आरबीआई/2018-19/83
एफएमआरडी.एफएमआईडी.सं.10/11.01.007/2018-19
29 नवम्बर, 2018
प्रति
बाजार के सभी पात्र सहभागी
महोदय / महोदया
नॉन-डेरिवेटिव बाजारों में सहभागिता के लिए विधिक संस्थान अभिनिर्धारक कोड
विश्वव्यापी आर्थिक संकट के बाद जोखिम के बेहतर प्रबंधन के लिए वित्तीय डाटा प्रणालियों की गुणवत्ता और परिशुद्धता में सुधार के लिए महत्वपूर्ण उपाय के तौर पर विधिक संस्थान अभिनिर्धारक कोड (एलईआई) की संकल्पना की गई है। एलईआई 20 वर्णों का एक अद्वितीय पहचान कोड है जो उन संस्थानों को दिया जाता है जो किसी लेनदेन में शामिल हैं। वैश्विक रूप से, एलईआई का प्रयोग डेरिवेटिव रिपोर्टिंग से आगे निकल गया है और इसका प्रयोग बैंकिंग, प्रतिभूति बाजार, क्रेडिट रेटिंग, बाजार पर्यवेक्षण, आदि से संबद्ध क्षेत्रों में किया जा रहा है (https://www.gleif.org/en/about-lei/regulatory-use-of-the-lei)। भारत में ओवर दि काउन्टर बाजारों में सहभागियों (व्यक्तियों के अलावा) के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक के दिनांक 1 जून 2017 के परिपत्र एमएमआरडी.एफएमआईडी.सं.14/11.01.007/2016-17 के अनुसार रुपया ब्याज दर डेरिवेटिव, विदेशी मुद्रा डेरिवेटिव और क्रेडिट डेरिवेटिव के लिए और बैंकों के बड़े कार्पोरेट उधारकर्ताओं के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक के दिनांक 2 नवम्बर 2017 के परिपत्र डीबीआर.सं.बीपी.बीसी.92/21.04.048/2017-18 के अनुसार चरणबद्ध रीति से किया गया है।
2. विकासात्मक और विनियामक नीतियों संबंधी वक्तव्य, वर्ष 2018-19 के लिए प्रथम द्विमासिक मौद्रिक नीति वक्तव्य (पैराग्राफ सं.8), दिनांक 5 अप्रैल 2018 में यह प्रस्ताव किया गया था कि भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा नियंत्रित ब्याज दर, मुद्रा या क्रेडिट बाजार लेनदेन में गैर-व्यक्तियों द्वारा किए गए सभी वित्तीय बाजार लेनदेन के लिए एलईआई व्यवस्था को लागू किया जाए। तदनुसार, सार्वजनिक टिप्पणियों के लिए 20 जून 2018 को इन निदेशों के प्रारूप जारी किए गए थे। परामर्श के दौरान प्राप्त टिप्पणियों के आधार पर नॉन-डेरिवेटिव बाजारों सहभागिता के लिए एलईआई कोड की आवश्यकता संबंधी निदेशों को निम्नानुसार अंतिम रूप दिया जा चुका है।
3. भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा नियंत्रित बाजारों यथा – सरकारी प्रतिभूति बाजारों, मुद्रा बाजारों (एक साल या कम की परिपक्वता वाली किसी भी लिखत के लिए बाजारों) और नॉन-डेरिवेटिव फोरेक्स बाजारों (लेनदेन जो स्पॉट तारीख से पहले या उसी तारीख को निपटाए जाते हैं) में लेनदेन करने वाले सभी सहभागियों, व्यक्तियों के अलावा, को अनुलग्नक में दी गई निर्धारित तारीख तक विधिक संस्थान अभिनिर्धारक कोड लेना होगा। केवल वही संस्थान निर्धारित तारीख के बाद, निर्गमकर्ता या एक निवेशक के रूप में या एक विक्रेता/क्रेता के तौर पर इन वित्तीय बाजारों में लेनदेन करने के लिए पात्र होंगे जो अपने-अपने लिए निर्धारित अनुमेय तारीखों को या उससे पहले एलईआई कोड प्राप्त कर लेते हैं। मान्यताप्राप्त स्टॉक एक्सचेंजों में किए गए लेनदेन इस एलईआई अपेक्षा के दायरे से बाहर हैं।
4. नॉन-डेरिवेटिव फोरेक्स लेनदेन के मामले में, यद्यपि सभी अंतर-बैंक लेनदेन एलईआई अपेक्षा की शर्त के अधीन होंगे, तथापि अन्य मुद्राओं के तुल्य एक मिलियन अमरीकी डॉलर अथवा अथवा इससे अधिक की रकम वाले लेनदेन के लिए ग्राहक लेनदेन के लिए एलईआई कोड की अपेक्षा रहेगी।
5. संगत बाजारों में वित्तीय लेनदेन करने वाले अनिवासी संस्थानों के लिए भी एलईआई कोड की जरूरत रहेगी। ऐसे संस्थान जो अपने निगमन के देश में विधिक संस्थान नहीं हैं (उदाहरण के लिए किसी अनिवासी मूल/प्रबंधन कम्पनी द्वारा परिचालित फंड जिनमें से प्रत्येक का पंजीकरण एफपीआई के तौर पर हुआ है) वे अपनी मूल/प्रबंधन कम्पनी के एलईआई कोड का प्रयोग करेंगे।
6. इन बाजारों में लेनदेन करने, रिपोर्टिंग या डिपॉजिटरी प्रकार्यों के लिए जिम्मेदार संस्थानों को अपनी प्रणालियों में लेनदेन करने वाले सहभागियों का एलईआई कोड लेना होगा।
7. ग्लोबल लीगल एंटिटी आइडेंटीफायर फाउंडेशन (जीएलईआईएफ) (https://www.gleif.org/en) द्वारा एक्रेडिटेड किसी भी लोकल ऑपरेटिंग यूनिट (एलओयू) से संस्थान एलईआई प्राप्त कर सकते हैं। भारत में एलईआई कोड को लीगल एन्टिटी आइडेंटीफायर इंडिया लि. (एलईआईएल) से प्राप्त किया जा सकता है (https://www.ccilindia-lei.co.in)। नियमावली, क्रियापद्धति और प्रलेखन संबंधी अपेक्षाओं को एलईआईएल से लिया जा सकता है (https://www.ccilindia-lei.co.in/USR_FAQ_DOCS.aspx)।
8. वित्तीय लेनदेन करने वाले संस्थानों को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनका एलईआई कोड इस ग्लोबल एलईआई सिस्टम की नियमावली के तहत वर्तमान माना जाता है। कालातीत एलईआई कोड को भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा विनियमित बाजारों में लेनदेन के लिए अवैध माना जाएगा।
9. इन निदेशों को भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45 यू के साथ पठित धारा 45 डबल्यू के तहत जारी किया गया है।
भवदीय
(टी. रबी शंकर)
मुख्य महाप्रबंधक
अनुलग्नक
मुद्रा बाजार, जी-सेक बाजार और फोरेक्स बाजार में एलईआई को लागू करने के लिए अनुसूची
चरण |
संस्थानों की निवल मालियत |
प्रस्तावित अंतिम तारीख |
प्रथम चरण |
रु.10000 मिलियन से अधिक |
30 अप्रैल 2019 |
द्वितीय चरण |
रु.2000 मिलियन और रु.10000 मिलियन के बीच |
31 अगस्त 2019 |
तृतीय चरण |
रु. 2000 मिलियन तक |
31 मार्च 2020 |
|