भारिबैं/2015-16/296
विसविवि.जीएसएसडी.केका.बीसी. 19/09.01.03/2015-16
जनवरी 21, 2016
अध्यक्ष/ प्रबंध निदेशक
सभी सरकारी क्षेत्र के बैंक
महोदय / महोदया
राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) - आजीविका – ब्याज सबवेंशन (छूट) योजना
कृपया आप राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) के अंतर्गत ब्याज सबवेंशन योजना पर 09 दिसम्बर, 2014 का हमारा परिपत्र विसविवि. जीएसएसडी.केका.सं. 45/ 09.01.03/2014-15 देखें।
2. एनआरएलएम के अंतर्गत वर्ष 2015-16 के लिए सरकारी क्षेत्र बैंकों द्वारा कार्यान्वयन हेतु ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार से प्राप्त संशोधित दिशानिर्देश अनुबंध में दिए गए हैं।
भवदीया
(माधवी शर्मा)
मुख्य महाप्रबंधक
अनुलग्नक : यथोक्त
महिला एसएचजी के लिए ब्याज सबवेंशन योजना - वर्ष 2015-16
I. सभी सरकारी क्षेत्र के बैंकों, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों तथा सहकारी बैंकों के लिए वर्ष 2015-16 के दौरान 150 जिलों में महिला एसएचजी को दिए जाने वाले ऋण पर ब्याज सबवेंशन (छूट) योजना
i) सभी महिला एसएचजी 7 प्रतिशत वार्षिक की दर पर 3 लाख रूपए तक के ऋण पर ब्याज सबवेंशन के पात्र होंगे। एसजीएसवाई के अंतर्गत अपने वर्तमान बकाया ऋणों के अंतर्गत पहले ही पूंजी सब्सिडी प्राप्त एसएचजी इस योजना के अंतर्गत लाभ पाने के पात्र नहीं होंगे।
ii) वाणिज्य बैंक और सहकारी बैंक उक्त 150 जिलों के ग्रामीण क्षेत्र में स्थित सभी महिला एसएचजी को 7 प्रतिशत की दर पर उधार देंगे। अनुबंध I में इन 150 जिलों के नाम उपलब्ध हैं।
iii) वर्ष 2015-16 के लिए प्रभारित भारित औसत ब्याज (वित्त मंत्रालय, वित्तीय सेवाएं विभाग द्वारा वर्ष 2015-16 के लिए यथा निर्दिष्ट डब्ल्यूएआईसी – अनुबंध II) तथा 5.5 प्रतिशत की अधिकतम सीमा की शर्त पर 7 प्रतिशत के बीच के अंतर की मात्रा तक सभी सरकारी क्षेत्र के बैंकों को आर्थिक सहायता (सबवेंशन) प्रदान की जाएगी। यह सबवेंशन सभी बैंकों को इस शर्त पर उपलब्ध होगा कि वे उक्त 150 जिलों के एसएचजी को 7 प्रतिशत वार्षिक की दर पर ऋण उपलब्ध कराएंगे।
iv) वर्ष 2015-16 के लिए अधिकतम उधार दरों (नाबार्ड द्वारा यथा निर्दिष्ट) और 7 प्रतिशत के बीच के अंतर की मात्रा तक क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों और सहकारी बैंकों को आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी जो 5.5 की अधिकतम सीमा की शर्त पर होगी। सभी क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों और सहकारी बैंकों को उक्त सबवेंशन इस शर्त पर उपलब्ध होगा कि वे उक्त 150 जिलों के एसएचजी को 7 प्रतिशत वार्षिक की दर पर ऋण उपलब्ध कराएंगे। क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों और सहकारी बैंकों को नाबार्ड से रियायती पुनर्वित्त भी प्राप्त होगा। क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों और सहकारी बैंकों को नाबार्ड द्वारा विस्तृत दिशानिर्देश जारी किए जाएंगे।
