आरबीआई/2019-20/66
विसविवि.केंका.प्लान.बीसी.12/04.09.01/2019-20
20 सितंबर 2019
अध्यक्ष/प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी
लघु वित्त बैंकों सहित सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक
(क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)
महोदया/महोदय,
प्राथमिकता-प्राप्त क्षेत्र को उधार (पीएसएल) – प्राथमिकता-प्राप्त क्षेत्र के अंतर्गत निर्यात का वर्गीकरण
निर्यात क्षेत्र में ऋण को बढ़ावा देने के लिए यह निर्णय लिया गया है कि दिनांक 7 जुलाई 2016 को जारी “प्राथमिकता-प्राप्त क्षेत्र को उधार – लक्ष्य और वर्गीकरण पर मास्टर निदेश" (4 दिसंबर 2018 को अद्यतन) के पैरा 8, निर्यात ऋण से संबंधित, में निम्नलिखित बदलाव किए जायें।
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पीएसएल के तहत निर्यात ऋण के वर्गीकरण हेतु स्वीकृत सीमा को बढ़ाकर रु.250 मिलियन प्रति उधारकर्ता से रु.400 मिलियन प्रति उधारकर्ता किया जाए।
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‘रु.1 बिलियन तक के टर्नओवर वाले यूनिट’ संबंधी मौजूदा मानदंडों को हटा दिया जाए।
2. पीएसएल के तहत ‘वृद्धिशील निर्यात ऋण, जो पूर्ववर्ती वर्ष की तदनुरूपी तारीख को विद्यमान निर्यात ऋण से अधिक है, एएनबीसी अथवा तुलन-पत्र से इतर एक्सपोजर की सममूल्य राशि का ऋण के 2 प्रतिशत, इनमें से जो भी अधिक हो, को वर्गीकृत करने हेतु घरेलू अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों के लिए जारी मौजूदा दिशानिर्देश उक्त उल्लेखित (i) में दिए गए मानदंडों के अधीन लागू होना जारी रहेगा।
3. विदेशी बैंकों के संबंध में वर्तमान निर्देशों में कोई बदलाव नहीं हुआ है।
भवदीय,
(गौतम प्रसाद बोरा)
प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक |