भारिबैंक/2014-15/495
ए.पी. (डीआईआर सीरीज़) परिपत्र सं. 83
11 मार्च 2015
सभी श्रेणी-I प्राधिकृत व्यापारी बैंक
महोदया/महोदय,
अचल संपत्ति का अर्जन/अंतरण – कतिपय देशों के नागरिकों पर प्रतिबंध
विदेशी मुद्रा का कारोबार करने वाले प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा/21/2000-आरबी के तहत अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत में अचल संपत्ति का अर्जन एवं अंतरण) विनियमावली, 2000 के विनियम 7 की ओर आकृष्ट किया जाता है, जिसके अनुसार पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका, अफगानिस्तान, चीन, ईरान, नेपाल अथवा भूटान के नागरिक पाँच वर्षों से अनधिक अवधि के लिए लीज़ पर लेने के सिवाय, भारतीय रिज़र्व बैंक की पूर्वानुमति प्राप्त किए बिना भारत में किसी अचल संपत्ति का अर्जन अथवा अंतरण नहीं कर सकेंगे।
2. यह पता चला है कि मकाउ और हाँगकाँग चीन के दो विशिष्ट प्रशासनिक क्षेत्र हैं। चूंकि वे अलग से अधिसूचित किए गए हैं, अतः, भारत सरकार के परामर्श से, यह निर्णय लिया गया है कि मकाउ और हाँगकाँग के नागरिकों को भी उक्त फेमा अधिसूचना के विनियम 7 के अनुसार भारत में अचल संपत्ति के अर्जन/अंतरण संबंधी प्रतिबंधित सूची में शामिल किया जाए।
3. भारतीय रिज़र्व बैंक ने 24 फरवरी 2015 के जीएसआर सं.120(ई) के द्वारा 4 फरवरी 2015 की अधिसूचना सं.फेमा.335/2015-आरबी के जरिए अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत में अचल संपत्ति का अर्जन एवं अंतरण) (संशोधन) विनियमावली, 2015 के मार्फत अब मूल विनियमावली को संशोधित कर दिया है।
4. प्राधिकृत व्यापारी इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने संबन्धित घटकों को अवगत कराएं ।
5. इस परिपत्र में निहित निर्देश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम (FEMA), 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और 11(1) के अंतर्गत और किसी अन्य विधि के अंतर्गत अपेक्षित किसी अनुमति/अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना जारी किये गये हैं ।
भवदीय
(बी. पी. कानूनगो)
प्रधान मुख्य महाप्रबंधक |