v) साथ ही, ऋण की तत्परता से चुकौती करने पर एसएचजी को 3 प्रतिशत का अतिरिक्त सबवेंशन उपलब्ध कराया जाएगा। तत्परता से चुकौती पर 3 प्रतिशत के अतिरिक्त ब्याज सबवेंशन के प्रयोजन के लिए ऐसे एसएचजी खाते को 'तत्पर आदाता' के रूप में तब माना जाएगा यदि वह एसएचजी भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा निर्दिष्ट प्रकार से निम्नलिखित मानदंड पूरे करता हो।
क नकदी ऋण सीमा हेतु :
-
बकाया शेष 30 दिनों से अधिक समय के लिए निरंतर रूप से सीमा/आहरण शक्ति से अधिक बना न रहें
-
खाते में नियमित रूप से जमा और नामे लेनदेन होते रहने चाहिए। हर हालत में माह के दौरान कम से कम एक ग्राहक प्रेरित क्रेडिट जरूर होना चाहिए।
-
ग्राहक प्रेरित क्रेडिट माह के दौरान नामे डाले गए ब्याज को कवर करने के लिए पर्याप्त होना चाहिए।
ख. मीयादी ऋणों के लिए : ऐसे मीयादी ऋण खाते को 'तत्पर भुगतान युक्त खाता' तब माना जाएगा जब ऋण की अवधि के दौरान सभी ब्याज भुगतान और / या मूलधन की किस्तों की चुकौती नियत तारीख से 30 दिनों के भीतर की गई हो।
भविष्य में उक्त तत्पर भुगतान दिशानिर्देश रिज़र्व बैंक के इस विषय पर जारी दिशानिर्देशों द्वारा शासित होते रहेंगे।
सूचना देने की तिमाही के अंत में सभी तत्पर आदाता एसएचजी खाते 3 प्रतिशत के अतिरिक्त सबवेंशन के लिए पात्र होंगे। बैंकों को पात्र एसएचजी ऋण खातों में 3 प्रतिशत ब्याज सबवेंशन की राशि जमा कर देनी चाहिए और तत्पश्चात प्रतिपूर्ति की मांग करनी चाहिए।
vi) यह योजना केवल ग्रामीण क्षेत्रों में महिला एसएचजी तक सीमित है।
vii) इस योजना का निधियन एनआरएलएम के अंतर्गत केंद्रीय आवंटन से किया जाएगा।
viii) ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा चयनित किसी नोडल बैंक के माध्यम से सभी सरकारी क्षेत्र के बैंकों के लिए उक्त ब्याज सबवेंशन योजना कार्यान्वित की जाएगी। उक्त नोडल बैंक इस योजना को ग्रामीण विकास मंत्रालय (एमओआरडी) द्वारा सूचित किए गए अनुसार वेब-आधारित प्लेटफार्म के माध्यम से परिचालन में लाएगा। ग्रामीण विकास मंत्रालय ने वित्तीय वर्ष 2015-16 के लिए नोडल बैंक के रूप में केनरा बैंक को नामित किया है।
ix) नाबार्ड द्वारा क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों और सहकारी बैंकों के लिए उक्त योजना अल्पावधि फसल ऋण योजना की तरह ही परिचालन में लायी जाएगी।
x) कोर बैंकिंग सोल्यूशन(सीबीएस) पर परिचालन करने वाले सभी बैंक (सरकारी क्षेत्र के बैंक, आरआरबी तथा सहकारी बैंकों सहित) इस योजना के अंतर्गत ब्याज सबवेंशन प्राप्त कर सकेंगे।
