आरबीआई/2018-2019/55
एफएमआरडी.एफएमआईडी.07/14.03.027/2018-19
अक्टूबर 05, 2018
प्रति
इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफार्म के सभी परिचालक
महोदय/महोदया
इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफार्म (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2018
कृपया 04 अक्तूबर 2017 को वर्ष 2017-18 के लिए चतुर्थ द्विमासिक मौद्रिक नीति वक्तव्य के एक भाग के तौर पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी विकासात्मक और विनियामक नीतियों विषयक वक्तव्य के पैराग्राफ 9 का अवलोकन कीजिए जिसमें यह कहा गया था कि रिज़र्व बैंक द्वारा नियंत्रित वित्तीय बाजार लिखतों के लिए इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफार्मों को प्राधिकार प्रदान करने हेतु रिज़र्व बैंक एक फ्रेमवर्क स्थापित करेगा।
2. सार्वजनिक अभिमत के लिए ईटीपी निदेशों का प्रारूप 12 अक्तूबर 2017 को जारी किया गया था। प्राप्त फीडबैक के आधार पर इन निदेशों को अंतिम रूप दिया गया। ये निदेश संलग्न हैं।
भवदीय
(टी. रबीशंकर)
मुख्य महाप्रबंधक
भारतीय रिज़र्व बैंक
वित्तीय बाजार विनियमन विभाग
पहली मंजिल, केन्द्रीय कार्यालय (मुख्य भवन), फोर्ट
मुम्बई 400 001
अधिसूचना सं.एफएमआरडी.एफएमआईडी.08/2018 दिनांक 05 अक्तूबर 2018
इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफार्म (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2018
भारतीय रिज़र्व बैंक (इसके बाद इसे ‘रिज़र्व बैंक’ कहा गया है) ने जनहित में आवश्यक समझते हुए और देश के लाभ के लिए वित्तीय प्रणाली को विनियमित करने के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 (इसके बाद इसे ‘अधिनियम’ कहा गया है) की धारा 45 प के साथ पठित इसी अधिनियम की धारा 45 ब के माध्यम से इस संबंध में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफार्म (ईटीपी) का परिचालन करने वाली संस्थाओं को निम्नलिखित निदेश जारी किए हैं, ताकि वे पात्र लिखतों का कारोबार कर सकें।
1. इन निदेशों का लघु शीर्षक और प्रवर्तन
- इन निदेशों को इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफार्म (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2018 कहा जाएगा।
- ये निदेश इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफार्म (ईटीपी) का परिचालन करने वाली संस्थाओं को जारी किए जाते हैं ताकि वे इन निदेशों के तहत पात्र लिखतों का कारोबारी संव्यवहार कर सकें।
- ये निदेश 05 अक्तूबर 2018 से प्रभावी होंगे।
2. परिभाषाएं
(1) इन निदेशों के प्रयोजन से, यदि संदर्भ में अन्यथा अपेक्षाएं नहीं हों, तो
- ‘एल्गोरिथमिक ट्रेडिंग’ अथवा ‘एल्गो ट्रेडिंग’ का मतलब होगा स्वत: निष्पादित होने वाले लॉजिक का प्रयोग करते हुए किसी सॉफ्टवेयर प्रोग्राम द्वारा सृजित ट्रेड।
- ‘अनुमोदित’ का मतलब होगा प्राधिकृत करते समय प्राधिकारदायी प्रलेख पर अथवा प्राधिकार देने की शर्तों में बदलाव करते समय बाद में किसी समय रिज़र्व बैंक द्वारा अनुमोदित किया जाना।
- इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफार्म (ईटीपी) का मतलब होगा मान्यता-प्राप्त स्टॉक एक्सचेन्ज के अलावा कोई अन्य इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम जिसके माध्यम से आगामी पैराग्राफ 2(iv) में दी गई परिभाषा के अनुसार पात्र लिखतों का कारोबार किया जाएगा।
- ‘पात्र लिखतों’ का मतलब होगा प्रतिभूतियां, मुद्रा बाजार की लिखतें, विदेशी मुद्रा लिखतें, डेरिवेटिव अथवा इसी प्रकार की अन्य लिखतें जिनका विनिदेश रिज़र्व बैंक द्वारा समय-समय पर भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 के अध्याय III-डी की धारा 45ब के तहत दिया जाएगा।
- इन निदेशों में जब तक विषय अथवा संदर्भ के अनुसार अन्यथा अपेक्षित नहीं हो ‘संस्था’ का मतलब होगा ‘कम्पनी’ और इनमें कम्पनी अधिनियम, 2013 अथवा भारत में पहले के किसी भी अधिनियम के प्रावधानों के तहत निगमित कोई भी कम्पनी शामिल होगी।
- ‘ईटीपी ऑपरेटर’ का मतलब होगा कोई भी संस्था जिसे इन निदेशों के तहत रिज़र्व बैंक ने ईटीपी के परिचालन हेतु प्राधिकृत किया है।
- ‘विदेशी मुद्रा’ का मतलब वही होगा जो विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 की धारा 2(एन) के तहत निर्धारित किया गया है।
- ‘मान्यता प्राप्त एक्सचेन्ज’ का वह मतलब रहेगा जो प्रतिभूति संविदा (विनियमन) अधिनियम, 1956 की धारा 2(एफ) में निर्धारित किया गया है।
3. (1) रिज़र्व बैंक से इन निदेशों के तहत पहले ही से प्राधिकार प्राप्त किए बिना कोई भी संस्था ईटीपी का परिचालन नहीं करेगी।
(2) इन निदेशों का आरंभ होते समय अथवा इनका आरंभ होने से पहले जो ईटीपी विद्यमान थे और परिचालन कर रहे थे वे इन निदेशों के जारी होने की तारीख से छह माह के भीतर प्राधिकार प्राप्त करने के लिए आवेदन करेंगे। उक्त पैराग्राफ 3(1) में निहित किसी भी तथ्य के बावजूद कोई भी विद्यमान ईटीपी ऑपरेटर अपने परिचालन तब तक जारी रख सकती है जब तक कि रिज़र्व बैंक को किए गए आवेदन का निपटान करते हुए प्राधिकार प्रदान करने की स्वीकृति अथवा अस्वीकृति नहीं मिल जाती है।
(3) रिज़र्व बैंक द्वारा प्राधिकृत ईटीपी केवल रिज़र्व बैंक द्वारा अनुमोदित लिखतों का ही कारोबार करेंगे।
4. बैंकों द्वारा अपने ग्राहकों (जो इसके यूजर के तौर पर हैं) के लिए द्विपक्षीय आधार पर इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफार्म का संचालन किया जाता है उन्हें इन निदेशों के प्रावधानों से छूट दी जाती है बशर्ते इन प्लेटफॉर्मों पर पात्र लिखतों के लिए किसी भी बाजार में मार्केट मेकर्स को प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से अभिगम नहीं प्रदान करें, इसमें विदेशी मुद्रा संव्यवहारों के प्रयोजन से प्राधिकृत व्यापारी भी शामिल हैं।
5. ईटीपी का प्राधिकार देने के लिए पात्रता मानदंड
(1) ईटीपी ऑपरेटर का कार्य आरंभ करने अथवा ईटीपी ऑपरेशन जारी रखने के लिए ईटीपी ऑपरेटर के रूप में प्राधिकार चाहने वाली संस्था को निम्नलिखित मानदंड पूरे करने होंगे :
ए. सामान्य मानदंड
- ऐसी संस्था भारत में निगमित कम्पनी होनी चाहिए।
- इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफार्म का परिचालन करने वाली विद्यमान ऐसी संस्थाएं जो भारत में निगमित नहीं हों, उन्हें रिज़र्व बैंक द्वारा इन निदेशों के तहत इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफार्म के लिए प्राधिकार प्रदान किए जाने की तारीख से एक साल की अवधि के भीतर भारत में निगमित किए जाने की अपेक्षा के अनुरूप पुष्टि करनी होगी।
- इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफार्म ऑपरेटर के तौर पर प्राधिकार मांगने वाली संस्था में यदि कोई गैर-निवासी शेयरधारिता है तो उसे विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 सहित सभी अनुमेय कानूनों और विनियमों की अनुरूपता रखनी होगी।
- इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफार्म के ऑपरेटर के तौर पर प्राधिकार चाहने वाली संस्था अथवा इसके प्रमुख प्रबंधकीय कार्मिक को वित्तीय बाजारों में ट्रेडिंग अवसंरचना ऑपरेट करने का कम-से-कम तीन साल का अनुभव अवश्य होना चाहिए।
स्पष्टीकरण : ‘प्रमुख प्रबंधकीय कार्मिक’ का मतलब वही रहेगा जो कम्पनी अधिनियम, 2013 में निर्धारित किया गया है।
बी. वित्तीय मानदंड
- कोई संस्था जो इन निदेशों के तहत इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफार्म ऑपरेटर के लिए प्राधिकार पाना चाहती हो उसे न्यूनतम रु.5 करोड़ (केवल पांच करोड़ रुपये) की निवल मालियत रखनी होगी और वह यहां बताई गई इस न्यूनतम निवल मालियत को हमेशा बरकरार रखेगी।
इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफार्म का परिचालन करने वाली विद्यमान संस्थाएं जिनके पास निर्धारित निवल मालियत अपेक्षा से कम निवल मालियत है उन्हें रु.5 करोड़ (केवल पांच करोड़ रुपये) की न्यूनतम निवल मालियत रिज़र्व बैंक द्वारा प्राधिकृत किए जाने की तारीख से एक साल के भीतर हासिल करनी होगी।
- इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफार्म ऑपरेट करने के लिए प्राधिकार चाहने वाले बैंकों को इस प्रयोजन के लिए न्यूनतम रु.5 करोड़ (केवल पांच करोड़ रुपये) की पूंजी इसके लिए निर्धारित करनी होगी।
ग. प्रौ़द्योगिकीय मानदंड
कोई संस्था जो इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफार्म ऑपरेटर के लिए प्राधिकार पाना चाहती हो उसे निम्नलखित न्यूनतम प्रौ़द्योगिकीय अपेक्षा हमेशा पूरी करनी होगी :
- अतिप्रबल प्रौ़द्योगिकीय अवसंरचना लेगी और उसे बरकरार रखेगी जिसमें सिस्टम, डाटा और नेटवर्क के संदर्भ में उच्च स्तरीय विश्वसनीयता, मापक्रमता और सुरक्षा होनी चाहिए जो इसके परिचालनों का समर्थन कर सके और संबंधित जोखिमों का प्रबंधन कर सके।
- ऐसी क्षमता सुनिश्चित करे जो रीयल-टाइम आधार पर अथवा लगभग रीयल-टाइम आधार पर कारोबारी सूचना का प्रसार कर सके।
(2) इस परिपत्र के उक्त पैराग्राफ 5(1) (क) में निर्धारित पात्रता मानदंड अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों द्वारा परिचालित इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफार्मों पर लागू नहीं होंगे।
