भा.रि.बैंक/2016-17/72
ए.पी. (डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं.04
30 सितंबर 2016
सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी–I बैंक
महोदया/महोदय,
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI’s) द्वारा सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश
सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंकों का ध्यान समय-समय पर यथा संशोधित अधिसूचना सं॰ फेमा 20/2000-आरबी के मार्फत अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर के निवासी किसी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) विनियमावली, 2000 अनुसूची-5 की ओर आकृष्ट किया जाता है। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों द्वारा सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश की सीमाएँ पिछली बार 29 मार्च 2016 के ए.पी.(डीआईआर सीरीज़) परिपत्र सं.55 के मार्फत घोषित किए गए मीडियम टर्म फ्रेमवर्क (MTF) के अनुसार निर्धारित की गई थीं।
2. पोर्टफोलियो निवेशकों द्वारा केंद्र सरकार की प्रतिभूतियों में मीडियम टर्म फ्रेमवर्क (MTF) के अनुसार यथा निर्धारित निवेश की सीमाओं को अगले अर्ध-वर्ष की अवधि हेतु 02 चरणों में बढ़ाए जाने का प्रस्ताव हैं, इसमें प्रत्येक चरण की सीमा 100 बिलियन रुपए होगी और यह क्रमशः 03 अक्तूबर 2016 एवं 02 जनवरी 2017 से प्रभावी होगी।
3. पिछले अर्ध-वर्ष की भाँति राज्य विकास ऋण (स्टेट डेव्लपमेंट लोन) की सीमाओं को 02 चरणों में बढ़ाए जाने का प्रस्ताव हैं, जिसमें प्रत्येक सीमा 35 बिलियन रुपए की होगी और यह क्रमशः 03 अक्तूबर 2016 एवं 02 जनवरी 2017 से प्रभावी होगी।
4. निवेश सीमाओं में आगामी दो तिमाहियों के दौरान की जाने वाली वृद्धि निम्न प्रकार है:
भारतीय रुपयों में |
|
केंद्र सरकार की प्रतिभूतियां |
स्टेट डेव्लपमेंट लोन |
समग्र मूल्य |
सभी एफ़पीआई के लिए |
अतिरिक्त दीर्घावधि एफ़पीआई के लिए |
कुल |
सभी एफ़पीआई के लिए
(दीर्घावधि एफ़पीआई सहित) |
वर्तमान सीमाएँ |
1440 |
560 |
2000 |
140 |
2140 |
03 अक्तूबर 2016 से प्रभावी संशोधित निवेश सीमाएँ |
1480 |
620 |
2100 |
175 |
2275 |
03 अक्तूबर 2016 से प्रभावी संशोधित निवेश सीमाएँ |
1520 |
680 |
2200 |
210 |
2410 |
5. उपयोग न किए गए “दीर्घावधि एफ़पीआई” श्रेणी के हिस्से को “सभी एफ़पीआई” श्रेणी में अंतरित करने संबंध में सूचना अलग से जारी की जाएगी।
6. प्रतिभूति-वार सीमाएँ, निर्धारित सीमाओं से परे अनुमेय कूपन्स का निवेश एवं प्रतिभूतियों में निवेश को कम से कम तीन वर्षों की अवशिष्ट परिपक्वता अवधि तक प्रतिबंधित करने सहित अन्य मौजूदा शर्तें यथावत लागू रहेंगी।
7. आबंटन एवं सीमाओं की मॉनिटरिंग संबंधी प्रचलनात्मक निर्देश भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) द्वारा जारी किए जाएँगे।
8. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने ग्राहकों एवं घटकों को अवगत कराएं।
9. इस परिपत्र में निहित निर्देश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अंतर्गत और किसी अन्य कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/ अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बगैर जारी किये गये हैं।
भवदीय
(टी. रबी शंकर)
मुख्य महाप्रबंधक |