xi) एसएचजी को 7 प्रतिशत की दर से दिए गए ऋण पर नियमित ब्याज सबवेंशन पाने के लिए सभी वाणिज्य बैंकों (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) के लिए आवश्यक है कि वे अपेक्षित तकनीकी विशेषताओं के अनुसार नोडल बैंक के पोर्टल पर एसएचजी ऋण खाता संबंधी जानकारी अपलोड करें। बैंकों को 3 प्रतिशत के अतिरिक्त सबवेंशन के दावे उसी पोर्टल पर प्रस्तुत करने होंगे। सरकारी क्षेत्र के बैंकों के लिए आवश्यक है कि वे नोडल बैंक को 30 जून 2015, 30 सितंबर 2015, 31 दिसंबर 2015 और 31 मार्च 2016 की स्थिति के अनुसार अपने नियमित दावे ( डब्ल्यूएआईसी अथवा उधार दर और 7 प्रतिशत के बीचका अंतर) तथा अतिरिक्त दावे (समय पर चुकौती के लिए 3 प्रतिशत की दर से) भी तिमाही आधार पर परवर्ती माह के अंतिम सप्ताह तक प्रस्तुत करें।
xii) एसएचजी को दिए गए ऋण पर 7 प्रतिशत की दर से ब्याज सबवेंशन और 3 प्रतिशत के अतिरिक्त सबवेंशन पाने के लिए सभी सरकारी क्षेत्र के बैंकों के लिए आवश्यक है कि वे नोडल बैंक को तिमाही आधार पर दावा प्रमाणपत्र प्रस्तुत करें। किसी बैंक द्वारा प्रस्तुत दावे दावा प्रमाणपत्र (मूल रूप में) के साथ होने चाहिए जिसमें यह प्रमाणित किया हो कि सबवेंशन के लिए किया गया दावा सत्य और सही है (अनुबंध III से V)। ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा किसी बैंक के मार्च 2016 को समाप्त होने वाली तिमाही के दावों का निपटान केवल बैंक द्वारा संपूर्ण वित्तीय वर्ष 2015-16 के लिए सांविधिक लेखा परीक्षित प्रमाणपत्र प्राप्त होने के बाद ही किया जाएगा।
xiii) सभी क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों और सहकारी बैंकों के लिए एसएचजी को 7 प्रतिशत की दर से दिए गए ऋण पर ब्याज सबवेंशन पाने के लिए आवश्यक है कि वे नाबार्ड के संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय को अपने दावे 30 जून 2015, 30 सितंबर 2015, 31 दिसंबर 2015 और 31 मार्च 2016 की स्थिति के अनुसार तिमाही आधार पर प्रस्तुत करें। अंतिम तिमाही के लिए दावे सांविधिक लेखा परीक्षक के इस आशय के प्रमाणपत्र के साथ किए जाने चाहिए कि वित्तीय वर्ष 2015-16 के दावे सत्य एवं सही हैं।
xiv) क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक और सहकारी बैंक संपूर्ण वर्ष 2015-16 के दौरान किए गए वितरणों पर 3 प्रतिशत के अतिरिक्त सबवेंशन से संबंधित अपने समेकित दावे नाबार्ड के संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय को उनके सही होने के बारे में सांविधिक लेखा परीक्षकों के प्रमाणन के बाद 30 जून 2016 तक प्रस्तुत कर सकते हैं।
