भारिबैंक/2018-19/154
ए.पी. (डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 27
28 मार्च 2019
सभी श्रेणी -। प्राधिकृत व्यापारी बैंक
महोदया/महोदय,
विदेशी एंटिटियों द्वारा भारत में शाखा कार्यालय (BO)/ संपर्क कार्यालय (LO)/ परियोजना कार्यालय (PO) अथवा अन्य किसी कारोबारी स्थान की स्थापना करना
प्राधिकृत व्यापारी (एडी-श्रेणी I) बैंकों का ध्यान दिनांक 31 मार्च 2016 की अधिसूचना सं. फेमा 22(आर) / आरबी-2016 द्वारा अधिसूचित तथा समय-समय पर संशोधित विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत में शाखा कार्यालय अथवा कोई संपर्क कार्यालय अथवा कोई परियोजना कार्यालय अथवा अन्य कोई कारोबारी स्थान की स्थापना करना) विनियमावली, 2016 तथा उसके अंतर्गत जारी संबंधित निदेशों की ओर आकर्षित किया जाता है।
2. जहां आवेदक का प्रमुख कारोबार रक्षा, टेलीकॉम, निजी सुरक्षा एवं सूचना और प्रसारण नामक क्षेत्रों में आता है, उस मामले में भारत में शाखा कार्यालय अथवा कोई संपर्क कार्यालय अथवा किसी परियोजना कार्यालय अथवा अन्य किसी कारोबारी स्थान की स्थापना के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक के पूर्वानुमोदन की अपेक्षा से संबंधित विद्यमान विनियमों की भारत सरकार के साथ परामर्श से, समीक्षा की गई है और संशोधनों को सरकार द्वारा दिनांक 21 जनवरी 2019 की अधिसूचना सं. 22(आर)(2)/ 2019-आरबी द्वारा अधिसूचित किया गया है।
3. तदनुसार यह सूचित किया जाता है कि जहां आवेदक का प्रमुख कारोबार रक्षा, टेलीकॉम, निजी सुरक्षा एवं सूचना और प्रसारण नामक क्षेत्रों में आता है, उस मामले में यदि सरकार का अनुमोदन अथवा संबंधित मंत्रालय/ विनियामक एजेंसी द्वारा लाइसेंस/ अनुमति पूर्व में ही प्रदान की गई है तो भारत में शाखा कार्यालय अथवा संपर्क कार्यालय अथवा किसी परियोजना कार्यालय या अन्य किसी कारोबारी स्थान की स्थापना के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक का पूर्वानुमोदन आवश्यक नहीं होगा। इसके अलावा रक्षा क्षेत्र में पीओ खोलने से संबंधित प्रस्ताव हो, तो उस स्थिति में भारत सरकार को कोई अलग से संदर्भ देने या अनुमोदन की आवश्यकता नहीं है, यदि कथित गैर-निवासी आवेदक को रक्षा मंत्रालय या सेना मुख्यालय या रक्षा क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रम ने कोई ठेका दिया हो / उससे करार किया हो। यह स्पष्ट किया जाता है कि अधिसूचना में प्रयोग में लाए गए “अनुमति” शब्द में उपर्युक्त चार क्षेत्रों के संबंध में स्वचालित मार्ग में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के अंतर्गत उपलब्ध सामान्य अनुमति, यदि कोई हो, शामिल नहीं है।
4. एल.ओ./ बि.ओ. / पि.ओ. नीति के अन्य सभी प्रावधान अपरिवर्तित बने रहेंगे। प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने घटकों और ग्राहकों को अवगत कराएं।
5. इन परिवर्तनों को दर्शाने के लिए दिनांक 01 जनवरी 2016 के मास्टर निदेश सं.10 को इसी के साथ अद्यतन किया जा रहा है।
6. इस परिपत्र में निहित निर्देश, विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और 11(2) के अंतर्गत और किसी अन्य विधि के अंतर्गत अपेक्षित किसी अनुमति / अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना जारी किए गये हैं।
भवदीय
(आर.के. मूलचंदानी)
मुख्य महाप्रबंधक |