6. ईटीपी ऑपरेट करने के लिए प्राधिकार प्रदान करना और प्राधिकार को निरस्त करना
(1) इन निदेशों के तहत निर्धारित पात्रता मानदंडों को संतुष्ट करने वाली संस्थाओं द्वारा ईटीपी ऑपरेट करने के लिए प्राधिकार प्रदान करने के लिए अनुलग्नक में दिए अनुसार निर्धारित प्ररूप में मुख्य महाप्रबन्धक, वित्तीय बाजार विनियमन विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक, प्रथम तल, मुख्य भवन, शहीद भगत सिंह मार्ग, मुम्बई – 400001 को आवेदन किया जाए।
(2) रिज़र्व बैंक द्वारा आवेदक से ऐसी कोई भी अतिरिक्त जानकारी मांगी जा सकती है अथवा कोई भी स्पष्टीकरण मांगा जा सकता है जो रिज़र्व बैंक सुसंगत समझे और आवेदक को ऐसी अतिरिक्त जानकारी और स्पष्टीकरण प्रस्तुत करना ही होगा।
(3) इस आवेदन का निपटान करने के लिए रिज़र्व बैंक के अभिमत से जो भी अतिरिक्त जानकारी किसी अन्य विनियामक अथवा सरकार के विभागों/एजेन्सियों या किसी अन्य प्राधिकरण प्राप्त करनी आवश्यक हो रिज़र्व बैंक वह जानकारी भी ले सकेगा।
(4) आवेदक पात्रता मानदंडों को पूरा करता है इस तथ्य से संतुष्ट होने के बाद रिज़र्व बैंक आगे निर्दिष्ट शर्तों और निबंधनों के तहत ईटीपी ऑपरेट करने के लिए प्राधिकार प्रदान कर सकता है।
(5) किसी संस्था को ईटीपी परिचालन हेतु संस्था को प्रदत्त यह प्राधिकार हस्तांतरणीय नहीं है और यदि यह पाया जाता है कि ईटीपी ऑपरेटर इन निदेशों के किसी प्रावधान या प्राधिकार के किसी अन्य नियम या विनियम या शर्त का उल्लंघन करता पाया जाता है तो रिज़र्व बैंक अतिरिक्त शर्तें लगा सकता है।
(6) संस्था द्वारा अपना पक्ष प्रस्तुत करने का पर्याप्त अवसर देने के बाद ईटीपी ऑपरेट करने के लिए किसी संस्था को जारी किया गया प्राधिकार रिज़र्व बैंक द्वारा निरस्त किया जा सकता है, यदि रिज़र्व बैंक इस बात से संतुष्ट हो कि :
- ईटीपी ऑपरेटर ने किसी सांविधिक प्रावधान या रिज़र्व बैंक द्वारा जारी किसी अन्य नियम या विनियम या निदेश या आदेश या विनिदेश का उल्लंघन किया है; अथवा
- प्राधिकार प्रदान करते समय लगे कि ईटीपी ऑपरेटर ने रिज़र्व बैंक द्वारा निर्दिष्ट किसी भी शर्त या निबंधन का उल्लंघन किया है; अथवा
- प्रदत्त प्राधिकार को बरकरार रखना लोक हित अथवा देश की वित्तीय प्रणाली के प्रतिकूल है।
(7) ईटीपी ऑपरेट करने के लिए प्राधिकार पत्र प्रदान करने या अस्वीकार करने अथवा ईटीपी परिचालन आरंभ करने या चलाने के लिए प्राधिकार पत्र को निरस्त करने के लिए रिज़र्व बैंक का निर्णय अंतिम होगा।
(8) यदि रिज़र्व बैंक ने ईटीपी परिचालन रोकने के लिए लिखित पत्राचार में कोई खास तारीख नहीं बताई हो तो विद्यमान ऑपरेटरों से प्राप्त आवेदन को रिज़र्व बैंक द्वारा अस्वीकृत किए जाने अथवा प्राधिकार पत्र को निरस्त किए जाने के मामले में संबंधित ईटीपी ऑपरेटर को तत्काल ही ईटीपी ऑपरेशन रोकने होंगे।
(9) किसी ईटीपी ऑपरेटर का प्राधिकार पत्र निरस्त हो जाने के मामले में प्राधिकार-पत्र मूल रूप में रिज़र्व बैंक को अभ्यर्पित करना होगा।
7. परिचालन फ्रेमवर्क
(1) ईटीपी ऑपरेटर निम्नलिखित अपेक्षाओं का अनुपालन करेगा :