xv) वर्ष 2015-16 के दौरान किए गए वितरणों से संबंधित कोई शेष और वर्ष के दौरान समाविष्ट न किए गए दावे को अलग से समेकित किया जाए और ‘अतिरिक्त दावा’ के रूप में चिन्हित किया जाए और वह नोडल बैंक को सरकारी क्षेत्र के बैंकों द्वारा तथा नाबार्ड के क्षेत्रीय कार्यालयों में सभी क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों और सहकारी बैंकों द्वारा उसके सही होने के बारे में सांविधिक लेखा परीक्षकों के प्रमाणन के बाद 30 जून 2016 तक प्रस्तुत किया जाए।
xvi) बैंकों द्वारा दावों में किसी प्रकार के सुधार को लेखा परीक्षक के प्रमाणपत्र के आधार पर बाद के दावों से समायोजित किया जाएगा। सरकारी क्षेत्र के बैंक हेतु नोडल बैंक के पोर्टल पर तदनुसार सुधार करना होगा।
xvii) क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों और सहकारी बैंकों द्वारा दावों के प्रस्तुतीकरण की प्रक्रिया के संबंध में नाबार्ड विस्तृत दिशा-निर्देश जारी करेगा।
II. संवर्ग II जिलों (150 जिलों के अलावा) के लिए ब्याज सबवेंशन योजना
संवर्ग II के जिले जिनमें उक्त 150 जिलों को छोड़कर अन्य जिले शामिल हैं, के लिए एनआरएलएम के अंतर्गत सभी महिला एसएचजी 7 प्रतिशत की ब्याज दर पर ऋण सुविधा प्राप्त करने हेतु ब्याज सबवेंशन के पात्र होंगे। एनआरएलएम के आबंटन से इस सबवेंशन का निधियन राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (एसआरएलएम) को उपलब्ध कराया जाएगा। इस बजट शीर्ष के अंतर्गत प्रावधान का राज्य-वार वितरण प्रत्येक वर्ष निर्धारित किया जाएगा। संवर्ग II जिलों में बैंक एसएचजी के लिए अपने संबंधित उधार मानकों के आधार पर एसएचजी को प्रभार लगायेंगे तथा उधार दरों और 7 प्रतिशत के बीच के अंतर के लिए वर्ष 2015-16 के लिए 5.5 प्रतिशत की अधिकतम सीमा के अधीन आर्थिक सहायता (सबवेंशन) एसआरएलएम द्वारा एसएचजी के ऋण खातों में दी जाएगी। उक्त के अनुसरण में, वर्ष 2015-16 के लिए संवर्ग II जिलों हेतु ब्याज सबवेंशन के संबंध में मुख्य-मुख्य बातें तथा परिचालन संबंधी दिशा-निर्देश निम्नानुसार हैं :
(क) बैंकों की भूमिका :
ऐसे सभी बैंक जो कोर बैंकिंग सोल्यूशन में कार्य करते हैं उनके लिए आवश्यक है कि वे एसएचजी के ऋण संवितरण और बकाया ऋण का ब्योरा ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा दिए गए वांछित फार्मेट में सीधे सीबीएस प्लेटफार्म से ग्रामीण विकास मंत्रालय (एफटीपी के माध्यम से) और एसआरएलएम को प्रस्तुत करेंगे। उक्त जानकारी मासिक आधार पर उपलब्ध करायी जानी चाहिए ताकि ब्याज सबवेंशन राशि की गणना और एसएचजी को उसके वितरण में सुविधा हो सके।
(ख) राज्य सरकारों की भूमिका :
