भारिबैं/2019-20/171
डीओआर (पीसीबी).बीपीडी.परि.सं.10/13.05.000/2019-20
13 मार्च 2020
मुख्य कार्यकारी अधिकारी
सभी प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक
महोदय / महोदया,
एकल और समूह उधारकर्ताओं/पार्टियों के लिए ऋण जोखिम (एक्सपोजर) और बड़े एक्सपोजर की सीमाएँ तथा प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र को ऋण संबंधी लक्ष्य में संशोधन - प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक
कृपया 5 दिसंबर, 2019 के विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य के अनुच्छेद 1 (उद्धरण संलग्न) और तत्पश्चात उपर्युक्त विषय पर दिनांक 30 दिसंबर, 2019 के प्रेस विज्ञप्ति 2019-2020/1541 के माध्यम से हितधारकों से टिप्पणियां प्राप्त करने के लिए आरबीआई की वेबसाइट पर जारी मसौदा परिपत्र का संदर्भ लें । इस संबंध में प्राप्त टिप्पणियों की जांच करने के बाद, उक्त संदर्भ में अंतिम दिशानिर्देश नीचे दिए गए हैं।
2. विवेकपूर्ण एक्सपोज़र सीमा
2.1 हमारे 15 अप्रैल, 2005 के परिपत्र यूबीडी.डीएस.परि.सं.44/13.05.00/2004-05 के अनुसार प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों (यूसीबी) को एकल उधारकर्ता और समूह उधारकर्ताओं पर अपनी पूंजीगत निधियों का क्रमश: 15% और 40% तक एक्स्पोजर रखने की अनुमति दी गई थी। उक्त दिशानिर्देशों की समीक्षा कर यह निर्णय लिया गया है कि एकल उधारकर्ता/पार्टी और आपस में संबन्धित उधारकर्ताओं/पार्टियों के समूह के लिए यूसीबी की विवेकपूर्ण एक्सपोज़र सीमा अब से उनकी टियर-I पूंजी की क्रमश: 15% और 25% होगी।
2.1.1 संशोधित एक्सपोज़र सीमा यूसीबी द्वारा लिए गए सभी प्रकार के नए एक्सपोज़र पर लागू होंगी। यूसीबी को अपने वर्तमान एक्सपोज़र, जो संशोधित सीमा से अधिक है, को 31 मार्च 2023 तक ऊपर उल्लिखित संशोधित सीमा के भीतर लाना होगा। तथापि, जहां वर्तमान एक्सपोज़र में सिर्फ मियादी ऋण (Term Loan) और गैर-निधि आधारित सुविधाएं (Non-fund based facilities) शामिल हैं, जबकि ऐसे उधारकर्ताओं पर कोई और एक्सपोज़र नहीं लिया जाएगा, इन सुविधाओं को उनकी संबन्धित चुकौती अनुसूची (Repayment Schedule) के अनुसार/परिपक्वता तक जारी रखने की अनुमति दी जा सकती है।
2.1.2 एक्सपोज़र सीमा तय करने के लिए पिछले वित्तीय वर्ष के 31 मार्च की स्थिति पर मौजूद टियर- I पूँजी गणना में ली जाएगी। इस उद्देश्य के लिए टियर- I पूंजी यूसीबी की पूंजी पर्याप्तता की गणना हेतु निर्धारित टियर- I पूँजी (दिनांक 1 जुलाई, 2015 का पूंजी पर्याप्तता संबंधी विवेकपूर्ण मानदंड - शहरी सहकारी बैंक विषय पर मास्टर परिपत्र देखें) के समान ही रहेगी (समय-समय पर यथा संशोधित) ।
2.1.3 उधारकर्ताएँ/पार्टियां आपस में जुड़े हुए उधारकर्ताओं/पार्टियों के किसी समूह से संबंधित हैं या नहीं, इसका निर्धारण दिनांक 1 जुलाई 2015 के मास्टर परिपत्र डीसीबीआर.केंका.बीपीडी (पीसीबी) एमसी सं.13/13.05.000/2015-16 के पैरा 2.2.3 और 2.2.4 में निहित निर्देशों (समय-समय पर यथा संशोधित) के आधार पर किया जाएगा।
2.1.4 एक्सपोज़र की परिभाषा सहित इस विषय पर अन्य सभी मौजूदा दिशानिर्देश अपरिवर्तित रहेंगे।
2.2 यूसीबी के ऋण पोर्टफॉलियो में कम से कम 50 प्रतिशत ऋण प्रति उधारकर्ता/पार्टी 25 लाख रुपये या बैंक की टियर-। पूंजी के 0.2% (अधिकतम 1 करोड़ रुपये तक सीमित), जो भी अधिक हो, तक के होने चाहिए। इस उद्देश्य के लिए टियर- I पूंजी उपरोक्त अनुच्छेद 2.1.2 में दिए अनुसार माना जाएगा। तथापि, बैंको को उपरोक्त पैरा 2.1 में निर्धारित एक्सपोज़र सीमा का पालन करना होगा। जो यूसीबी वर्तमान में ऋण पोर्टफॉलियो के लिए निर्धारित उपर्युक्त सीमा का पालन नहीं कर रहे हैं, उन्हे 31 मार्च 2024 तक उपरोक्त तरीके से अपने ऋण पोर्टफोलियो को संरेखित करना होगा।
