भारिबैं/2014-15/150
ग्राआऋवि.केंका.आरआरबी.बीसी.सं.17/03.05.33/2014-15
28 जुलाई 2014
अध्यक्ष
सभी क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक
महोदय/महोदया,
क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों द्वारा लेखे पर टिप्पणियों में अतिरिक्त प्रकटीकरण
कृपया 1 अप्रैल 2014 को घोषित प्रथम द्विमासिक मौद्रिक नीति वक्तव्य 2014-15 के पैरा 18 का संदर्भ लें जिसमें बैंकों को प्राथमिकताप्राप्त क्षेत्र सहित विभिन्न क्षेत्रों के प्रति अपने एक्सपोजरों का सक्रिय रूप से प्रबंधन करने के लिए प्रोत्साहित करने हेतु छोटे व्यवसायों और न्यून आयवाले परिवारों के लिए व्यापक वित्तीय सेवाओं पर गठित समिति (अध्यक्ष: डॉ नचिकेत मोर) की सिफारिशों के अनुसार कतिपय अतिरिक्त प्रकटीकरण आवश्यकताएं निर्धारित करने का प्रस्ताव किया गया था।
2. इस संबंध में बैंकों को सूचित किया जाता है कि वे वित्तीय वर्ष 2014-15 से आगे अनुबंध में दिए गए फार्मेट के अनुसार वित्तीय विवरणों के ‘”लेखे पर टिप्पणियों” में क्षेत्रवार अग्रिमो को प्रकट करें।
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जमाराशि, अग्रिमों, एक्सपोज़र तथा अनर्जक आस्तियों (एन पी ए) का संकेंद्रण
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क्षेत्रवार अनर्जक आस्तियाँ
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अनर्जक आस्तियों में घटबढ़
उक्त निर्धारित फार्मेट अनुबंध में दिए गए हैं ।
भवदीय
(ए.जी.रे)
महाप्रबंधक
अनुबंध
I. जमाराशि, अग्रिम, एक्सपोज़र तथा अनर्जक आस्तियों का संकेंद्रण
जमाराशियों का संकेंद्रण |
(राशि करोड़ रुपये में) |
बीस सबसे बड़े जमाकर्ताओं की कुल जमाराशियां |
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बैंक की कुल जमाराशियों में बीस सबसे बड़े जमाकर्ताओं की जमाराशियों का प्रतिशत |
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अग्रिमों का संकेंद्रण* |
(राशि करोड़ रुपये में) |
बीस सबसे बड़े जमाकर्ताओं के कुल अग्रिम |
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बैंक के कुल अग्रिमों में बीस सबसे बड़े उधारकर्ताओं के अग्रिमों का प्रतिशत |
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* अग्रिमों की गणना ”विवेक सम्मत मानदंडों को पुख्ता बनाना – आस्ति वर्गीकरण और एक्सपोज़र सीमा” पर 11 जून 2001 के हमारे परिपत्र ग्राआऋवि.आरआरबी.बीसी.सं.97/ 03.05.34/ 2000-01 में निर्धारित प्रकार से की जानी चाहिए । |
एक्सपोज़रों का संकेंद्रण** |
(राशि करोड़ रुपये में) |
बीस सबसे बड़े उधारकर्ताओं/ग्राहकों के प्रति कुल एक्सपोज़र |
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उधारकर्ताओं/ ग्राहकों पर बैंक के कुल एक्सपोज़र की तुलना में बीस सबसे बड़े उधारकर्ताओं/ ग्राहकों के प्रति एक्सपोज़र का प्रतिशत |
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** एक्सपोज़र की गणना ”विवेक सम्मत मानदंडों को पुख्ता बनाना – आस्ति वर्गीकरण और एक्सपोज़र सीमा” पर 11 जून 2001 के हमारे परिपत्र ग्राआऋवि.आरआरबी.बीसी.सं.97/03.05.34/2000-01 में निर्धारित ऋण और निवेश एक्सपोज़र के आधार पर की जानी चाहिए । |
अनर्जक आस्तियों का संकेंद्रण |
(राशि करोड़ रुपये में) |
चार सर्वोच्च अनर्जक आस्ति खातों में कुल एक्सपोज़र |
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II। क्षेत्रवार अनर्जक आस्तियां
(राशि करोड़ रुपये में) |
क्रम सं॰ |
क्षेत्र* |
चालू वर्ष |
पिछले वर्ष |
कुल बकाया अग्रिम |
सकल एनपीए |
संबंधित क्षेत्र में कुल अग्रिमों में अनर्जक आस्तियों का प्रतिशत |
कुल बकाया अग्रिम |
सकल एनपीए |
संबंधित क्षेत्र में कुल अग्रिमों में अनर्जक आस्तियों का प्रतिशत |
ए |
प्राथमिकताप्राप्त क्षेत्र |
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1 |
कृषि और संबद्ध गतिविधियां |
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2 |
प्राथमिकताप्राप्त क्षेत्र उधार के रूप में उद्योग क्षेत्र को अग्रिम |
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3 |
सेवाएं |
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4 |
व्यक्तिगत ऋण |
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उप जोड (ए) |
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बी |
गैर-प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र |
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1 |
कृषि और संबद्ध गतिविधियां |
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2 |
उद्योग |
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3 |
सेवाएं |
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4 |
व्यक्तिगत ऋण |
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उप-जोड़ (बी) |
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जोड़ (ए+बी) |
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* क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक उपर्युकत फॉर्मेट में ऐसे उपक्षेत्र भी प्रकट करें जहां उस क्षेत्र को दिए गए बकाया कुल अग्रिमों के 10 प्रतिशत से अधिक बकाया अग्रिम हों। उदाहरण के लिए यदि किसी बैंक के खादी ग्रामोद्योग (केवीआई) को बकाया अग्रिम “उद्योग“ क्षेत्र को कुल बकाया अग्रिमों के 10 प्रतिशत से अधिक हो तो उस बैंक को उपर्युक्त फॉर्मेट में “उद्योग“ क्षेत्र के अंतर्गत केवीआई को दिए गए उसके बकाया अग्रिमों के ब्यौरे प्रकट करने होंगे |
III. अनर्जक आस्तियों की घट-बढ़
ब्यौरे |
राशि करोड़ रुपये में |
संबंधित वर्ष के पहली अप्रैल को सकल अनर्जक आस्तियां (आरंभिक शेष) |
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वर्ष के दौरान वृद्धि (नयी अनर्जक आस्तियां) |
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उप-जोड़ (ए) |
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घटाएं : |
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(i) श्रेणी उन्नयन |
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(ii) वसूली (जिन खातों का श्रेणी उन्नयन हुआ है उनसे वसूली को छोड़कर) |
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(iii) बट्टे खाते |
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उप-जोड़ (बी) |
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अगले वर्ष के 31 मार्च को सकल अनर्जक आस्तियां (इति शेष) (ए - बी) |
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