भा.रि.बैंक/2014-15/474
ए.पी. (डीआईआर सीरीज़) परिपत्र सं. 79
18 फरवरी 2015
सभी श्रेणी-I प्राधिकृत व्यापारी बैंक
महोदया/महोदय,
नामित बैंकों/एजेंसियों द्वारा स्वर्ण के आयात से संबंधित दिशानिर्देश
प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I (ए.डी. श्रेणी-I) बैंकों का ध्यान 28 नवंबर 2014 के ए.पी. (डीआईआर) परिपत्र सं. 42 की ओर आकृष्ट किया जाता है, जिसके अनुसार भारत सरकार के परामर्श से स्वर्ण के आयात संबंधी 20:80 स्कीम को वापस लिया गया है।
2. 20:80 स्कीम को वापस लिए जाने के परिणामस्वरूप स्वर्ण आयात से संबंधित दिशानिर्देशों के बाबत विभिन्न परिचालनात्मक पहलुओं के संबंध में स्पष्टीकरण हेतु भारत सरकार एवं भारतीय रिज़र्व बैंक को अनुरोध प्राप्त हो रहे हैं। तदनुसार भारत सरकार के परामर्श से निम्नलिखित स्पष्टीकरण जारी किए जाते हैं :
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20:80 स्कीम को वापस लेने की तिथि अर्थात 28 नवंबर 2014 से पूर्व आयातित एवं उपयोग में न लाये गए सोने के संबंध में पूर्व प्रचलित 20:80 स्कीम के तहत निर्यात का दायित्व पूर्ववत बना रहेगा।
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नामित बैंकों को अब परेषण (consignment) के आधार पर स्वर्ण आयात की अनुमति दी गई है। सोने की घरेलू बिक्री, हालांकि, प्रारम्भिक भुगतान के आधार पर की जाएगी। बैंकों को स्वर्ण-धातु-ऋण देने की स्वतंत्रता है।
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स्टार एवं प्रीमियर ट्रेडिंग हाउस (STH/PTH) अपनी पात्रता के अनुसार अंतिम उपयोग की बाध्यता के बिना, स्वर्ण का आयात भुगतान पर सुपुर्दगी (DP) के आधार पर कर सकते हैं।
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सोने के सिक्कों एवं पदकों (मेडल) के आयात पर प्रतिबंध नहीं होगा, किन्तु यह मद समीक्षाधीन रहेगी। बैंकों द्वारा सोने के सिक्कों एवं पदकों (मेडल) को बेचने संबंधी प्रतिबंधों को हटाया नहीं गया है।
3. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-। बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने संबन्धित घटकों और ग्राहकों को अवगत कराएं।
4. इस परिपत्र में निहित निर्देश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम (FEMA), 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और 11(1) के अंतर्गत और किसी अन्य विधि के अंतर्गत अपेक्षित किसी अनुमति/अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना जारी किये गये हैं।
भवदीय,
(बी. पी. कानूनगो)
प्रधान मुख्य महाप्रबंधक |