a. अभिगम और सहभागिता : ईटीपी ऑपरेटर :
- उद्देश्यपरक, उचित और पारदर्शी सदस्यात मानदंड रखेगा;
- सभी सदस्यों की ऑन-बोर्डिंग के समय विधिवत सावधानी रखेगा और सदस्य के बारे में सभी संगत जानकारी रखेगा;
- लीगल एनटिटी आइडेन्टीफायर (एलईआइ) और/अथवा स्थायी खाता संख्या (पीएएन) का प्रयोग करते हुए अपने सदस्यों की विशिष्ट पहचान सृजित करेगा;
- सदस्यता की ऑन-बोर्डिंग, निलम्बन और समापन, सदस्यों और ऑपरेटर की भूमिका और दायित्वों, नियमों और विनियमों के उल्लंघन के मामले में ईटीपी और प्रयोक्ताओं के लिए देयता फ्रेमवर्क, ईटीपी के प्रयोग पर अनुमेय प्रतिबंध अथवा अन्य अपेक्षाओं, आदेशों की प्रोसेसिंग और निष्पादन, जोखिम प्रबन्धन और नियंत्रण के बारे में भली प्रकार से प्रलेखबद्ध नियमावली और विनियम रखेगा, लेकिन इतने तक ही सीमित नहीं;
- ट्रेड से पहले की जानकारी उपलब्ध कराना – जैसे कि नीलामी/प्रस्ताव कीमतें, संबद्ध मात्राएं, ट्रेडिंग से निश्चित आय का स्तर, अथवा ऐसी ही अन्य जानकारी अपने सदस्यों को उचित और पक्षपात रहित आधार पर उपलब्ध कराएगा जो संव्यवहारों को नियंत्रित करने वाले नियमों के अनुरूप हो;
- ट्रेड-पश्चात जानकारी जैसे कि कीमत, मात्रा और संव्यवहार का समय अथवा ऐसी ही अन्य जानकारी अपने सदस्यों को उचित और पक्षपात रहित आधार पर उपलब्ध कराएगा जो संव्यवहारों को नियंत्रित करने वाले नियमों के अनुरूप हो;
- यह सुनिश्चित करेगा कि इस परिपत्र के उक्त पैराग्राफ 7(1) क.(iv) में बताए गए सभी प्रलेख, नियम और विनियम सदस्यों को निर्बाध रूप से उपलब्ध हैं।
b. जोखिम प्रबंन्धन
(i) ईटीपी ऑपरेटर सम्यक जोखिम प्रबंधन फ्रेमवर्क रखेगा जिसमें उसके परिचालनों के सभी पहलुओं को कवर किया गया हो। इसमें यह सुनिश्चित किया जाएगा कि इसके परिचालनों से संबद्ध जोखिमों की पहचान उचित रूप से की जाती है और उनका विवेकपूर्वक प्रबंध किया जाता है।
(ii) ट्रेडिंग की सत्यनिष्ठा : ईटीपी ऑपरेटर
- अपने सदस्यों के लिए अभिगम नियंत्रण सुनिश्चित करेगा और इस प्लेटफॉर्म पर अप्राधिकृत अभिगम को रोकेगा;
- ईटीपी पर अनुचित पहुंच को रोकने के लिए अनय वित्तीय सेवाओं या अवसंरचनओं को ईटीपी से अलग रखेगा;
- सुनिश्चित करेगा कि इस सिस्टम पर सभी सौदों को निरपवाद रूप से एक उचित, पक्षपात रहित और नियमानुसार तरीके से और स्थापित पद्धति के निपटाया जाता है;
- ऐसे संव्यवहारों को रोकेगा जो प्राधिकरण की शर्तों अथवा प्रचलित कानूनी या विनियामक अपेक्षाओं के अनुसरण में नहीं हैं।
(iii) एल्गोरिथमिक सिस्टम : एल्गोरिथमिक ट्रेडिंग सिस्टम (एल्गो सिस्टम) की सहायता से सहभागिता प्रदान/की सुविधा देने वाला ईटीपी ऑपरेटर :
- एल्गो सिस्टम की जांच और ऑन-बोर्डिंग के लिए एक फ्रेमवर्क स्थापित करेगा;
- यह सुनिश्चित करेगा कि ये सुविधाएं पारदर्शी और पक्षपात रहित तरीके से प्रदान की जाती हैं;
- यह सुनिश्चित करेगा कि एल्गो सिस्टम से पैदा हो सकने वाले जोखिमों की निगरानी और प्रबंधन के लिए उसके पास पर्याप्त और प्रभावी सिस्टम और नियंत्रण हैं।
