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अधिसूचनाएं

सहकारी बैंकों के ग्राहकों के लिए इंटरनेट बैंकिंग की सुविधा

आरबीआई/2015-16/229
डीसीबीआर.बीपीडी.(पीसीबी/आरसीबी).परि.सं.6/19.51.026/2015-16

05 नवंबर, 2015

मुख्‍य कार्यपालक अधिकारी
प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक/
सभी राज्‍य/ मध्यवर्ती सहकारी बैंक

महोदया/महोदय,

सहकारी बैंकों के ग्राहकों के लिए इंटरनेट बैंकिंग की सुविधा

कृपया उक्त विषय पर दिनांक 26 सिंतबर 2011 का हमारा परिपत्र सं.शबैंवि.बीपीडी.(एससीबी).परि.1/09.18.300/2011-12 देखें जिसके अनुसार ऐसे शहरी सहकारी बैंकों जो कतिपय मानदंड पूरा करते हैं को आरबीआई के पूर्वानुमोदन से अपने ग्राहकों को लेनदेन युक्त इंटरनेट बैंकिंग सुविधा प्रदान करने की अनुमति दी गई थी तथा 13 अक्‍तूबर 2014 के परिपत्र सं.शबैंवि.बीपीडी.(पीसीबी).परि.सं.21 /09.18.300/2014-15 के माध्‍यम से ऐसे सभी शहरी सहकारी बैंकों जो कतिपय मानदंड पूरा करते हैं को आरबीआई के पूर्वानुमोदन के बिना अपने ग्राहकों के लिए इंटरनेट बैंकिंग (केवल दृश्‍य रूप में) सुविधा प्रदान करने की अनुमति दी गई थी।

2. राज्‍य सहकारी बैंकों और जिला मध्‍यवर्ती सहकारी बैंकों को अपने ग्राहकों के लिए इंटरनेट बैंकिंग सुविधा प्रदान करने की अभी तक अनुमति नहीं दी गई है। चूंकि कुछ राज्‍य सहकारी बैंकों/जिला मध्‍यवर्ती सहकारी बैंकों ने इंटरनेट सुविधा प्रदान कराने के लिए अनुमति मांगी है, अत: यह निर्णय लिया गया है कि राज्‍य सहकारी बैंकों और जिला मध्‍यवर्ती सहकारी बैंकों को अपने ग्राहकों के लिए यह सुविधा प्रदान करने की अनुमति दी जाए। तदनुसार, शहरी सहकारी बैंकों के दिशानिर्देशों की समीक्षा की गई तथा पिछले दिशानिर्देशों का अधिक्रमण करते हुए एकसमान दिशानिर्देश जारी किए जा रहे हैं। सभी सहकारी बैंकों पर लागू होने वाले संशोधित दिशानिर्देश निम्‍नानुसार हैं:

(i) इंटरनेट बैंकिंग (केवल दृष्‍य रूप में) सुविधा

3. सभी लाइसेंस प्राप्‍त राज्‍य सहकारी बैंक, जिला मध्‍यवर्ती सहकारी बैंक और शहरी सहकारी बैंक जिन्‍होंने कोर बैंकिंग समाधान लागू किया है और इंटरनेट प्रोटोकॉल वर्जन 6 में परिवर्तित हुए हैं तथा इस परिपत्र के अनुबंध I में बताए गए दिशानिर्देशों को पूरा करते हैं, वे आरबीआई के पूर्वानुमोदन के बिना अपने ग्राहकों को इंटरनेट बैंकिंग (केवल दृश्‍य रूप में) की सुविधा प्रदान कर सकते हैं। यदि उक्‍त सुविधा के लिए दो फैक्‍टर प्राधिकरण या वन टाइम पासवर्ड की आवश्‍यकता है तो बैंक अनुबंध ।। में बताए गए सुरक्षा उपायों में से, इन सेवाओं के लिए जो उचित सुरक्षा उपाय हों उन्हें अपना सकते हैं।

4. अपने ग्राहकों को इंटरनेट बैंकिंग सुविधा (केवल दृश्‍य रूप में) प्रदान करने वाले सहकारी बैंक यह सुनिश्चित करें कि यह सुविधा केवल गैर लेन-देन आधारित सेवाओं जैसे शेष राशि जानना, शेष राशि देखना, लेखा विवरण डाउनलोड किया जाना, चेक बुक जारी करने हेतु अनुरोध किया जाना आदि तक सीमित हो तथा कोई ऑनलाइन निधि आधारित लेनदेन नहीं किए जाएँ ।

5. सहकारी बैंकों द्वारा इंटरनेट बैंकिंग (केवल दृश्‍य रूप में) सेवा शुरू होने की सूचना संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय को (और राज्‍य सहकारी बैंकों/जिला मध्‍यवर्ती सहकारी बैंकों के मामले में नाबार्ड को भी) सेवा शुरू होने के एक महीने के अंतर्गत दी जानी चाहिए।

(ii) लेनदेन युक्‍त इंटरनेट बैंकिंग सुविधा

6. सभी लाइसेंस प्राप्‍त राज्‍य सहकारी बैंक, जिला मध्‍यवर्ती सहकारी बैंक और शहरी सहकारी बैंक जिन्‍होंने सीबीएस लागू किया है तथा प्रोटोकॉल वर्शन 6 (आईपीवी 6) में परिवर्तित हुए हैं, तथा निम्‍नलिखित मानदंडों को पूरा करते हैं, वे आरबीआई के पूर्वानुमोदन से अपने ग्राहकों के लिए लेनदेन युक्‍त इंटरनेट बैंकिंग की सुविधा उपलब्‍ध करा सकते हैं:

