आरबीआई/2019-20/199
ए.पी. (डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 24
30 मार्च, 2020
प्रति,
सभी प्राधिकृत व्यक्ति
महोदया / महोदय
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीई) द्वारा निवेश: निवेश सीमाएँ
प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी – I (एडी श्रेणी – I) बैंकों का ध्यान 17 अक्तूबर 2019 को जारी अधिसूचना सं. फेमा.396/2019-आरबी के माध्यम से अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंधन (ॠण लिखत) विनियमन, 2019, समय-समय पर यथा संशोधित और इसके तहत जारी संगत निदेशों की तरफ दिलाया जाता है। उक्त विषय पर 27 मार्च 2019 को जारी एपी (डीआईआर शृंखला) परिपत्र सं.26 का अवलोकन भी अपेक्षित है।
2. वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए निवेश सीमाएँ
क. वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए कार्पोरेट बान्डों में एफपीआई निवेश की सीमा बकाया स्टॉक के 15% तक बढ़ा दी गई है। तदनुसार कार्पोरेट बान्डों में एफपीआई निवेश की संशोधित सीमाएँ, पूर्णांकित करने के बाद, निम्नानुसार रहेंगी (तालिका 1):
तालिका -1: वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए कार्पोरेट बान्डों में एफपीआई निवेश की सीमाएं – |
(रु. करोड़ में) |
वर्तमान एफपीआई सीमा |
3,17,000 |
अप्रैल 2020-सितंबर 2020 की छमाही के लिए संशोधित सीमा |
4,29,244 |
अक्तूबर 2020-मार्च, 2021 छमाही के लिए संशोधित सीमा |
5,41,488 |
ख. वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए केंद्र सरकार की प्रतिभूतियों (जी-सेक) और राज्य विकास ऋण (एसडीएल) में एफपीआई निवेश की संशोधित सीमाओं के बारे में अलग से सूचित किया जाएगा। अगली सूचना मिलने तक, वर्तमान सीमाएँ (तालिका - 2 के अनुसार) लागू रहेंगी।
तालिका 2 – जी-सेक और एसडीएल में एफपीआई निवेश के लिए सीमाएं |
(रु. करोड़ में) |
|
जी-सेक – सामान्य |
जी-सेक – दीर्घ अवधि |
एसडीएल – सामान्य |
एसडीएल - दीर्घ अवधि |
एफपीआई सीमा |
2,46,100 |
1,15,100 |
61,200 |
7,100 |
3. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी–I बैंकों से अपेक्षित है कि वे इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने संबंधित घटकों और ग्राहकों को भी अवगत कराएं।
4. इस परिपत्र में निहित निदेशों को विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और 11(1) के तहत जारी किया गया है और किसी अन्य कानून के तहत यदि कोई अनुमति/अनुमोदन लिया जाना अपेक्षित है, तो उन पर इससे कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ता है।
भवदीया
(डिम्पल भांडिया)
महाप्रबंधक (प्रभारी) |