आरबीआई/2018-19/123
ए.पी. (डीआईआर शृंखला) परिपत्र सं. 19
15 फरवरी 2019
प्रति,
सभी प्राधिकृत व्यक्ति
महोदया / महोदय,
ऋणों में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) द्वारा निवेश
प्राधिकृत डीलर श्रेणी – I (एडी श्रेणी – I) बैंकों का ध्यान 07 नवम्बर 2017 को अधिसूचना सं. फेमा.20(आर)/2017-आरबी के माध्यम से अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंधन (भारत से बाहर के निवासी द्वारा प्रतिभूति का हस्तांतरण अथवा निर्गम) विनियमन, 2017 की अनुसूची-5 तथा समय-समय पर संशोधित और इसके तहत जारी संगत निदेशों की तरफ दिलाया जाता है।
2. एपी (डीआईआर शृंखला) परिपत्र सं.31 दिनांक 15 जून 2018 के पैरा 4(एफ) (ii) के अनुसार किसी भी एफपीआई का एक्सपोजर किसी एकल कार्पोरेट में उसके अपने कार्पोरेट बांड पोट्रफोलियो के 20% से अधिक नहीं होना चाहिए (कार्पोरेट से संबद्ध संस्थानों में एक्सपोजर सहित)। जैसा कि 7 फरवरी 2019 को जारी छठी अर्धवार्षिक मौद्रिक नीति वक्तव्य 2018-19 के विकासात्मक और विनियामक नीतियों संबंधी वक्तव्य के पैरा 10 में बताए अनुसार भारतीय कार्पोरेट ऋण बाजार में निवेशकों के व्यापक स्पेक्ट्रम की पंहुच को प्रोत्साहन देने के प्रयोजन से इस प्रावधान को तत्काल प्रभाव से वापस लेने का निर्णय लिया गया है।
3. इस परिपत्र में निहित निदेशों को विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और 11(1) के तहत जारी किया गया है और किसी अन्य कानून के तहत यदि कोई अनुमति/अनुमोदन लिया जाना अपेक्षित है, तो उन पर इससे कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ता है।
भवदीय
(टी. रबी शंकर)
मुख्य महाप्रबंधक
|