(iv) त्रुटिपूर्ण संव्यवहारों जैसे कि सदस्यों द्वारा ऑफ मार्केट दामों या सौदों की संभावना, फैट-फिन्गर त्रुटियों, अनभिप्राय या अनियंत्रित ट्रेडिंग क्रियाकलापों, आदि को कम करने के लिए ईटीपी ऑपरेटर समुचित नियंत्रण स्थापित करेगा।
(v) संचालन आकस्मिकताएं : ट्रेडिंग के निलम्बन/समापन अथवा आर्डरों/सौदों के निरस्त होने, अपने सिस्टम के गलत काम करने या सदस्यों द्वारा त्रुटिपूर्ण प्रयोग या किसी अन्य अनपेक्षित स्थिति जैसी आकस्मिक घटनाओं से निपटने के लिए ईटीपी ऑपरेटर पारदर्शी तरीके से नियमों और विनियमों को स्थापित करेगा। ऐसी आकस्मिकताओं को स्पष्ट तौर पर निर्धारित नियमों और विनियमों के अनुसार निपटाया जाना चाहिए।
(vi) विवादों का निपटान : सदस्यों के बीच पैदा हो सकने वाले अथवा संभावित किसी भी विवाद का निपटान करने के लिए ईटीपी ऑपरेटर को व्यवस्था करनी होगी।
8. चौकसी : बाजार की सत्यनिष्ठा को बरकरार रखने और वास्तविक समय के आधार पर तथा कार्य संपन्न हो जाने के बाद ट्रेडिंग क्रियाकलापों की निगरानी उचित और तथा व्यवस्थित सौदे सुनिश्चित करने के लिए ईटीपी ऑपरेटर प्रणालियों और नियंत्रणों को लागू करेगा।
9. पारदिर्शता : (1) ईटीपी ऑपरेटर
- संबंधित पक्षों अथवा समूह की एजेंसियों की सहभागिता के कारण यदि कोई हित संघर्ष होता है, तो उसका अभिनिर्धारण करके रिज़र्व बैंक को बताएगा; और
- अपने सदस्यों के लिए उचित, विभेद रहित और पारदर्शी शुल्क संरचना को लागू करेगा।
10. परिचालनों की आउटसोर्सिंग : (1) अपने परिचालनों/प्रौद्योगिकी/क्रियाकलापों की आंशिक अथवा पूरी तरह से आउटसोर्सिेग करने वाला ईटीपी ऑपरेटर सुनिश्चित करेगा कि :
- इस प्रकार के आउटसोर्सिंग संबंधों में निहित सभी जोखिमों के प्रबंधन के लिए इसके पास प्रभावी अभिशासन और जोखिम प्रबंधन व्यवस्था है।
- इस प्रकार की आउटसोर्सिंग व्यवस्था ऐसे ईटीपी ऑपरेटर को इन निदेशों अथवा रिज़र्व बैंक द्वारा समय-समय पर जारी किसी अन्य विनियम/निदेश/अनुदेश /गाइडलाइन के अनुपालन में कोई बाधा या अड़चन या हस्तक्षेप नहीं करते हैं।
- आगामी पैराग्राफ 12 और 13 में बताए अनुसार डाटा के संरक्षण, अभिगम, प्रयोग और रिपोर्टिंग से संबंधित सभी अपेक्षाओं का पालन किया जाता है, भले ही ईटीपी ऑपरेटर और इसकी आउटसोर्स की गई संस्था के बीच हुए करार गतावधिक या समाप्त हो गए हों।
11. प्रौद्योगिकी और सूचना की सुरक्षा
- कारोबार की निरंतरता और आपदा के बाद बहाली : ईटीपी ऑपरेटर समुचित कारोबारी निरंतरता योजना (बीसीपी) स्थापित करेगा जिसमें इसके कारोबार की प्रकृति, परिमाण और जटिलता के अनुरूप आकस्मिकता और आपदा के बाद बहाली की व्यवस्था भी शामिल हैं, ताकि इसके परिचालन की निरंतरता और उपलब्धता सुनिश्चित हो सके।
- ईटीपी ऑपरेटर सूचना और डाटा सुरक्षा की पर्याप्त संरचना स्थापित करेगा। यदि रिज़र्व बैंक या किसी अन्य विनियामक अथवा लोक प्राधिकरण ने समय-समय पर कोई सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) और सूचना सुरक्षा (आईएस) मानदंड/गाइडलाइन निर्धारित की है तो यह अपने पर यथा लागू का अनुपालन करेगा।