i. 70 प्रतिशत से अधिक बीपीएल या ग्रामीण गरीब सदस्यों (सहभागिता पहचान प्रक्रिया के अनुसार ग्रामीण गरीब) वाले सभी महिला एसएचजी एनआरएलएम के अंतर्गत एसएचजी माने जाते हैं। ऐसे एनआरएलएम अनुपालित एसएचजी प्रति वर्ष 7 प्रतिशत की दर से लिए गए 3 लाख रूपए तक के ऋण के लिए तत्परता से चुकौती करने पर ब्याज सबवेंशन के पात्र होंगे।
ii. यह योजना राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (एसआरएलएम) द्वारा कार्यान्वित की जाएगी। ऐसे एसएचजी को एसआरएलएम ब्याज सबवेंशन उपलब्ध कराएगा जिन्होंने वाणिज्य और सहकारी बैंकों से ऋण लिया हो। इस सबवेंशन का निधियन केंद्रीय आवंटन और भारत सरकार के मानदंडों के अनुसार राज्य के अंशदान से किया जाएगा।
iii. एसएचजी को बैंकों की उधार दर और 7 प्रतिशत के बीच के अंतर के लिए वर्ष 2015-16 के लिए 5.5 प्रतिशत की अधिकतम सीमा के अधीन एसआरएलएम द्वारा सबवेंशन (आर्थिक सहायता) सीधे ही मासिक/तिमाही आधार पर दिया जाएगा। एसआरएलएम द्वारा उक्त सबवेंशन राशि का ई-अंतरण तत्परता से चुकौती करने वाले एसएचजी के ऋण खातों में किया जाएगा।
iv. ब्याज सबवेंशन के प्रयोजन के लिए रिज़र्व बैंक द्वारा निर्दिष्ट निम्नलिखित मानदंड पूरे करने वाले खाते को तत्पर आदाता के रूप में माना जाएगा :
क. नकदी ऋण सीमा हेतु :
-
बकाया शेष 30 दिनों से अधिक समय के लिए निरंतर रूप से सीमा/आहरण शक्ति से अधिक बना न रहें
-
खाते में नियमित रूप से जमा और नामे लेनदेन होते रहने चाहिए। हर हालत में किसी माह के दौरान कम से कम एक ग्राहक प्रेरित क्रेडिट जरूर होना चाहिए।
-
ग्राहक प्रेरित क्रेडिट माह के दौरान नामे डाले गए ब्याज को कवर करने के लिए पर्याप्त होना चाहिए।
ख. मीयादी ऋणों के लिए : ऐसे मीयादी ऋण खाते को 'तत्पर भुगतान युक्त खाता' तब माना जाएगा जब ऋण की अवधि के दौरान सभी ब्याज भुगतान और/या मूलधन की किस्तों की चुकौती नियत तारीख के 30 दिनों के भीतर की गई हो।
भविष्य में उक्त तत्पर भुगतान दिशानिर्देश रिज़र्व बैंक द्वारा इस विषय पर जारी दिशानिर्देशों द्वारा शासित होते रहेंगे।
v. एसजीएसवाई के अंतर्गत अपने वर्तमान ऋणों के अंतर्गत पहले ही पूंजी सब्सिडी प्राप्त महिला एसएचजी इस योजना के अंतर्गत अपने निर्वाह ऋण के लिए ब्याज सबवेंशन का लाभ पाने के पात्र नहीं होंगे।
vi. पात्र एसएचजी के ऋण खातों में अंतरित सबवेंशन राशियों को दर्शाते हुए एसआरएलएम द्वारा तिमाही उपयोगिता प्रमाणपत्र प्रस्तुत किया जाना चाहिए।
III. राज्य विशिष्ट ब्याज सबवेंशन योजना वाले राज्यों को सूचित किया जाता है कि वे अपने दिशानिर्देश उक्त केंद्रीय योजना के अनुरूप बना लें।
अनुबंध I
7 प्रतिशत की दर पर दिए जाने वाले ऋण पर ब्याज सबवेंशन और तत्परता से चुकौती पर 3 प्रतिशत के अतिरिक्त ब्याज सबवेंशन के लिए
पात्र जिलों की सूची
क्रम सं. |
राज्य का नाम |
जिलों की सूची |
