आरबीआई/2017-18/137
वि.बा.वि.वि. डीआईआरडी.6/14.03.001/2017-18
01 मार्च 2018
सभी बाजार भागीदार
महोदय/महोदया
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) के लिए ब्याज दर फ्यूचर्स (आईआरएफ) की पृथक सीमा
कृपया 02 अगस्त 2017 की वर्ष 2017-18 की तीसरी द्विमासिक मौद्रिक नीति विवरणी के एक भाग के रूप में जारी विकासात्मक एवं विनियामक नीतियों के 8 वें पैराग्राफ का संदर्भ लें जिसमें विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) के लिए ब्याज दर फ्यूचर्स (आईआरआए) की पृथक सीमा प्रस्तावित की गई थी।
2. वर्तमान में, सरकारी प्रतिभूतियों (जी-सेक) के लिए एफपीआई सीमा जी-सेक निवेशों और आईआरएफ निवेशों के बीच प्रतिमोच्य है। जी-सेक सीमा का 90% तक उपयोग करने पर आईआरएफ में एफपीआई की अधिक्रय की स्थिति की अनुमति नहीं है। बाजार को और विकसित करने और एफपीआई की आईआरएफ में निर्बाध पहुंच को सुनिश्चित करने के लिए यह निर्णय लिया गया है कि आईआरएफ में अधिक्रय की स्थिति के लिए एफपीआई को ₹ 5,000 करोड़ की पृथक सीमा आबंटित की जाए। तदनुसार, 05 दिसंबर 2013 के आरबीआई निदेश सं. आंऋप्रवि.पीसीडी.07/ईडी(रागा)-2013 के पैरा सं. 4.2 में संशोधन किया गया है जो इस प्रकार है:
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड में पंजीकृत विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों को निम्न शर्तों के अधीन ब्याज दर फ्यूचर्स क्रय और विक्रय करने की अनुमति है:
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सभी एफपीआई की सकल अधिक्रय की स्थिति, जिनमें से प्रत्येक की किसी भी आईआरएफ लिखत में निवल अधिक्रय की स्थिति है, सभी आईआरएफ लिखतों के मामलों में ₹ 5000 करोड से अधिक नहीं होगी।
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किसी भी विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक की सकल अधिविक्रीत स्थिति (बिक्री) किसी भी समय में सरकारी प्रतिभूतियों और ब्याज दर फ्यूचर्स में समेकित अधिक्रय की स्थिति से अधिक नहीं होनी चाहिए।
3. एफपीआई द्वारा जी-सेक में निवेश के लिए निर्धारित सीमा (वर्तमान में ₹ 3,01,500 करोड़) केवल जी-सेक में निवेश के लिए उपलब्ध होगी। विद्यमान आईआरएफ निदेश की अन्य सभी नियम एवं शर्तें यथावत बनी रहेंगी।
4. इस संबंध में विस्तृत परिचालनगत दिशानिर्देश सेबी द्वारा अलग से जारी किए जाएंगे।
5. उपर्युक्त निदेश आरबीआई अधिनियम, 1934 की धारा 45 (डब्ल्यू) के अंतर्गत जारी किए जा रहे हैं।
भवदीय
(टी. रबि शंकर)
मुख्य महाप्रबंधक |