भारिबैं./2014-15/307
ए.पी. (डीआईआर सीरीज़) परिपत्र सं. 38
20 नवंबर, 2014
सभी श्रेणी-I के प्राधिकृत बैंक व्यापारी
महोदया / महोदय,
अचल संपत्ति का अधिग्रहण/अंतरण – करों का भुगतान
विदेशी मुद्रा का कारोबार करने वाले प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान, समय समय पर यथासंशोधित, 3 मई 2000 की अधिसूचना सं.फेमा.21/2000-आरबी के जरिए अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत में अचल संपत्ति का अधिग्रहण/अंतरण) विनियमावली, 2000 की ओर आकृष्ट किया जाता है।
2. यह देखा गया है कि इन विनियमों के अंतर्गत संपत्ति संबंधी लेनदेनों पर कर के भुगतान की अपेक्षा के संबंध में लोगों में दुविधा कायम है।
3. इस संबंध में यह स्पष्ट किया जाता है कि इन विनियमों के तहत अचल संपत्ति के अधिग्रहण/अंतरण संबंधी लेनदेन भारत में लागू कर संबंधी कानूनों के अधीन होंगे।
4. रिज़र्व बैंक ने 17 अक्तूबर 2014 के जी.एस.आर. सं.733(ई) के जरिए 26 सितंबर 2014 की अधिसूचना सं. फेमा. 321/2014-आरबी के द्वारा अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत में अचल संपत्ति का अधिग्रहण/अंतरण) विनियमावली, 2014 के मार्फत मूल विनियमावली को अब संशोधित कर दिया है।
5. प्राधिकृत व्यापारी इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने संबन्धित घटकों को अवगत कराएं।
6. इस परिपत्र में निहित दिशानिर्देश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम (फेमा), 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) एवं 11(1) के तहत एवं किसी अन्य कानून के अतर्गत अपेक्षित अनुमति/ अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना जारी किए गए हैं।
भवदीय,
(सी. डी. श्रीनिवासन)
मुख्य महाप्रबंधक |