जिलों की संख्या |
1 |
आंध्र प्रदेश |
विशाखापट्टणम |
8 |
श्रीकाकुलम |
पूर्व गोदावरी |
विजयनगरम |
|
तेलंगाना |
वारंगल |
अदिलाबाद |
खम्मम |
करीमनगर |
2 |
बिहार |
अरवल |
11 |
औरंगाबाद |
गया |
जामुई |
जेहानाबाद |
कैमूर |
मुंगेर |
नवादा |
रोहतास |
पश्चिम चंपारण |
सीतामढ़ी |
3 |
छत्तीसगढ़ |
बस्तर |
10 |
बीजापुर |
दंतेवाड़ा |
जशपुर |
कंकेर |
कावारधा |
कोरिया |
नारायणपुर |
राजनांदगांव |
सरगुजा |
4 |
गोवा |
उत्तर गोवा |
1 |
5 |
गुजरात |
वड़ोदरा |
3 |
बनासकांठा |
पंचमहल |
6 |
हरियाणा |
मेवात |
3 |
भिवानी |
झज्जर |
7 |
हिमाचल प्रदेश |
शिमला |
2 |
मंडी |
8 |
जम्मू और कश्मीर |
गंडेरबल |
3 |
बड़गाम |
उधमपुर |
9 |
झारखंड |
बोकारो |
17 |
चात्रा |
गढवा |
गिरिडीह |
गुमला |
हजारीबाग |
खुंटी |
कोडर्मा |
लातेहर (उ) |
लोहरदगा |
पश्चिम सिंहभूम |
पलामु |
पूर्वी सिंहभुम |
रामगढ़ |
रांची (ग्रामीण) |
सराइकेला (उ) |
सिमडेगा (उ) |
10 |
कर्नाटक |
मैसूर |
4 |
तुमकुर |
गदग |
कोप्पल |
11 |
केरल |
पलक्कड |
2 |
मल्लपुरम |
12 |
मध्य प्रदेश |
अन्नुपुर |
13 |
बालाघाट |
दिंडोरी |
मंडाला |
सिओनी |
शाहडोल |
सिधी |
उमारिया |
छिंदवाडा |
सिंग्रौली |
बड़वानी |
श्योपुर |
अलिराजपुर |
13 |
महाराष्ट्र |
गड़चिरोली |
6 |
गोंदिया |
जालना |
उस्मानाबाद |
नंदुरबार |
यवतमाल |
14 |
ओडि़शा |
बालांगीर |
18 |
देवगढ़ |
गजपति |
गंजम |
जाजपुर |
कालाहांडी |
कंधमाल |
केंदुझर |
कोरापुट |
मलकनगिरी |
मयुरभंज |
नबरंगपुर |
नयागढ़ |
नौपाडा |
रायगड़ |
संबलपुर |
सोनापुर |
सुंदरगढ़ |
15 |
पंजाब |
तरण तारण |
3 |
गुरदासपुर |
फिरोजपुर |
16 |
राजस्थान |
अजमेर |
4 |
अलवर |
दौसा |
उदयपुर |
17 |
तमिलनाडु |
विलुपुरम |
4 |
वेल्लौर |
तिरुवन्नमलाई |
धरमपुरी |
18 |
उत्तर प्रदेश |
चांदौली |
14 |
मिर्जापुर |
सोनभद्र |
बदायूं |
हरदोई |
इटावा |
आज़मगढ़ |
इलाहाबाद |
आंबेडकरनगर |
बहराइच |
देवरिया |
जालौन |
हमीरपुर |
बदन |
19 |
उत्तराखंड |
चमोली |
2 |
बागेश्वर |
20 |
पश्चिम बंगाल |
बांकुरा |
5 |
मेदिनीपुर पश्चिम |
कूचबिहार |
बीरभूम |
पुरूलिया |
उत्तरी पूर्वी राज्य |
21 |
अरुणाचल प्रदेश |
पापुंपरे |
2 |
लोहित |
22 |
असम |
हैलकंडी |
4 |
धेमेजी |
जोरहाट |
नागांव |
23 |
मणिपुर |
इम्फाल पूर्व |
1 |
24 |
मेघालय |
पश्चिम खासी हिल |
1 |
25 |
मिज़ोरम |
आइजोल |
2 |
लुंग्लेई |
26 |
नागालैंड |
पेरेन |
3 |
तुएनसंग |
मोन |
27 |
सिक्किम |
दक्षिण सिक्कीम |
2 |
पूर्व सिक्कीम |
28 |
त्रिपुरा |
पश्चिम त्रिपुरा |
2 |
उत्तर त्रिपुरा |
Total |
150 |
अनुबंध II
क्रम सं. |
बैंक का नाम |
आधार दर (प्रतिशत में) |
प्रभारित भारित औसत ब्याज (डब्ल्यूएआईसी) |
