भारिबैं/2019-20/219
विवि.सं.बीपी.बीसी.62/21.04.048/2019-20
17 अप्रैल 2020
सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर);
अखिल भारतीय वित्तीय संस्थाएं (नाबार्ड, एनएचबी, एक्सिम बैंक और सिडबी);
सभी प्रणालीगत रूप से महत्वपूर्ण जमाराशि न लेने वाली गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (एनबीएफसी-एनडीएसआई) और जमाराशि लेनेवाली गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (एनबीएफसी-डी)
महोदया/महोदय
कोविड 19 विनियामकीय पैकेज– दबावग्रस्त आस्तियों के समाधान पर विवेकपूर्ण ढांचे के अंतर्गत समाधान समय सीमाओं की समीक्षा
कृपया 17 अप्रैल, 2020 के गवर्नर के वक्तव्य का संदर्भ लें, जिसमें भारत में व्यवसायों और वित्तीय संस्थाओं पर कोविड 19 के प्रलम्बित प्रभाव को कम करने के उद्देश्य से कुछ अतिरिक्त विनियामकीय उपायों की घोषणा की गई है, जो बैंकिंग पर्यवेक्षण पर बासल समिति द्वारा की गई वैश्विक रूप से समन्वित कार्रवाई के अनुरूप है। इस संबंध में, 7 जून, 2019 के दबावग्रस्त आस्तियों के समाधान पर विवेकपूर्ण ढांचे (‘विवेकपूर्ण ढांचा’) के तहत समाधान समय सीमाओं के विस्तार से संबंधित विस्तृत अनुदेश निम्नलिखित हैं:
2. विवेकपूर्ण ढांचे के पैरा 11 के अनुसार, ऋणदाताओं से चूककर्ता संस्थाओं के संबंध में 30 दिन की समीक्षा अवधि के अंत से 180 दिनों के भीतर एक समाधान योजना कार्यान्वित करने की अपेक्षा है।
3. इसकी समीक्षा पर, यह निर्णय लिया गया है कि जो खाते 1 मार्च 2020 की स्थिति के अनुसार समीक्षा अवधि के भीतर थे, उनके संबंध में, 1 मार्च 2020 से 31 मई 2020 तक की अवधि को समीक्षा अवधि के लिए 30-दिवसीय समय सीमा की गणना से बाहर रखा जाएगा। ऐसे सभी खातों के संबंध में, शेष समीक्षा अवधि 1 जून 2020 से फिर से शुरू हो जाएगी, जिसकी समाप्ति पर ऋणदाताओं के पास समाधान के लिए सामान्यतः 180 दिन होंगे।
4. ऐसे खाते, जिनकी समीक्षा अवधि समाप्त हो गई थी, लेकिन 1 मार्च 2020 तक 180 दिनों की समाधान अवधि समाप्त नहीं हुई थी, समाधान की समयरेखा उस तिथि से 90 दिन तक बढ़ जाएगी, जिस तिथि को 180 दिनों की समय सीमा मूल रूप से समाप्त होने वाली थी।
5. परिणामस्वरूप, विवेकपूर्ण ढांचे के पैरा 17 में निर्दिष्ट अतिरिक्त प्रावधान करने की आवश्यकता तब आरंभ होगी, जब और जैसे उपर्युक्त विस्तारित समाधान अवधि समाप्त हो जाएगी।
6. अन्य सभी खातों के संबंध में, विवेकपूर्ण ढांचे के प्रावधान बिना किसी संशोधन के लागू रहेंगे।
7. ऋणदाता संस्थाएं 30 सितंबर 2020 को समाप्त होने वाली छमाही के साथ-साथ वित्त वर्ष 2020 और वित्त वर्ष 2021 के लिए वित्तीय विवरण तैयार करते समय ‘लेखा पर टिप्पणी’ में उन खातों के लिए प्रासंगिक प्रकटीकरण करेंगी, जिनके लिए समाधान अवधि बढ़ाई गई थी।
भवदीय,
(सौरभ सिन्हा)
प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक |