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अधिसूचनाएं

विवेकपूर्ण दिशानिर्देश – आरईआईटीएस और आईएनवीआईटीएस की यूनिटों में बैंकों द्वारा निवेश

भा.रि.बैं./2016-17/280
बैंविवि.सं.एफएसडी.बीसी.62/24.01.040/2016-17

18 अप्रैल, 2017

सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक
(क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)

महोदय/ महोदया,

विवेकपूर्ण दिशानिर्देश – आरईआईटीएस और आईएनवीआईटीएस की यूनिटों में बैंकों द्वारा निवेश

कृपया भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा 6 अप्रैल, 2017 को जारी विकासात्‍मक और विनियामकीय नीतियों से संबंधि‍त वक्‍तव्‍य के पैरा 12 (उद्धरण संलग्न) का संदर्भ लें। उक्त में इंगित किए गए अनुसार, यह निर्णय लिया गया है कि बैंकों को स्थावर संपदा निवेश न्यासों (आरईआईटीएस) एवं आधारभूत संरचना निवेश न्यासों (आईएनवीआईटीएस) में सहभागिता की अनुमति दी जाए। यह सहभागिता शेयरों, संपरिवर्तनीय बॉन्ड/ डिबेंचर, इक्विटी-संबद्ध म्यूचुअल फंड की यूनिटों और जोखिम पूंजी निधियों (वीसीएफ) (पंजीकृत और गैर-पंजीकृत) के प्रति एक्सपोजर में प्रत्यक्ष निवेश के लिए अनुमत उनकी एनओएफ के 20 प्रतिशत की समग्र अधिकतम सीमा के भीतर हो, बशर्ते कि निम्नलिखित शर्तों का पालन किया जाए :

  1. बैंक आरईआईटीएस एवं आईएनवीआईटीएस के प्रति एक्सपोजर के संबंध में बोर्ड द्वारा अनुमोदित नीति बनाएं जिसमें स्थावर संपदा क्षेत्र और आधारभूत संरचना क्षेत्र के संबंध में समग्र एक्सपोजर सीमाओं के भीतर ऐसे निवेश के संबंध में आंतरिक सीमा निर्धारित की गई हो।

  2. बैंक एक आरईआईटी अथवा आईएनवीआईटी की यूनिट पूंजी के 10 प्रतिशत से अधिक निवेश नहीं करेंगे।

  3. बैंकों द्वारा ईक्विटी निवेश, निवेश पोर्टफोलियो का वर्गीकरण और मूल्यांकन, वाणिज्यिक स्थावर संपदा एक्सपोजर और वृहद एक्सपोजर ढांचे के लिए यथा लागू बासल III पूंजी अपेक्षाओं के संबंध में बैंक भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा समय-समय पर जारी विवेकपूर्ण दिशानिर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित करें।

भवदीय,

(आर.के. मूलचंदानी)
महाप्रबंधक

अनुलग्नक : यथोक्त


अनुबंध

भारतीय रिज़र्व बैंक की विकासात्‍मक और विनियामकीय नीतियों से संबंधि‍त वक्‍तव्‍य का उद्धरण (पैराग्राफ 12) – 6 अप्रैल, 2017 को जारी

स्थावर संपदा निवेश न्यास (आरईआईटीएस) एवं आधारभूत संरचना निवेश न्यास (आईएनवीआईटीएस): बैंकों की सहभागिता - भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने आरईआईटीएस एवं इन्विट (आईएनवीआईटी) के लिए विनियम निर्धारित किए हैं और रिज़र्व बैंक से अनुरोध किया है कि वे बैंकों को इन योजनाओं में भाग लेने की अनुमति प्रदान करें। वर्तमान में, बैंकों को इक्विटी-संबद्ध म्यूचुअल फंड, जोखिम पूंजी निधि (वीसीएफ) एवं इक्विटी में उनके एनओएफ के 20 प्रतिशत तक निवेश करने की अनुमति प्राप्त है। यह प्रस्ताव किया गया है कि बैंकों को इस अधिकतम सीमा में रहते हुए आरईआईटीएस एवं आईएनवीआईटीएस में निवेश करने की अनुमति प्रदान की जाए। विस्तृत दिशानिर्देश मई 2017 के अंत तक जारी कर दिए जाएंगे।


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