5.5 प्रतिशत की उच्चतम सीमा की शर्त पर डब्ल्यूएआईसी के आधार पर छूट दिए जाने वाला (सबवेंटेड) 7 प्रतिशत से अधिक का ब्याज |
1 |
इलाहाबाद बैंक |
9.95 |
10.80 |
3.80 |
2 |
आंध्र बैंक |
10.25 |
12.5 |
5.50 |
3 |
बैंक ऑफ बड़ौदा |
10.25 |
10.75 |
3.75 |
4 |
बैंक ऑफ इंडिया |
10.20 |
12.92 |
5.50 |
5 |
बैंक ऑफ महाराष्ट्र |
10.00 |
11.50 |
4.50 |
6 |
केनरा बैंक |
10.00 |
11.00 |
4.00 |
7 |
सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया |
10.25 |
11.22 |
4.22 |
8 |
कारपोरेशन बैंक |
10.25 |
12.25 |
5.25 |
9 |
देना बैंक |
10.00 |
10.00 |
3.00 |
10 |
इंडियन बैंक |
9.95 |
12.25 |
5.25 |
11 |
इंडियन ओवरसीज़ बैंक |
10.25 |
12.00 |
5.00 |
12 |
ओरियन्टल बैंक ऑफ कामर्स |
10.25 |
11.75 |
4.75 |
13 |
पंजाब नेशनल बैंक |
10.25 |
12.84 |
5.50 |
14 |
पंजाब एण्ड सिंध बैंक |
10.25 |
12.22 |
5.22 |
15 |
स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एण्ड जयपुर |
10.25 |
13.08 |
5.50 |
16 |
स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद |
10.20 |
12.50 |
5.50 |
17 |
भारतीय स्टेट बैंक |
10.00 |
12.00 |
5.00 |
18 |
स्टेट बैंक ऑफ मैसूर |
10.25 |
11.25 |
4.25 |
19 |
स्टेट बैंक ऑफ पटियाला |
10.15 |
10.96 |
3.96 |
20 |
स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर |
10.15 |
12.05 |
5.05 |
21 |
सिंडिकेट बैंक |
10.00 |
11.50 |
4.50 |
22 |
यूको बैंक |
9.95 |
10.95 |
3.95 |
23 |
यूनियन बैंक |
10.00 |
10.33 |
3.33 |
24 |
युनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया |
10.00 |
11.53 |
4.53 |
25 |
विजया बैंक |
10.25 |
12.25 |
5.25 |
26 |
आईडीबीआई |
10.00 |
12.75 |
5.50 |
27 |
भारतीय महिला बैंक |
10.00 |
12.25 |
5.25 |
अनुबंध III
वर्ष 2015-16 के लिए महिला एसएचजी को वार्षिक 7 प्रतिशत की दर पर 3 लाख रुपए तक के ऋण के लिए उधार देने के लिए ब्याज सबवेंशन दावा
बैंक का नाम :
------------------- से ---------------- तक की अवधि के लिए दावों का विवरण : 3 लाख रुपए तक वितरित / बकाया ऋण
----------- से ---------- तक की अवधि के दौरान खोले गए नए खाते |
------------- को बकाया (पूवर्वर्ती अवधि की समाप्ति) |
------------- को कुल बकाया |
ब्याज सबवेंशन की राशि |
खाते |
राशि |
खाते |
राशि |
खाते |
राशि |
राशि |
|
|
|
|
|
|
|
हम एतद्द्वारा प्रमाणित करते हैं कि वर्ष 2015-16 में उपरोक्त वितरण / बकाया पर महिला एसएचजी को 3 लाख रुपए तक के ऋणों पर वार्षिक 7 प्रतिशत की दर से ब्याज लगाया गया। हम प्रमाणित करते हैं कि उपरोक्त दावाकृत राशि और खाते केवल संवर्ग – I के जिलों से हैं और सभी दावाकृत खाते रिज़र्व बैंक के दिशानिर्देशों के अनुसार ब्याज सबवेंशन के पात्र हैं। हम यह भी प्रमाणित करते हैं कि दावों में दोहराव नहीं है और नियमित दावा अथवा आगे शाखा स्तर से अतिरिक्त ब्याज सबवेंशन दावा प्रस्तुत करते समय कोई मानवीय हस्तक्षेप नहीं किया गया है।
