आरबीआई/2018-19/152
ए.पी. (डीआईआर शृंखला) परिपत्र सं. 26
27 मार्च, 2019
प्रति,
सभी प्राधिकृत व्यक्ति
महोदया / महोदय
सरकारी प्रतिभूति मध्यम अवधि फ्रेमवर्क में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीई) द्वारा निवेश
प्राधिकृत डीलर श्रेणी – I (एडी श्रेणी – I) बैंकों का ध्यान 07 नवम्बर 2017 को अधिसूचना सं. फेमा.20(आर)/2017-आरबी के माध्यम से अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंधन (भारत से बाहर के निवासी द्वारा प्रतिभूति का हस्तांतरण अथवा निर्गम) विनियमन, 2017 की अनुसूची-5 तथा समय-समय पर संशोधित और इसके तहत जारी संगत निदेशों की तरफ दिलाया जाता है। उक्त विषय पर 6 अप्रैल 2018 को जारी एपी (डीआइआर शृंखला) परिपत्र सं.22 का अवलोकन भी अपेक्षित है।
2. वर्ष 2019-20 के लिए निवेश सीमाओं में संशोधन
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वित्तीय वर्ष 2019-20 में केन्द्रीय सरकार प्रतिभूतियों (जी-सेक), राज्य विकास ऋणों (एसडीएल) और कार्पोरेट बान्डों में एफपीआई निवेश की सीमा प्रतिभूतियों के बकाया स्टॉक का क्रमश: 6%, 2% और 9% रहेगी।
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जी-सेक सीमा में दो उप-श्रेणियों – ‘सामान्य’ और ‘दीर्घावधि’ – के अनुसार बढ़ोतरी का आबंटन वर्ष 2019-20 के लिए 50:50 पर निर्धारित किया गया है। एसडीएल के लिए समग्र सीमाओं में बढ़ोतरी को एसडीएल की ‘सामान्य’ उप श्रेणी में मिला दिया गया है।
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दिनांक 6 अप्रैल 2018 के परिपत्र के पैरा 3(जी) के अनुसार जी-सेक के लिए कूपन निवेश व्यवस्था को एसडीएल के लिए भी लागू कर दिया गया है।
3. तदनुसार विभिन्न श्रेणियों के लिए संशोधित सीमाएं, पूर्णांकित करने के बाद, निम्नानुसार रहेंगी (तालिका 1):
तालिका 1 – ऋण में एफपीआई निवेश के लिए संशोधित सीमाएं - 2019-20 (बिलियन रुपये) |
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जी-सेक –सामान्य |
जी-सेक –दीर्घ अवधि |
एसडीएल –सामान्य |
एसडीएल - दीर्घ अवधि |
कार्पोरेट
बांड |
कुल ऋण |
वर्तमान सीमा |
2,233 |
923 |
381 |
71 |
2,891 |
6,499 |
अप्रैल-सित., 2019 की छमाही के लिए संशोधित सीमा |
2,347 |
1,037 |
497 |
71 |
3,031 |
6,983 |
अक्तू.2019-मार्च, 2020 छमाही के लिए संशोधित सीमा |
2,461 |
1,151 |
612 |
71 |
3,170 |
7,465 |
4. प्राधिकृत डीलर श्रेणी – I (एडी श्रेणी – I) बैंकों से अपेक्षित है कि वे इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने संबंधित घटकों और ग्राहकों को भी अवगत कराएं।
5. इस परिपत्र में निहित निदेशों को विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और 11(1) के तहत जारी किया गया है और किसी अन्य कानून के तहत यदि कोई अनुमति/अनुमोदन लिया जाना अपेक्षित है, तो उन पर इससे कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ता है।
भवदीय
(टी. रबी शंकर)
मुख्य महाप्रबंधक
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