Click here to Visit the RBI’s new website

BBBPLogo

अधिसूचनाएं

विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) द्वारा ऋण-लिखतों में निवेश - समीक्षा

आरबीआई/2017-18/168
ए.पी.(डीआईआर श्रृंखला)परिपत्र सं. 24

27 अप्रैल 2018

प्रति

सभी प्राधिकृत व्यक्ति

महोदया/महोदय

विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) द्वारा ऋण-लिखतों में निवेश - समीक्षा

प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-1 (एडी श्रेणी-1) बैंकों का ध्यान विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गमन) विनियमावली, 2000 की अनुसूची 5 और उसके अंतर्गत जारी संबंधित निदेशों की ओर आकर्षित किया जाता है जिसे 3 मई, 2000 की अधिसूचना संख्या फेमा-20/200-आरबी द्वारा अधिसूचित और समय-समय पर यथासंशोधित किया गया है।

2. 6 अप्रैल, 2018 के एपी (डीआईआर श्रृंखला) परिपत्र संख्या 22 के अनुसार विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) द्वारा ऋण-लिखत में निवेश के लिए संशोधित ढांचा घोषित कर दिया गया था। इसके अलावा, यह भी उल्लेख किया गया था कि इस ऋण-लिखत में एफपीआई के निवेश को प्रभावित करने वाले परिचालनगत पहलुओं में अन्य परिवर्तनों की घोषणा सेबी के परामर्श से अलग से अधिसूचना जारी करके की जाएगी

3. तदनुसार, एफपीआई निवेश के परिचालनगत पहलुओं में किए गए परिवर्तन नीचे दिए जाते हैं:

ए. न्यूनतम अवशिष्ट परिपक्वता अपेक्षा में संशोधन

(i) 23 जुलाई 2014 के ए.पी.(डीआईआर श्रृंखला)परिपत्र संख्या 13 के अनुसार एफपीआई से ऐसे सरकारी बांडों में निवेश करने की अपेक्षा थी जिनकी न्यूनतम अवशिष्ट परिपक्वता अवधि 3 वर्ष हो। केंद्र सरकार प्रतिभूति (जी-सेक) और राज्य सरकार विकास ऋण (एसडीएल) श्रेणी के लिए न्यूनतम और अवशिष्ट परिपक्वता की अपेक्षा को हटा दिया गया है, बशर्ते एफपीआई द्वारा किसी भी श्रेणी के अंतर्गत 1 वर्ष से कम की अवशिष्ट परिपक्वता वाली प्रतिभूतियों में किया गया निवेश किसी भी समय उस एफपीआई द्वारा किए गए कुल निवेश का उस श्रेणी में 20% से अधिक न हो।

(ii) 3 फरवरी, 2015 के ए.पी.(डीआईआर श्रृंखला)परिपत्र संख्या 71 के अनुसार एफपीआई से अपेक्षित था कि वे ऐसे कारपोरेट बांडों में निवेश करें जिनकी न्यूनतम अवशिष्ट परिपक्वता 3 वर्ष हो। अब, एफपीआई को ऐसे कारपोरेट बांडों में निवेश करने की अनुमति दी जाती है जिनकी न्यूनतम अवशिष्ट परिपक्वता 1 वर्ष से अधिक हो।

(बी) प्रतिभूति-वार सीमा में संशोधन

6 अक्तूबर, 2015 के एपी (डीआईआर श्रृंखला) परिपत्र संख्या 19 के अनुसार एफपीआई द्वारा केंद्र सरकार की किसी भी प्रतिभूति में सकल निवेश की सीमा इस समय उस प्रतिभूति के शेष स्टॉक का 20% है, जिसे संशोधित करके उस प्रतिभूति के शेष स्टॉक का 30% किया जाता है।

(सी) सरकारी-प्रतिभूति के उपयोग-सीमा की ऑनलाइन निगरानी

वर्तमान में, एफपीआई को सरकारी प्रतिभूतियों में उस सीमा तक निवेश करने की अनुमति है जब तक कि उसके उपयोग की सीमा 90% तक ना पहुंच जाए, उसके बाद शेष सीमा के आबंटन के लिए नीलामी प्रणाली स्वत: सक्रिय हो जाती है। चूंकि सरकारी प्रतिभूतियों की सीमा के उपयोग पर ऑनलाइन निगरानी भारतीय समाशोधन निगम लिमिटेड (सीसीआईएल) द्वारा प्रारंभ कर दी गई है इसलिए यह निर्णय लिया गया है कि नीलामी प्रणाली को 1 जून 2018 से समाप्त कर दिया जाए। इस तारीख के बाद एफपीआई सीमा के उपयोग की निगरानी ऑनलाइन की जाएगी।

(डी) संकेंद्रण (कंसेंट्रेशन) सीमा

किसी भी एफपीआई (संबंधित एफपीआई द्वारा किए गए निवेश सहित) द्वारा कर्ज की तीनों श्रेणियों अर्थात सरकारी प्रतिभूति, एसडीएल तथा कारपोरेट ऋण-प्रतिभूतियों में किया जाने वाला निवेश निम्नलिखित संकेंद्रण सीमा के अधीन होगा:

