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अधिसूचनाएं

इलेक्ट्रॉनिक भुगतानों को प्रोत्साहित करने के लिए विशेष उपाय - (i) भारत में प्रीपेड भुगतान लिखतों (पीपीआई) को जारी करने की सीमा में वृद्धि (ii) व्यापारियों के लिए विशेष उपाय

आरबीआई/2016-17/150
डीपीएसएस.सीओ.पीडी.सं. 1288/02.14.006/2016-2017

22 नवंबर 2016

सभी प्रीपेड भुगतान लिखत जारीकर्ता,
प्रणाली प्रदाता, प्रणाली सहभागी
और अन्य सभी संभावित प्रीपेड भुगतान लिखत जारीकर्ता

महोदया/महोदय,

इलेक्ट्रॉनिक भुगतानों को प्रोत्साहित करने के लिए विशेष उपाय -
(i) भारत में प्रीपेड भुगतान लिखतों (पीपीआई) को जारी करने की सीमा में वृद्धि
(ii) व्यापारियों के लिए विशेष उपाय

500 और 1000 मूल्यवर्ग के मौजूदा बैंक नोटों (विनिर्दिष्ट बैंक नोट – एसबीएन) की विधि मान्य मुद्रा होने की मान्यता समाप्त होने के पश्चात, डिजिटल भुगतानों की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए भारत में प्रीपेड भुगतान लिखतों को जारी करने और उनका परिचालन करने के संबंध में मास्टर परिपत्र डीपीएसएस.सीओ.पीडी.पीपीआई.सं. 01/02.14.006/2016-17, दिनांक 1 जुलाई 2016 का आंशिक संशोधन करते हुए निम्नलिखित विशेष उपायों को लागू करने को आवश्यक माना गया है।

(i) प्रीपेड भुगतान लिखतों की सीमा में वृद्धि:

  1. भारत में प्रीपेड भुगतान लिखतों को जारी करने और उनका परिचालन करने के संबंध में मास्टर परिपत्र के पैरा 7.2 (i) के अंतर्गत जारी किए जा सकने वाले सेमी-क्लोज्ड प्रीपेड भुगतान लिखतों (पीपीआई) की सीमा को अब 10,000/- से बढ़ा कर 20,000/- कर दिया गया है।

  2. किसी भी महीने के दौरान रीलोड्स का कुल मूल्य भी 20,000/- से अधिक नहीं होगा।

  3. इस संबंध में अन्य सभी मौजूदा अनुदेश यथावत बने रहेंगे।

(ii) व्यापारियों के लिए विशेष व्यवस्था:

वर्तमान पीपीआई दिशानिर्देशों के अनुसार, व्यापारियों को उन प्रतिष्ठानों के रूप में परिभाषित किया गया है जो माल और सेवाओं की बिक्री के संबंध में पीपीआई जारीकर्ता द्वारा जारी किए गए पीपीआई को स्वीकार करते हैं। छोटे व्यापारियों के लिए एक विशेष व्यवस्था के रूप में, पीपीआई जारीकर्ता अब निम्नलिखित शर्तों के अधीन ऐसे व्यापारियों को पीपीआई जारी कर सकते हैं:

  1. व्यापारी को अपनी व्यापारिक स्थिति के संबंध में स्वयं द्वारा एक घोषणा करनी होगी और अपने बैंक खाते का विवरण उपलब्ध कराना होगा, जिसे कि जारीकर्ता द्वारा रिकॉर्ड में रखा जाएगा।

  2. ऐसे इच्छुक व्यापारियों को उनके बैंक खाते के विवरण के विधिवत सत्यापन और प्रमाणीकरण के पश्चात पीपीआई जारी किए जा सकते हैं।

  3. ऐसे पीपीआई में धन / क्रेडिट के अंतर्वाह केवल व्यापारी की बिक्री से संबन्धित लेनदेनों से ही निर्गत होंगे।

  4. किसी न्यूनतम शेष राशि की आवश्यकता नहीं होने पर भी, इन पीपीआई में अधिकतम मूल्य किसी भी समय 20,000/- से अधिक नहीं होगा।

  5. ऐसे पीपीआई से धन अंतरण की अनुमति केवल व्यापारी के स्वयं के लिंक्ड बैंक खाते के लिए है और यह राशि प्रति माह 50,000/- तक हो सकती है और इसमें प्रति लेनदेन कोई सीमा नहीं होगी।

  6. पीपीआई जारीकर्ता एस्क्रो, रिपोर्टिंग और एमआईएस आवश्यकताओं के रखरखाव के उद्देश्य के लिए स्पष्ट रूप से अपने सिस्टम में इस तरह के पीपीआई की पहचान करेंगे।

2. उपर्युक्त उपाय इस परिपत्र की तिथि से प्रभावी होंगे और 30 दिसंबर, 2016 तक लागू रहेंगे तथा इनकी समीक्षा की जा सकती है।

3. यह निर्देश भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम,2007 (2007 का अधिनियम 51) की धारा 18 के साथ पठित धारा 10 (2) के अंतर्गत जारी किया गया है।

भवदीया

(नंदा एस. दवे)
मुख्य महाप्रबंधक


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