आरबीआई/2019-20/151
ए.पी. (डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 19
23 जनवरी 2020
प्रति,
सभी प्राधिकृत व्यक्ति
महोदया / महोदय
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफ.पी.आई.) के लिए ऋण में निवेश हेतु स्वैच्छिक प्रतिधारण मार्ग
(वी.आर.आर.)-रियायत
प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी–I (एडी श्रेणी–I) बैंकों का ध्यान 17 अक्तूबर 2019 को जारी अधिसूचना सं. फेमा.396/2019-आरबी के माध्यम से अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंधन (ॠण लिखत) विनियमन, 2019, समय-समय पर यथा संशोधित और इसके तहत जारी संगत निदेशों की तरफ दिलाया जाता है। 24 मई 2019 को जारी एपी (डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं.34 (इसके पश्चात निदेश के रूप में उल्लिखित) का अवलोकन भी अपेक्षित है।
2. समीक्षा करने के बाद स्वैच्छिक प्रतिधारण मार्ग (वीआरआर) के माध्यम से निवेश को नियंत्रित करने वाले निदेशों में निम्नलिखित परिवर्तन किए गए हैं।
क) निवेश की उच्चतम सीमा को रु 75,000 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 1,50,000 करोड़ किया गया है।
ख) एफपीआई जिन्हें वीआरआर के तहत निवेश सीमा आवंटित की गई है, वे अपने विवेक से, सामान्य निवेश सीमा के तहत किए गए अपने निवेश को वीआरआर में अंतरित कर सकते हैं।
ग) एफपीआई, जो केवल ऋण लिखत में निवेश करते हैं, को भी एक्सचेंज ट्रेडेड फंड में निवेश करने की अनुमति दी गई है ।
3. अद्यतन निदेश संलग्न हैं।
4. इस परिपत्र में निहित निदेशों को विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा10(4) और 11(1) के तहत जारी किया गया है और किसी अन्य कानून के तहत यदि कोई अनुमति/अनुमोदन लिया जाना अपेक्षित है, तो उन पर इससे कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ता है।
भवदीय
(सास्वत महापात्र)
उप महाप्रबंधक (प्रभारी) |