2.2.1 यह स्पष्ट किया जाता है कि यहां ‘ऋण’ का तात्पर्य उधार के रूप में दिए गए गए सभी निधियुक्त और गैर-निधियुक्त एक्सपोज़र से है।
3. संशोधित प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र ऋण (पीएसएल) संबंधी लक्ष्य
3.1 हमारे 10 मई, 2018 के परिपत्र डीसीबीआर.बीपीडी (पीसीबी) परिपत्र.सं.07/09.09.002/2017-18 के अनुसार यूसीबी के लिए कुल प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र ऋण (पीएसएल) का लक्ष्य उनके समायोजित नेट बैंक क्रेडिट (ANBC) या तुलन पत्र से इतर एक्सपोजर की सममूल्य ऋण राशि (CEOBSE), जो भी उच्चतर हो, का 40 प्रतिशत निर्धारित किया गया था। उक्त दिशानिर्देशों की समीक्षा कर यह निर्णय लिया गया है कि यूसीबी के लिए कुल पीएसएल का लक्ष्य बढ़कर उनके एएनबीसी (ANBC) या सीईओबीएसई (CEOBSE), जो भी अधिक हो, का 75 प्रतिशत हो जाएगा ।
3.1.1 उपरोक्त लक्ष्य का अनुपालन यूसीबी 31 मार्च, 2024 तक निम्नलिखित अन्तरिम लक्ष्यों के अनुसार करेंगे:
पीएसएल लक्ष्य की प्राप्ति – दिनांक तक |
31 मार्च, 2021 |
31 मार्च, 2022 |
31 मार्च, 2023 |
31 मार्च, 2024 |
एएनबीसी या सीईओबीएसई, जो भी अधिक हो, का 45% |
एएनबीसी या सीईओबीएसई, जो भी अधिक हो, का 50% |
एएनबीसी या सीईओबीएसई, जो भी अधिक हो, का 60% |
एएनबीसी या सीईओबीएसई, जो भी अधिक हो, का 75% |
3.1.2 प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र के अधीन वर्तमान उप-लक्ष्य अपरिवर्तित रहेंगे।
4. यूसीबी, अपने बोर्ड के अनुमोदन के साथ, संशोधित एक्स्पोज़र मानदंड/सीमा और प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र को ऋण लक्ष्यों के अनुपालन हेतु कार्य योजना तैयार करेंगे। उनको यह भी सूचित किया जाता है कि उपर्युक्त अनुदेशों के अनुपालन हेतु कार्य योजना के तहत की गई प्रगति की निगरानी के लिए वे उचित व्यवस्था करेंगे।
5. इस परिपत्र की प्रति यूसीबी के निदेशक मंडल के समक्ष उनकी अगली बैठक में रखी जाए और इसकी पुष्टि भारतीय रिज़र्व बैंक के पर्यवेक्षण विभाग के संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय को भेजी जाए।
भवदीय,
(नीरज निगम)
मुख्य महाप्रबंधक
अनुलग्नक: यथोक्त
5 दिसम्बर 2019 के विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य का उद्धरण
1. प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक – एक्सपोजर सीमा और प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र को ऋण
प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों (यूसीबी) के एक्सपोजर में जोखिम के संकेन्द्रण को कम करने और वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने में यूसीबी की भूमिका को और मजबूत करने के उद्देश्य से, यूसीबी से संबंधित कुछ विनियामक दिशानिर्देशों में संशोधन करने का प्रस्ताव है। दिशानिर्देश मुख्य रूप से एकल और समूह / परस्पर रूप से संबद्ध उधारकर्ताओं के लिए एक्सपोजर मानदंडों, वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने, प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र को ऋण देने से संबंधित होंगे। इन उपायों द्वारा यूसीबी की आघात सहनीयता और धारणीयता को मजबूत करने और जमाकर्ताओं के हितों की रक्षा करना अपेक्षित है। संशोधित मानदंडों के अनुपालन के लिए एक उचित समय सीमा प्रदान की जाएगी। हितधारक के मत को प्रकाश में लाने के लिए उपर्युक्त परिवर्तनों को प्रस्तावित करने वाला एक मसौदा परिपत्र शीघ्र ही जारी किया जाएगा।
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