दिनांक
प्राधिकृत हस्ताक्षरकर्ता
(वर्ष के लिए समेकित यह दावा फार्मेट सांविधिक लेखा परीक्षकों द्वारा विधिवत प्रमाणित और आगामी वित्तीय वर्ष के 30 जून के भीतर 31 मार्च को समाप्त तिमाही के लिए दावों के साथ प्रस्तुत करना आवश्यक है)
अनुबंध IV
वर्ष 2015-16 के लिए 3 लाख रुपए तक के ऋण के लिए समय पर चुकौती पर 3 प्रतिशत की दर से अतिरिक्त ब्याज सबवेंशन दावा
बैंक का नाम :
------------------- से ---------------- तक की अवधि के लिए दावों का विवरण : 3 लाख रुपए तक वितरित / बकाया ऋण
----------- से ---------- तक की अवधि के दौरान खोले गए नए खाते |
------------- को बकाया (पूवर्वर्ती अवधि की समाप्ति) |
------------- को कुल बकाया |
नियमित / पात्र महिला एसएचजी |
ब्याज सबवेंशन की राशि |
खाते |
राशि |
खाते |
राशि |
खाते |
राशि |
खाते |
राशि |
राशि |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
हम प्रमाणित करते हैं कि उपरोक्त ऋण समय पर चुकाए गए और समय पर भुगतान करने वाले महिला एसएचजी के लिए प्रभावी ब्याज दर घटाकर 4 प्रतिशत करते हुए महिला एसएचजी खाते में अतिरिक्त 3 प्रतिशत ब्याज सबवेंशन का लाभ दिया गया। नियमित दावा अथवा आगे शाखा स्तर से अतिरिक्त ब्याज सबवेंशन दावा प्रस्तुत करते समय कोई मानवीय हस्तक्षेप नहीं किया गया है।
दिनांक
प्राधिकृत हस्ताक्षरकर्ता
( वर्ष के लिए समेकित यह दावा फार्मेट सांविधिक लेखा परीक्षकों द्वारा विधिवत प्रमाणित और आगामी वित्तीय वर्ष के 30 जून के भीतर 31 मार्च को समाप्त तिमाही के लिए दावों के साथ प्रस्तुत करना आवश्यक है)
अनुबंध V
वर्ष 2015-16 के लिए एनआरएलएम दावों पर सदस्य बैंकों द्वारा जारी किया जानेवाला अंतिम प्रमाणपत्र
बैंक का नाम :
आज की तारीख को केनरा बैंक वेब पोर्टल पर अपलोड एनआरएलएम दावा : माह मार्च 2016 के लिए
(वास्तविक संख्या और राशि)
नियमित दावा |
अतिरिक्त दावा |
कुल दावा |
खातों की संख्या |
राशि |
खातों की संख्या |
राशि |
खातों की संख्या |
राशि |
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हम प्रमाणित करते हैं कि उपरोक्त दावाकृत राशि और खाते केवल संवर्ग – I के जिलों से हैं और सभी दावाकृत खाते रिज़र्व बैंक के दिशानिर्देशों के अनुसार ब्याज सबवेंशन के पात्र हैं। हम यह भी प्रमाणित करते हैं कि दावों में दोहराव नहीं है और नियमित दावा अथवा आगे शाखा स्तर से अतिरिक्त ब्याज सबवेंशन दावा प्रस्तुत करते समय कोई मानवीय हस्तक्षेप नहीं किया गया है।
दिनांक : |