भारिबैंक/2014-15/358
ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 50
16 दिसंबर 2014
सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक
महोदया/महोदय,
रुपया आहरण व्यवस्था (RDA) – क्षेत्रीय कार्यालयों में कार्यों
का प्रत्यायोजन – विवरणों / विवरणियों का प्रस्तुतीकरण
प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंकों का ध्यान अनिवासी विनिमय गृहों के रुपया/विदेशी मुद्रा वोस्ट्रो खाते खोलने और रखने से संबंधित अनुदेशों के ज्ञापन संबंधी, समय-समय पर यथा संशोधित, 6 फरवरी 2008 के ए.पी.(डीआईआर सीरीज़) परिपत्र सं.28 [ए.पी.(एफएल/आरएल सीरीज़) परिपत्र सं.2] की ओर आकृष्ट किया जाता है।
2. 18 जुलाई 2014 के ए.पी.(डीआईआर सीरीज़) परिपत्र सं. 7 के अनुक्रम में यह स्पष्ट किया जाता है कि प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंकों से अपेक्षित है कि वे 'रुपया आहरण व्यवस्था' के कार्यों संबंधी अधिकारों के प्रत्यायोजन के पश्चात से 'विनिर्दिष्ट विवरणों' सहित रिज़र्व बैंक से अपना समस्त पत्र-व्यवहार रिज़र्व बैंक के विदेशी मुद्रा विभाग के उस क्षेत्रीय कार्यालय से करें जिसके अधिकार क्षेत्र में उनका पंजीकृत कार्यालय कार्यरत है। यह पाया गया है कि अनेक प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक अपने पत्र एवं विवरण केंद्रीय कार्यालय को लगातार भेजते हैं जिससे उनकी संवीक्षा/उन्हें संसाधित करने में विलंब होता है जिससे बचा जा सकता है (यदि ऐसा न हो)। इसलिए प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंकों को सूचति किया जाता है कि वे संबंधित क्षेत्रीय कार्यालयों से पत्र व्यवहार करने एवं विवरणों के प्रस्तुतीकरण संबंधी उपर्युक्त अनुदेशों को नोट करें एवं उनका पालन करें।
3. समय समय पर यथा संशोधित, 6 फरवरी 2008 के ए.पी.(डीआईआर सीरीज़) परिपत्र सं.28 [ए.पी.(एफएल/आरएल सीरीज़) परिपत्र सं.2] द्वारा जारी सभी अन्य अनुदेश अपरिवर्तित बने रहेंगे।
4. प्राधिकृत व्यक्ति (भारतीय एजेंट) इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने संबंधित घटकों को अवगत कराएं।
5. इस परिपत्र में निहित निर्देश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और 11(1) के अंतर्गत और किसी अन्य विधि के अंतर्गत अपेक्षित किसी अनुमति/अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना जारी किये गये हैं।
भवदीय,
(बी.पी.कानूनगो)
प्रधान मुख्य महाप्रबंधक |