भारतीय रिज़र्व बैंक
विदेशी मुद्रा विभाग
केंद्रीय कार्यालय
मुंबई-400 001
अधिसूचना सं.फेमा.10(आर)/(1)/2016-आरबी
1 जून 2016
विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत में निवासी किसी व्यक्ति द्वारा विदेशी मुद्रा खाते)
(संशोधन) विनियमावली, 2016
विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 9 तथा धारा 47 की उप-धारा (2) के खंड (ई) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत में निवासी किसी व्यक्ति द्वारा विदेशी मुद्रा खाते) विनियमावली, 2015 [21 जनवरी 2016 की अधिसूचना सं.10(आर) /2015–आरबी] में निम्नलिखित संशोधन करता है, अर्थात:-
1. संक्षिप्त नाम और प्रारंभ:-
(i) ये विनियम विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत में निवासी किसी व्यक्ति द्वारा विदेशी मुद्रा खाते) (संशोधन) विनियमावली, 2016 कहलाएंगे।
(ii) वे सरकारी राजपत्र में उनके प्रकाशन की तारीख से लागू होंगे।
2. विनियम 5 में संशोधन :-
ए. मौजूदा उप-विनियम (ई) को (एफ़) के रूप में पुनर्क्रमांकित किया जाएगा।
बी. पुनर्क्रमांकित विनियम (एफ़) में, मौजूदा उप-विनियम (3) को निम्नलिखित द्वारा प्रतिस्थापित किया जाएगा, अर्थात:-
“भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (IRDA) के पास पंजीकृत बीमा/पुनर्बीमा कंपनियाँ अपने द्वारा बीमा / पुनर्बीमा कारोबार से संबन्धित (प्रासंगिक) व्ययों को पूरा करने के लिए भारत से बाहर के बैंक में विदेशी मुद्रा खाता खोल सकती है, धारण कर सकती हैं और रख सकती हैं और तत्संबंधी प्रयोजन के लिए विदेश से प्राप्त बीमा/पुनर्बीमा प्रीमियम ऐसे खाते में जमा कर सकती हैं।”
सी. मौजूदा उप-विनियम (डी) के पश्चात निम्नलिखित को अंतर्विष्ट किया जाएगा।
"(ई) स्टार्टअप से संबन्धित खाते :
कोई भारतीय स्टार्टअप कंपनी अथवा अन्य कोई एंटिटी, जिसे केंद्र सरकार के परामर्श से भारतीय रिज़र्व बैंक ने अधिसूचित किया है, जिसकी समुद्रपारीय सहायक कंपनी है, वह अपने निर्यात/बिक्री और /अथवा अपनी सहायक कंपनी द्वारा किए गए निर्यात/बिक्रीगत प्राप्तियों के माध्यम से विदेशी मुद्रा में प्राप्त आय को क्रेडिट करने हेतु भारत से बाहर किसी बैंक में विदेशी मुद्रा खाता खोल सकते हैं।
बशर्ते कि निर्यातगत आगम राशि की वसूली हेतु समय-समय पर यथासंशोधित 12 जनवरी 2016 की विदेशी मुद्रा प्रबंध (माल और सेवाओं का निर्यात) विनियमावली, 2015 में यथा विनिर्दिष्ट समय सीमा के भीतर इस खाते में जमा-शेष को भारत में प्रत्यावर्तित किया जाए।
स्पष्टीकरण : इस उप-विनियम के उद्देश्य से "स्टार्टअप" का तात्पर्य उस एंटिटी से है, जो औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा 17 फरवरी 2016 को जारी अधिसूचना सं. जी.एस.आर. 180(ई) में दी गई शर्तों का अनुपालन करती हो।"
3. अनुसूची 1 में संशोधन :
मौजूदा पैराग्राफ (1) के उप-पैराग्राफ (1) के खंड (vi) के पश्चात निम्नलिखित को अंतर्विष्ट किया जाएगा :-
"vii) किसी भारतीय स्टार्टअप कंपनी को अथवा केंद्र सरकार के परामर्श से भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा अधिसूचित अन्य किसी एंटिटी को अथवा उसकी सहायक कंपनी को निर्यात/ बिक्री के माध्यम से विदेशी मुद्रा में प्राप्त भुगतान, यदि कोई हो।
स्पष्टीकरण : इस उप-विनियम के उद्देश्य से "स्टार्टअप" का तात्पर्य उस एंटिटी से है, जो औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा 17 फरवरी 2016 को जारी अधिसूचना सं. जी.एस.आर. 180(ई) में दी गई शर्तों का अनुपालन करती हो।"
(जे. के. पाण्डेय)
महाप्रबंधक (प्रभारी अधिकारी)
पाद-टिप्पणी :- मूल विनियमावली 21 जनवरी 2016 को जी.एस.आर.सं.96 (ई) भाग-।।, खंड 3, उप-खंड (i) के तहत सरकारी राजपत्र में प्रकाशित किया गया I |