति
xiii) विदेशी मुद्रा अस्तियां व देयताएं : (यदि लागू हो तो)
xiv) डीआईसीजीसी बीमा प्रीमियम का भुगतान :
शहरी सहकारी बैंकों को बीमा के सभी प्रीमियम का भुगतान बकाया के साथ (यदि हो) किया है या नहीं, इसकी सूचना देनी होगी। (06 मार्च 2003 का शबैंवि.सं.बीपी.38/16.45.00/2002-03)
xv) भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा लगाया गया जुर्माना: (01 मार्च 2005 का शबैंवि. पीसीबी. परि. 40 / 16.45.00 / 2002-03) शहरी सहकारी बैंकों को आवश्यक है कि वे अपने तुलन-पत्र में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा लगाए गए दंड को 'लेखे पर टिप्पणी' के अंतर्गत दर्शाएं।
xvi) पुनर्रचित खाते
शहरी सहकारी बैंकों से अपेक्षित है कि वे अपने प्रकाशित वार्षिक तुलन-पत्र में "लेखे पर टिप्पणियां" के अंतर्गत निम्नलिखित फार्मेट में पुनर्रचित अग्रिमों की संख्या व राशि, पुनर्रचित अग्रिमों के उचित मूल्य में हुई कमी की मात्रा संबंधी जानकारी प्रकट करे।
(लाख रुपये में) |
पुनर्रचित खातों के ब्यौरे |
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आवास ऋण |
एसएमई ऋण पुनर्रचना |
अन्य |
पुनर्रचित मानक अग्रिम |
उधारकर्ताओं की संख्या |
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बकाया राशि |
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घाटा (उचित मूल्य में कमी) |
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पुनर्रचित अवमानक अग्रिम |
उधारकर्ताओं की संख्या |
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बकाया राशि |
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घाटा (उचित मूल्य में कमी) |
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पुनर्रचित संदिग्ध अग्रिम
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उधारकर्ताओं की संख्या |
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बकाया राशि |
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घाटा (उचित मूल्य में कमी) |
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कुल |
उधारकर्ताओं की संख्या |
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बकाया राशि |
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घाटा (उचित मूल्य में कमी) |
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शहरी सहकारी बैंकों से अपेक्षित है कि वे अपने प्रकाशित वार्षिक तुलन-पत्र में पुनर्रचित आवेदनों के मामले में, जो प्रक्रियाधीन हैं और जिनके लिए पुनर्रचित पैकेजस का अनुमोदन नहीं दिया गया है, के संबंध में राशि और खातों की संख्या की जानकारी प्रकट करें। (06 मार्च 2009 का शबैंवि. पीसीबी. बीपीडी. सं. 53/13.05.000/2008-09 तथा 20 अप्रैल 2009 का शबैंवि. पीसीबी. बीपीडी. 60/13.05.000/2008-09)
xvii) अचल आस्तियां –मूल्यांकन / पुनर्मूल्यांकन
शहरी सहकारी बैंकों से अपेक्षित है कि वे अपनी अचल आस्तियों के लिए एक व्यापक नीति अपनाएं। शहरी सहकारी बैंकों द्वारा अचल अस्तियों की वास्तिविक लागत जिनका पूनर्मूल्यांकन किया जाना है और मूल्य-वृद्धि / मूल्यह्रास के लिए लेखांकन पद्धति आदि ऐसी पुनर्मूल्यांकन से सबंधित जानकारी प्रकट करनी होगी। बैंकों को सूचित किया जाता हैकि वे किसी विशेष श्रेणी की आस्तियों के मामले में पुनर्मूल्यांकन की आवृत्ति (frequency) / मूल्य-ह्रास गणना की पद्धति में परिवर्तन के संबंध में उचित जानकारी प्रकट करें। (09 जनवरी 2007 का शबैंवि. पीसीबी. एमसी. सं. 26/13.05.000/2006-07)
परिशिष्ट
प्रकटीकरण मानदंड़ के संबंध में जारी किए गए परिपत्रों की सूची
क्र |
परिपत्र सं. |
दिनांक |
विषय |
1 |
शबैंवि.केंका.बीपीडी.(पीसीबी)परि.सं.20/16.45.00/2002-03 |
30.10.2002 |
बैंकों का तुलन-पत्र- प्रकटीकरण संबंधी सूचना |
2 |
शबैंवि.सं.बीपी.38/16.45.00/2002-03 |
06.03.2003 |
बैंकों का तुलन-पत्र – प्रकटीकरण संबंधी सूचना- बीमा प्रीमियम |
3 |
शबैंवि.केंका.बीपीडी.(पीसीबी)परि.सं. 45 /16.20.00/2003-04 |
15.04.2004 |
प्राथमिक शहरी सहकारी बैंकों द्वारा गैर एसएलआर प्रतिभूतियों में निवेश |
4 |
शबैंवि.केंका.बीपीडी.(पीसीबी)परि.सं.05 /16.20.00/2004-05 |
22.07.2007 |
अखिल भारतीय वित्तीय संस्थाओं की सूची |
5 |
शबैंवि.बीपीडी(पीसीबी)परि.सं.14 /16.20.000/2007-08 |
18.09.2007 |
प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों द्वारा गैर-एसएलआर प्रतिभूतियों में निवेश |
6 |
शबैंवि.(पीसीबी).परि.सं.40/16.45.000/2004-05 |
01.03.2005 |
प्रकटीकरण के माध्यम से बैंकों के कार्यकलाप में पारदर्शिता बढ़ाना- शहरी सहकारी बैंक |
7 |
शबैंवि.बीपीडी.पीसीबी.परि.सं.26 /13.05.000/2006-07 |
09.01.2007 |
परिसंपत्तियों का मूल्यांकन – मूल्यांकनकर्ताओं को सूची में शामिल करना |
8 |
शबैंवि.बीपीडी.पीसीबी.परि.सं.53/13.05.000/2008-09 |
06.03.2009 |
अग्रिमों की पुनर्रचना पर विवेकपूर्ण दिशानिर्देश - शहरी सहकारी बैंक |
9 |
शबैंवि(पीसीबी).बीपीडी.परि.सं.60/13.05.000/2008-09 |
20.04.2009 |
अग्रिमों की पुनर्रचना के लिए विवेकपूर्ण दिशानिर्देश- शहरी सहकारी बैंक |
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