भारतीय रिज़र्व बैंक
विदेशी मुद्रा विभाग
केंद्रीय कार्यालय
मुंबई
अधिसूचना सं.फेमा. 395 (1)/2020-आरबी
दिनांक 15, 2020
विदेशी मुद्रा प्रबंध (भुगतान माध्यम तथा गैर-कर्ज़ लिखतों की रिपोर्टिंग) (संशोधन) विनियमावली, 2020
विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा-47 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक एतदद्वारा विदेशी मुद्रा प्रबंध (भुगतान माध्यम तथा गैर-कर्ज़ लिखतों की रिपोर्टिंग) विनियमावली, 2019 [17 अक्तूबर 2019 की अधिसूचना सं.फेमा.395/2019-आरबी] (जिसे इसके पश्चात “मूल विनियमावली” कहा गया है) को निम्नानुसार संशोधित करता है, अर्थात:-
1. संक्षिप्त नाम और प्रारंभ :-
(i) यह विनियमावली विदेशी मुद्रा प्रबंध (भुगतान माध्यम तथा गैर-कर्ज़ लिखतों की रिपोर्टिंग) (संशोधन) विनियमावली, 2020 कहलाएगी ।
(ii) यह विनियमावली भारत के सरकारी राजपत्र में उसके प्रकाशन की तारीख से लागू होगी।
2. मूल विनियमावली के विनियम 3.1 में संशोधन
मूल विनियमावली के विनियम 3.1 में –
(i) अनुसूची संख्या-II में उल्लिखित मौजूदा प्रावधान को निम्नलिखित से प्रतिस्थापित किया जाएगा, अर्थात :
II.
अनुसूची-II
(विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों द्वारा निवेश) |
ए. भुगतान का माध्यम
(1) प्रतिफल राशि का भुगतान विदेश से बैंकिंगचैनल के माध्यम से आवक विप्रेषण के रूप में अथवा विदेशी मुद्रा प्रबंध (जमा) विनियमावली, 2016 के अनुसरण में बनाए रखे गए विदेशी मुद्रा खाते और / अथवा विशेष अनिवासी रुपया (एसएनआरआर) खाते में धारित की गई निधियों से किया जाएगा।
(2) जब तक कि इस विनियमावली अथवा संबंधित अनुसूचियों में अन्यतः विनिर्दिष्ट नहीं किया गया हो, तब तक विदेशी मुद्रा खाते और एसएनआरआर खाते का उपयोग केवल और अनन्य रूप से इस अनुसूची के तहत लेनदेन के लिए किया जाएगा।
बी. बिक्रीगत आय का विप्रेषण
इक्विटी लिखतों और भूसंपदा निवेश न्यास (REIT), बुनियादी संरचना निवेश न्यास (InViT) तथा घरेलू म्यूचुअल फ़ंड के यूनिटों की बिक्रीगत आय (लागू करों की कटौती के पश्चात) को भारत से बाहर विप्रेषित किया जा सकता है अथवा उसे संबंधित विदेशी संविभाग निवेशक (एफ़पीआई) के विदेशी मुद्रा खाते अथवा एसएनआरआर खाते में जमा किया जा सकता है। |
(ii) अनुसूची सं.VII के पैरा ए (2) पर मौजूदा प्रावधान को निम्नलिखित से प्रतिस्थापित किया जाएगा, अर्थात :
“जब तक कि इस विनियमावली अथवा संबंधित अनुसूचियों में अन्यतः विनिर्दिष्ट नहीं किया गया हो, तब तक विदेशी मुद्रा खाते और एसएनआरआर खाते का उपयोग केवल और अनन्य रूप से इस अनुसूची के तहत लेनदेन के लिए किया जाएगा।’’
(iii) अनुसूची सं.VIII पर मौजूदा प्रावधान को निम्नलिखित से प्रतिस्थापित किया जाएगा, अर्थात :
VIII. अनुसूची-VIII
(भारत के बाहर के निवासी व्यक्ति द्वारा किसी निवेश माध्यम में निवेश |
ए. भुगतान माध्यम
प्रतिफल राशि का भुगतान विदेश से बैंकिंग चैनल के माध्यम से आवक विप्रेषण के रूप में अथवा किसी विशेष प्रयोजन माध्यम (एसपीवी) के शेयरों को स्वैप कर के अथवा विदेशी मुद्रा प्रबंध (जमा) विनियमावली, 2016 के अनुसरण में बनाए रखे गए अनिवासी बाह्य (एनआरई) / एफ़सीएनआर (बी) खातों में धारित की गई निधियों से किया जाएगा।
साथ ही किसी एफ़पीआई अथवा एफ़वीसीआई के लिए प्रतिफल राशि का भुगतान भारत में स्टॉक एक्स्चेंज पर सूचीबद्ध किए गए अथवा किए जाने वाले (प्राथमिक निर्गम) निवेश माध्यम की यूनिटों की ट्रेडिंग के लिए उनके एसएनआरआर खाते में से किया जाए।
बी. बिक्री से / परिपक्वता पर प्राप्त आय का विप्रेषण
यूनिटों की बिक्री से / परिपक्वता पर प्राप्त आय (लागू करों की कटौती के पश्चात) को भारत से बाहर विप्रेषित किया जा सकता है अथवा उसे संबंधित व्यक्ति के यथा लागू अनिवासी बाह्य (एनआरई) / एफ़सीएनआर(बी) अथवा एसएनआरआर खातों में जमा किया जा सकता है। |
(अजय कुमार मिश्र)
प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक
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