- ईटीपी ऑपरेटर कम-से-कम साल में एक बार सर्टिफाइड इन्फार्मेशन सिस्टम आडिटर (सीआईएसए) का प्रमाणपत्र रखने वाले अथवा इंडियन कम्प्यूटर एमरजेन्सी रिस्पॉन्स टीम (सर्ट-इन) अथवा ऐसी ही किसी अन्य व्यावसायिक निकाय के पैनल में दर्ज आडिटरों से आईटी/आईएस ऑडिट कराएगा।
- इस परिपत्र के उक्त पैरा 11 (iii)में निहित किसी भी बात के बावजूद रिज़र्व बैंक अपने विवेकानुसार इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफार्म का आईटी/आईएस ऑडिट रिज़र्व बैंक द्वारा चयनित किसी स्वतंत्र ऑडिटर(रों) से कराने का आदेश दे सकता है।
12. डाटा संरक्षण, अभिगम और प्रयोग
- ईटीपी पर क्रियाकलपाों से संबंधित सभी डाटा (इसके बाद इसे ईटीपी डाटा कहा गया है) कम-से-कम दस वर्ष के लिए ऐसे मीडिया पर रखा जाएगा जहां से इसे आसानी से पुन: प्राप्त किया जा सके। डाटा के भंडारण के लिए न्यूनतम अपेक्षा के प्रति बिना किसी पूर्वाग्रह के यदि भारतीय कानून अथवा विनियमों के तहत अपेक्षा के अनुसार रिज़र्व बैंक द्वारा या किसी अन्य प्राधिकरण द्वारा जांच के लिए डाटा मांगे जाने पर जांच पूरी हो जाने के बाद की तारीख से तीन साल तक डाटा रखा जाएगा।
- ईटीपी ऑपरेटर सभी ईटीपी डाटा की गोपनीयता और सुरक्षा को बनाए रखेगा। इस प्रकार के डाटा तक पहुंच पूरी तरह से ईटीपी ऑपरेटर के नियंत्रण में रहेगी।
13. रिपोर्टिंग अपेक्षाएं
- रिज़र्व बैंक द्वारा मांगे जाने पर ईटीपी ऑपरेटर निर्धारित प्ररूप और निर्धारित समयसीमा में यथा अपेक्षा अनुसार डाटा और/अथवा सूचना प्रदान करेगा।
- ईटीपी ऑपरेटर किसी भी ट्रेड रिपॉजिटरी अथवा रिपोट्रिंग प्लेटफार्म को संव्यवहार की जानकारी रिज़र्व बैंक द्वारा यथानिर्धारित तरीके और प्ररूप में रिपोर्ट करेगा।
- ईटीपी ऑपरेटर किसी अन्य एजेंसी/प्राधिकरण को भी डाटा/जानकारी प्रदान करेगा जैसा कि भारतीय कानून के तहत अपेक्षित हो सकता है।
- क्रियाकलापों में व्यवधान या बाजार के दुरुपयोग की किसी भी घटना की जानकारी ईटीपी ऑपरेटर द्वारा रिज़र्व बैंक को दी जाती रहेगी।
14. परिचालनों का परिसमापन
- ईटीपी ऑपरेटर जिसके पास ईटीपी परिचालनों को आरंभ या करते रहने के लिए प्राधिकार पत्र है वह अपने परिचालन को रिज़र्व बैंक की पूर्वानुमति से समाप्त कर सकता है और परिचालनों के परिसमापन के बारे में समय और तारीख के संदर्भ में रिज़र्व बैंक द्वारा निर्धारित निबंधनों और शर्तो का अनुपालन करेगा।
- अपने परिचालनों का समय से पहले समापन करने की स्थिति में ईटीपी परिचालनों को आरंभ अथवा करने के लिए प्रदत्त प्राधिकार पत्र ईटीपी ऑपरेटर द्वारा रिज़र्व बैंक को मूल रूप से अभ्यर्पित कर दिया जाएगा।
15. इन निदेशों के प्रावधानों से रियायत
रिज़र्व बैंक इस तथ्य से संतुष्ट होने पर कि लोक अथवा देश की वित्तीय प्रणाली के हित में ऐसा करना अनिवार्य है, किसी भी ईटीपी ऑपरेटर अथवा ईटीपी ऑपरेटरों की किसी श्रेणी को या तो सामान्य तौर पर या किसी निश्चित अवधि के लिए, इसके द्वारा अधिरोपित किए जाने के लिए उचित और सही समझी गई शर्तों या निबंधनों के तहत इन निदेशों के किसी या सभी प्रावधानों से रियायत दे सकता है। |