आरबीआई/2016-17/172
डीपीएसएस.सीओ.पीडी.सं.1431/02.14.003/2016-17
6 दिसंबर 2016
अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक / मुख्य कार्यपालक अधिकारी
क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों सहित सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक /
शहरी सहकारी बैंक / राज्य सहकारी बैंक /
जिला केंद्रीय सहकारी बैंक / प्राधिकृत कार्ड भुगतान नेटवर्क
भुगतान बैंक और लघु वित्त बैंक
महोदया/महोदय,
कार्ड नॉट प्रेजेंट लेनदेन - कार्ड नेटवर्क द्वारा उपलब्ध कराए गए प्रमाणीकरण सल्यूशन्स के लिए ₹ 2000/- तक भुगतान के लिए प्रमाणीकरण के अतिरिक्त कारक में छूट
भारतीय रिजर्व बैंक खुदरा भुगतान प्रणाली की सुरक्षा और क्षमता बढ़ाने के लिए सभी हितधारकों की भागीदारी के साथ कई कदम उठाता रहा है। इस संबंध में कार्ड लेनदेनों के मामलों में सुरक्षा और जोखिम कम करने के उपायों पर समय-समय पर विभिन्न अनुदेश जारी किए गए हैं जिनमें ऑनलाइन अलर्ट और प्रमाणीकरण के अतिरिक्त कारक शामिल हैं। इन उपायों ने कार्ड से भुगतान करने में ग्राहकों का विश्वास बढ़ाने में योगदान दिया है।
2. कम मूल्य के ऑनलाइन कार्ड नॉट प्रेजेंट (सीएनपी) लेन-देनों के लिए प्रमाणीकरण के अतिरिक्त कारक की अपेक्षा की समीक्षा करने के लिए रिज़र्व बैंक को उद्योग जगत के कुछ क्षेत्रों से अनुरोध प्राप्त हो रहे थे। चूंकि, अधिकांश अनुरोध प्रमाणीकरण के अतिरिक्त कारक की अपेक्षा के संबंध में व्यापारियों से संबन्धित विशिष्ट छूटों के लिए थे, वे प्रणाली के स्तर पर उचित नहीं थे। प्राधिकृत कार्ड नेटवर्कों द्वारा प्रदान किए गए एक वैकल्पिक सल्यूशन्स से यह अपेक्षा है कि वह कम मूल्य के लेनदेन के लिए पर्याप्त सुरक्षा के साथ ग्राहक सुविधा के उद्देश्य को पूरा करेगा। इस मॉडल में, कार्ड जारी करने वाले बैंक अपने ग्राहकों को वैकल्पिक आधार पर संबंधित कार्ड नेटवर्कों के "भुगतान प्रमाणीकरण सल्यूशन्स" उपलब्ध कराएंगे। इस सुविधा का चयन करने वाले ग्राहकों को एक एक बार पंजीकरण प्रक्रिया से गुजरना होगा जिसमें कार्ड से संबन्धित विवरण इत्यादि दर्ज कराना होगा और जारीकर्ता बैंक द्वारा प्रमाणीकरण के अतिरिक्त कारक को निष्पादित किया जाएगा। इसके पश्चात यह सल्यूशन्स उपलब्ध कराने वाले व्यापारिक स्थानों में पंजीकृत ग्राहकों को प्रत्येक लेनदेन के लिए बार-बार कार्ड संबंधी ये विवरण नहीं भरने होंगे जिससे समय और किए जाने वाले प्रयासों की बचत होगी। इस मॉडल में पहले से ही पंजीकृत कार्ड के विवरण पहला कारक होंगे जबकि सल्यूशन में लॉगिन करने के लिए दर्ज की गई जानकारी (क्रेडेंशियल) (सल्यूशन्स उपलब्ध कराने वाले कार्ड नेटवर्क द्वारा की गई पुष्टि के अनुसार) प्रमाणीकरण का अतिरिक्त कारक होगी।
3. तदनुसार, संबंधित कार्ड जारी करने वाले और अधिग्राहक बैंकों की भागीदारी के साथ प्राधिकृत कार्ड नेटवर्कों द्वारा उपलब्ध कराए गए 'भुगतान प्रमाणीकरण सल्यूशन्स' के लिए ₹ 2000/- तक के ऑनलाइन कार्ड नॉट प्रेजेंट (सीएनपी) लेन-देनों के लिए प्रमाणीकरण के अतिरिक्त कारक की अपेक्षा में निम्नलिखित शर्तों के अधीन छूट प्रदान की गई है:
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कार्ड जारी करने वाले और अधिग्राहक बैंकों की भागीदारी के साथ केवल प्राधिकृत कार्ड नेटवर्कों द्वारा ऐसे भुगतान प्रमाणीकरण सल्यूशन्स उपलब्ध कराए जाएंगे,