(i) दीर्घकालिक एफपीआई: उस श्रेणी के लिए लागू निवेश सीमा का 15%

(ii) अन्य एफपीआई: उस श्रेणी के लिए लागू निवेश सीमा का 10%

(iii) यदि एफपीआई द्वारा किया गया निवेश (INV0) प्रभावी तारीख को संकेंद्रण- सीमा से अधिक रहता है(वह तारीख जिसको संकेंद्रण सीमा लागू होती है), तो उसके लिए एकबारगी उपाय के रूप में समग्र श्रेणी की सीमा उपलब्धता के अधीन निम्नलिखित छूट की अनुमति होगी:

ए. यदि एफपीआई द्वारा किया गया निवेश (INV0) प्रभावी तारीख को संकेंद्रण सीमा से अधिक है तो उसे अतिरिक्त निवेश इस प्रकार की करने की अनुमति होगी कि उसके पोर्टफोलियो का आकार किसी भी समय उसके पोर्टफोलिओ का आकार किसी भी समय (INVt) प्रभावी तारीख को INV0 + उस श्रेणी की निवेश सीमा के 2.5% से अधिक न हो। यदि INVt एक बार उस श्रेणी के लिए लागू संकेंद्रण-सीमा से नीचे गिर जाता है तो एफपीआई को स्वतंत्रता होगी कि वह लागू संकेंद्रण सीमा तक निवेश कर सकेगा।

बी. यदि एफपीआई द्वारा किया गया निवेश (INV0) संकेंद्रण सीमा के भीतर है किंतु प्रभावी तारीख को उस श्रेणी के लिए निवेश सीमा के 7.5% (दीर्घकालिक एफपीआई में 12.5%) से अधिक है तो एफपीआई को अतिरिक्त निवेश इस प्रकार से करने की अनुमति होगी कि उसके पोर्टफोलिओ का आकार किसी भी समय (INVt) प्रभावी तारीख को INV0 + उस श्रेणी के लिए लागू संकेंद्रण सीमा के 2.5% से अधिक न हो। यदि INVt एक बार उस श्रेणी के लिए लागू संकेंद्रण सीमा से नीचे गिर जाता है तो एफपीआई को स्वतंत्रता होगी कि वह लागू संकेंद्रण सीमा तक निवेश कर सकेगा।

सी. सभी अन्य एफपीआई को लागू संकेंद्रण सीमा तक निवेश करने की अनुमति होगी।

(ई) कारपोरेट बांडों में एकल/समूह निवेशकवार सीमा

कारपोरेट बांडों में एफपीआई निवेश निम्नलिखित अपेक्षाओं के अधीन होगा:

  1. किसी एफपीआई, उससे संबंधित अनेक एफपीआई द्वारा किए गए निवेश सहित, द्वारा किया गया निवेश कारपोरेट बांड के किसी भी निर्गम के 50% से अधिक नहीं होगा। यदि एफपीआई उससे संबंद्ध अनेक एफपीआई सहित, किसी एक निर्गम में द्वारा किया गया निवेश 50% से अधिक है तो उस निर्गम में तब तक और निवेश नहीं करेगा जब तक उक्त निर्धारित सीमा न प्राप्त हो जाए।

  2. कोई भी एफपीआई किसी एकल कारपोरेट में अपने कारपोरेट बांड पोर्टफोलियो के 20% से अधिक का एक्सपोजर नहीं रखेगा (उस कारपोरेट से संबद्ध संस्थाओं में किए गए एक्सपोजर सहित)। यदि किसी एफपीआई का किसी कारपोरेट में एक्सपोजर 20% से अधिक है (उस कारपोरेट से संबद्ध संस्थाओं में किए गए एक्सपोजर सहित) तो वह उस कारपोरेट में तब तक निवेश नहीं करेगा जब तक कि उक्त निर्धारित सीमा न प्राप्त हो जाए। नए पंजीकृत एफपीआई के लिए ज़रूरी होगा कि वह इसका निवेश प्रारंभ करने के बाद 6 महीने के भीतर इस निर्धारित सीमा का पालन करे।

4. अन्य परिवर्तन : कोई एफपीआई आंशिक रूप से भुगतान किए गए लिखतों में निवेश नहीं करेगा।

5. ये निदेश तत्काल प्रभाव से लागू होंगे।

6. इस परिपत्र के निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और 11(1) के अंतर्गत किसी अन्य क़ानून के तहत अपेक्षित अनुमति/अनुमोदन पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना जारी किए गए हैं।

भवदीय

(टी. रबीशंकर)
मुख्य महाप्रबंधक


2024
2023
2022
2021
2020
2019
2018
2017
2016
2015
2014
2013
2012
पुरालेख
Server 214
शीर्ष