क) सीआरएआर 10% से कम न हो

ख) चालू वर्ष के ठीक पहले वाले वित्‍त वर्ष के 31 मार्च की स्थिति के अनुसार निवल संपत्ति 50 करोड रुपये या उससे अधिक हो

ग) सकल एनपीए 7% से कम हो और निवल एनपीए 3% से अधिक न हो

घ) बैंक द्वारा पूववर्ती वित्‍त के ठीक पहले के वित्‍त वर्ष में निवल लाभ दर्ज किया गया हो और समग्र रूप से बैंक द्वारा पूववर्ती चार वित्‍त वर्षों में से कम से कम तीन वित्‍त वर्षों के दौरान निवल लाभ दर्ज किया गया हो।

ड) बैंक द्वारा पूर्ववर्ती वर्ष के ठीक पहले के वित्‍त वर्ष में सीआरआर/एसएलआर बनाए रखने में चूक न की गई हो।

च) सुदृढ़ आंतरिक नियंत्रण प्रणाली स्थापित हो और निदेशक मंडल में कम से कम दो वृत्तिदक्ष निदेशक हों।

छ) बैंक द्वारा वि‍नियामकीय मदों का पूरा अनुपालन किया गया हो तथा आरबीआई के निदेशों/ दिशानिर्देशों के उल्‍लंघन के लिए आवेदन करने के वर्ष से पहले के दो वित्त वर्षो में कोई मौद्रिक दंड नहीं लगाया गया हो।

7. राज्‍य सहकारी बैंक, जिला मध्‍यवर्ती सहकारी बैंक और शहरी सहकारी बैंक उपर्युक्‍त मानदंडों को पूरा करने तथा परिपत्र के अनुबंध । और ।। में बताए गए मुद्दों को अनुपालन करने पर अपने ग्राहकों को इंटरनेट की सुविधा प्रदान कर सकते हैं। इस प्रयोजनार्थ इच्‍छुक राज्‍य सहकारी बैंक, जिला मध्‍यवर्ती सहकारी बैंक और शहरी सहकारी बैंक आरबीआई के संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय को (राज्‍य सहकारी बैंक/जिला मध्‍यवर्ती सहकारी बैंक के मामले में नाबार्ड के माध्‍यम से) निम्‍नलिखित दस्‍तावेज़ों के साथ आवेदन प्रस्‍तुत करें:

(i) बोर्ड द्वारा अनुमोदित इंटरनेट बैंकिंग पॉलिसी के साथ स्‍वंतत्र लेखापरीक्षक से (सीआईएसए द्वारा प्रमाणित) इस आशय का प्रमाणपत्र प्रस्‍तुत करना होगा कि आरबीआई के दिशानिर्देशों में निर्धारित आईटी और आईएस नीति का पालन किया गया है।

(ii) इस आशय का वचन पत्र लिया जाए कि उनके द्वारा दी जाने वाली सेवाओं/उत्‍पादों में किसी भी भौतिक परिपवर्तन किए जाने के मामले में आरबीआई को सूचित किया जाएगा।

(iii) कारोबार योजना, लागत और लाभ विशलेषण, परिचालनात्‍मक व्‍यवस्‍था जैसे- अपनाई गई तकनीक, कारोबार पार्टनर, तृतीय पार्टी सेवा उपलब्‍धकर्ता, प्रणाली वे नियंत्रण प्रक्रियाएं जिसे बैंक जोखिम प्रबंधन करने के लिए अपनाना चाहता है।

8. बैंक को हर उल्‍लंघन या सुरक्षा प्रणालियों के सही तरह से काम न किए जाने पर आरबीआई के संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय (राज्‍य सहकारी बैंक/जिला मध्‍यवर्ती सहकारी बैंक के मामले में नाबार्ड को भी) को रिपोर्ट करना होगा तथा आरबीआई/नाबार्ड इस प्रकार के बैंकों के लिए एक विशेष लेखापरीक्षा/निरीक्षण आयोजित करने पर विचार कर सकता है।

9. राज्‍य सहकरी बैंक / जिला मध्‍यवर्ती सहकारी बैंक जो पहले से ग्राहकों को इंटरनेट बैंकिंग (केवल दृश्‍य रूप में) की सुविधा दे रहे हैं वे इन दिशानिर्देशों को ध्‍यान में रखते हुए अपने सिस्‍टम की तुरंत समीक्षा करें तथा दी जा रही सेवाओं के प्रकार तथा इन दिशानिर्देशों के अनुपालन की स्थिति को इस परिपत्र के जारी होने के एक माह के अंतर्गत आरबीआई कार्यालय को (नाबार्ड के माध्‍यम से) सूचित करें। इन दिशानिर्देशों के अनुपालन में कमी होने की स्थति में, इनके अनुपालन के लिए समय-सीमा निर्धारित करते हुए कार्ययोजना बनाकर सूचित करें।

10. राज्‍य सहकारी बैंक/जिला मध्‍यवर्ती सहकारी बैंक जो पहले से अपने ग्राहकों के लिए इंटरनेट बैंकिंग लेनदेनयुक्‍त सुविधाएं प्रदान कर रहे हैं उन्‍हें बताए गए अनुदेशों का अनुपालन करना होगा तथा अपना कारोबार मॉडल, लागत/लाभ संबंधी अनुमान आदि का विवरण देना होगा तथा इस परिपत्र के जारी होने के एक महीने के अंतर्गत कार्योपरांत मंजूरी आरबीआई के संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय से प्राप्‍त करनी होगी। इस संदर्भ में आवेदनों को नाबार्ड के माध्‍यम से आरबीआई के क्षेत्रीय कार्यालय को प्रेषित करें।

भवदीया,

(सुमा वर्मा)
प्रधान मुख्‍य महाप्रबंधक

संलग्‍नक : यथोक्‍त


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