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अधिसूचनाएं

सुव्यवस्थि‍त और वि‍त्तीय दृष्टि से मजबूत शहरी सहकारी बैंकों के वर्गीकरण मानदंडों की समीक्षा

आरबीआई/2014-15/261
शबैंवि.बीपीडी.(पीसीबी) परि. सं. 20/07.01.000/2014-15

13 अक्‍तूबर 2014

मुख्‍य कार्यपालक अधिकारी
सभी प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक

महोदया / महोदय,

सुव्यवस्थि‍त और वि‍त्तीय दृष्टि से मजबूत शहरी सहकारी बैंकों के वर्गीकरण मानदंडों की समीक्षा

कृपया उपर्युक्‍त विषय पर 01 अक्तूबर 2013 का हमारा परिपत्र शबैंवि.केंका.एलएस(पीसीबी).परि.सं.24/07.01.000/2013-14 देखें जिसमें सुव्यवस्थि‍त और वि‍त्तीय दृष्टि से मजबूत शहरी सहकारी बैंकों हेतु पात्रता मानदंडों को निर्धारित किया गया था।

2. इस संदर्भ में शहरी सहकारी बैंकों का ध्यान 11 सितंबर 2013 का हमारा परिपत्र सं.शबैंवि.बीपीडी. (पीसीबी)परि. सं.14 /09.08.300/2013-14 की ओर आकृष्ट करते हैं जिसके माध्यम से शहरी सहकारी बैंकों से उनकी सभी शाखाओं में 31 दिसंबर 2013 तक सीबीएस कार्यान्वित करने के लिए सूचित किया था और समय सीमा के अधीन सीबीएस के कार्यान्वयन में हुई चूक के परिणामस्वरूप शहरी सहकारी बैंकों को विभिन्न सुविधाएं (शाखा या कार्यक्षेत्र का विस्तार आदि.) देने से इनकार किए जाने की सूचना भी दी गई थी। बैंकिंग प्रणाली में सीबीएस की महत्ता को पहचानकर अब यह निर्णय लिया गया है कि एक शहरी सहकारी बैंक को सुव्यवस्थि‍त और वि‍त्तीय दृष्टि‍ से मजबूत के रूप में वर्गीकृत करने के लिए सीबीएस के कार्यान्वयन को एक अतिरिक्त मानक के रूप में शामिल किया जाए। तदनुसार निम्न शर्तों को पूरा करने वाले शहरी सहकारी बैंक आगे से एफ़एसडबल्यूएम के रूप में कहलाएंगे:

ए) सीआरएआर 10% से कम नहीं
बी) सकल अनर्जक आस्ति‍यां 7% से कम हो और नि‍वल अनर्जक आस्तियां 3% से अधिक न हो
सी) पिछले चार सालों में से पिछले तीन वर्षों में लगातार लाभ दर्ज कि‍या गया हो, बशर्ते कि पूर्व के साल में हानी नहीं हुई हो।
डी) पि‍छले वि‍त्तीय वर्ष में सीआरआर /एसएलआर बनाए रखने में चूक न हो
डी) पि‍छले तीन वर्षों में लगातार लाभ दर्ज कि‍या गया हो
ई) सृदृढ आंतरि‍क नि‍यंत्रण प्रणाली के साथ-साथ बोर्ड पर कम से कम दो वृत्तिदक्ष नि‍देशक हो
एफ़) सीबीएस का पूर्णत: अनुपालन किया गया हो
(जी) विनियामक सहूलियत

3. पारदर्शिता लाने के लिए तथा विनियामक सहूलियत के मानक के निर्वचन के संदर्भ में किसी प्रकार की अनभिप्रेत व्यक्तिपरता का अंश निहित है तो उसे हटाने के लिए यह स्पष्टीकृत किया जाता है कि इस प्रकार के शहरी सहकारी बैंकों के संदर्भ में यह सुनिश्चित किया जाए कि बैंककारी वि‍नि‍यमन अधि‍नि‍यम 1949 (सहकारी समि‍ति‍यों पर यथालागू), भारतीय रि‍ज़र्व बैंक अधि‍नि‍यम, 1934 के प्रावधानों के अनुपालन का रि‍कार्ड अच्छा सिद्ध हुआ हो तथा भारतीय रि‍ज़र्व बैंक द्वारा समय-समय पर जारी अनुदेश/ नि‍देश का अनुपालन संतोषजनक हो, विनियामकीय अनुपालन का रेकॉर्ड त्रुटिहीन हो और पिछले तीन वित्तीय वर्षों के दौरान भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेश/ मार्गनिर्देश के उल्लंघन के लिए बैंक को चेतावनी पत्र/ सचेतक सूचना जारी न किया गया हो या मौद्रिक जुर्माना न लगाया गया हो।

4. भविष्य में शहरी सहकारी बैंकों से ऑन-साईट/ ऑफ साईट/ मोबाईल एटीएम खोलने, वार्षिक कार्य योजना के अंतर्गत कार्यक्षेत्र में विस्तार, परिसर का स्थानांतरण और भारतीय रिज़र्व बैंक से अन्य सभी अनुमोदन हासिल करने के लिए प्राप्त आवेदनों को संसाधित करते वक्त नए मानक के अनुसार विचार किया जाएगा।

भवदीय,

(ए के बेरा)
प्रधान मुख्य महाप्रबंधक


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