आरबीआई/2015-16/247
बैंविवि.बीपी.बीसी.सं.55/21.04.172/2015-16
26 नवंबर 2015
सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक
(क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)
महोदया/महोदया
फैक्टरिंग कंपनियों के लिए बैंक वित्त
कृपया फैक्टरिंग कंपनियों के लिए बैंक वित्त पर 11 सितंबर 2012 का हमारा परिपत्र सं बैंपविविबीपी.बीसी.सं.40/21.04.172/2012-13 देखें जिसके अनुसार बैंकों को सूचित किया गया था कि वे कतिपय मानदण्डों, जिनमें अन्य बातों के साथ-साथ निम्नलिखित शामिल है, का पालन करने वाली फैक्टरिंग कंपनियों के फैक्टरिंग कारोबार को समर्थन देने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान कर सकते हैं:
(i) वे अपनी आय का कम से कम 75 प्रतिशत अंश फैक्टरिंग क्रिया-कलापों से प्राप्त करती हैं।
(ii) खरीदी हुई/वित्त प्रदान की हुई प्राप्य राशियाँ चाहे 'रिकोर्स के साथ' या 'रिकोर्स के बिना' आधार पर हों, फैक्टरिंग कंपनी की आस्तियों का कम से कम 75% भाग हैं।
2. इसके बाद, 'गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी-फैक्टर (रिज़र्व बैंक) दिशानिर्देश, 2012 की समीक्षा' पर 10 नवंबर 2014 के परिपत्र गैबैंविवि(नीप्र)कंपरि.सं.003/22.10.91/2014-15 के अनुसार यह निर्णय लिया गया है कि एनबीएफसी- फैक्टर के रूप में पंजीकृत होने वाली एनबीएफसी यह सुनिश्चित करेगी कि उसकी कुल आस्ति का न्यूनतम 50 प्रतिशत भाग फैक्टरिंग कारोबार में नियोजित आस्ति हो तथा फैक्टरिंग कारोबार से प्राप्त आय सकल आय के 50 प्रतिशत से कम न हो।
3. तदनुसार, बैंक वित्त के लिए पात्र फैक्टरिंग कंपनियों की आस्ति और आय के सबंध में मानदंड, जैसा कि ऊपर पैरा 1 (i) तथा (ii) में दिए गए हैं, को संशोधित कर 75% से 50 % कर दिया गया है । दिनांक 11 सितंबर 2012 के परिपत्र की अन्य सभी शर्तें अपरिवर्तित हैं।
भवदीय,
(सुदर्शन सेन)
प्रधान मुख्य महाप्रबंधक |