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इस सल्यूशन्स को ग्राहक को उपलब्ध कराते समय ग्राहक की सहमति ली जाएगी,
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सभी व्यापारी श्रेणियों में प्रति लेनदेन ₹ 2,000/- के अधिकतम मूल्य के कार्ड नॉट प्रेजेंट लेनदेन के लिए लिए प्रमाणीकरण के अतिरिक्त कारक की अपेक्षा के संबंध में छूट लागू होगी। बैंक और कार्ड नेटवर्क अपने ग्राहकों के लिए प्रति लेन-देन की सीमा कम निर्धारित करने के लिए स्वतंत्र हैं,
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₹ 2000 की लेन-देन सीमा से आगे, कार्ड नॉट प्रेजेंट लेनदेन को अनिवार्य रूप से प्रमाणीकरण के अतिरिक्त कारक के साथ मौजूदा अनुदेशों के अनुसार ही प्रोसेस किया जाएगा; यहां तक कि इस सीमा से कम मूल्य के लेनदेनों के संबंध में भी ग्राहक प्रमाणीकरण के अतिरिक्त कारक के अन्य रूपों का उपयोग कर के भुगतान कर सकता है जैसा कि अभी तक करता आया है,
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बैंकों / कार्ड नेटवर्कों जैसा भी उचित हो के द्वारा उपयुक्त आवृत्ति (अर्थात एक दिन / सप्ताह / माह में ऐसे कितने कम मूल्य वाले लेनदेनों को अनुमति दी जाएगी) की निगरानी रखी जाएगी,
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मौजूदा चार्जबैक प्रक्रिया में कोई परिवर्तन नहीं किया जाएगा।
4. इसके अलावा ग्राहकों की जागरूकता और सुरक्षा के हित में, इस तरह के सल्यूशन्स प्रदान करने वाले बैंकों और प्राधिकृत कार्ड नेटवर्कों को यह भी सूचित किया जाता है कि वे:
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ग्राहकों को इस बारे में जागरूक करें कि मात्र ₹ 2000 मूल्य तक के कार्ड नॉट प्रेजेंट लेनदेनों के लिए सोल्यूशन एक वैकल्पिक सुविधा है और वे जैसा कि अभी तक कर रहे थे, प्रमाणीकरण के अतिरिक्त कारक के अन्य रूपों का उपयोग कर के भुगतान कर सकते हैं।
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ग्राहकों को इसके उपयोग, जोखिम और शिकायतों के निवारण के लिए ग्राहक शिकायत तंत्र और विभिन्न माध्यमों (वेबसाइट, फोन बैंकिंग, एसएमएस, आईवीआर इत्यादि) के माध्यम से शिकायतों की रिपोर्टिंग के बारे में शिक्षित करें,
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ग्राहकों के नामांकन / पंजीयन के समय ग्राहक हस्तांतरित होने वाली अधिकतम देयता, यदि कोई हो और लेनदेन के समय होने वाली किसी भी धोखाधड़ी को रिपोर्ट करने के उत्तरदायित्व के बारे में सूचित करें,
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प्राधिकृत कार्ड नेटवर्क में सुरक्षा के किसी भी अतिक्रमण अथवा इसके जोखिम में पड़ने की दशा में पूर्ण दायित्व वहन करें।
5. प्राधिकृत कार्ड नेटवर्क ऑपरेटर उचित नेटवर्क स्तर की व्यवस्थाओं / समझौतों के माध्यम से अन्य प्राधिकृत कार्ड नेटवर्क से कार्ड धारकों की भागीदारी की सुविधा भी प्रदान कर सकते हैं।
6. यह निर्देश भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम 2007 (2007 का अधिनियम 51) की धारा 18 के साथ पठित धारा 10 (2) के अंतर्गत जारी किया गया है।
भवदीया,
(नंदा एस. दवे)
मुख्य महाप्रबंधक |